Thursday 13 April 2017

मोहब्बत की हवा जिस्म की दवा बन गयी

मोहब्बत की हवा जिस्म की दवा बन गयी;
दूरी आपकी मेरी चाहत की सज़ा बन गयी;
कैसे भूलूँ आपको एक पल के लिए भी;
आपकी याद हमारे जीने की वजह बन गयी⇒⇒⇒

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