Saturday 22 April 2017

ज़िन्दगी अपनी तेरी चाहत में संवार लूँ

तेरे हर ग़म को अपनी रूह में उतार लूँ;
ज़िन्दगी अपनी तेरी चाहत में संवार लूँ;
मुलाक़ात हो तुझसे कुछ इस तरह मेरी;
सारी उम्र बस एक मुलाक़ात में गुज़ार लूँ⬋⬋

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