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Friday, 21 April 2017

इसलिए मेरी ज़िन्दगी का दूसरा नाम

फ़िज़ा की महकती शाम हो तुम,
प्यार में छलकता जाम हो तुम,
सीने में छुपाये फिरता हूँ यादें तुम्हारी,
इसलिए मेरी ज़िन्दगी का दूसरा नाम हो तुम⬋⬋⬋

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