Friday 14 April 2017

जहाँ थी मेरी मंजिल वहीँ तेरा आशियाना

उस फलक के तीर का क्या निशाना था;
जहाँ थी मेरी मंजिल वहीँ तेरा आशियाना था;
बस पहुंच ही रही थी कश्ती साहिल पे;
इस तूफ़ान को भी अभी आना था↶↶↶

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