Saturday 8 April 2017

नींद भी नीलाम हो जाती है बाजार-ए-इश्क़ में

नींद भी नीलाम हो जाती है बाजार-ए-इश्क़ में,
इतना आसान भी नहीं किसी को भूल कर सो जाना↩↩↩

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