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Friday 21 April 2017

मैं तोड़ लेता अगर तू गुलाब होती

मैं तोड़ लेता अगर तू गुलाब होती;
मैं जवाब बनता अगर तू सवाल होती;
सब जानते है मैं शरब नहीं पीता;
मगर मैं भी पी लेता अगर तू शराब होती⬋⬋

Sunday 16 April 2017

वक़्त का पता नहीं चलता अपनों के साथ

वक़्त का पता नहीं चलता अपनों के साथ,
पर अपनों का पता चलता है, वक़्त के साथ;
वक़्त नहीं बदलता अपनों के साथ,
पर अपने ज़रूर बदल जाते हैं वक़्त के साथ⤸⤸⤸⤸⤸