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Saturday 25 February 2017

Saturday 3 December 2016

वो जिसकी याद मे हमने

➤वो जिसकी याद मे हमने
➤खर्च दी जिन्दगी अपनी।
➤वो शख्श आज मुझको
➤गरीब कह के चला गया

Monday 28 November 2016

जो वक़्त-बेवक़्त हमारी ही चर्चा किया करते हैं

➤शायद अब दुश्मन भी मुरीद हैं हमारे,
➤जो वक़्त-बेवक़्त हमारी ही चर्चा किया करते हैं,
➤छुपा के खंजर बगल में हमारी गली से गुज़रते हैं,
➤और मिलने पर सलाम-नमस्ते किया करते हैं।