hindi shayari sad gum


  • दिल के टूटने से नही होती है आवाज़!
  • आंसू के बहने का नही होता है अंदाज़!
  • गम का कभी भी हो सकता है आगाज़!
  • और दर्द के होने का तो बस होता है एहसास । ...
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  • मेरे दिल की दुनिया पे तेरा ही राज था।
  • कभी तेरे सीर पर भी वफाओ का ताज था।
  • तूने मेरा दिल तोडा पर पता न चला तुझको।
  • क्योंकि टुटा दिल दीवाने का बे आवाज था। ...
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  • जख्म बन जाने की आदत है उसकी,
  • रूला कर मुस्कुराने की आदत है उसकी,
  • मिलेगें कभी तो खूब रूलाएगें उसको,
  • सुना है रोते हुए लिपट जाने की आदत है उसकी..!! ...
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  • जो जले थे हमारे लिऐ,
  • बुझ रहे है वो सारे दिये,
  • कुछ अंधेरों की थी साजिशें,
  • कुछ उजालों ने धोखे दिऐ.. ...
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  • किस्मत ने जैसा चाहा वैसे ढल गए हम ,
  • बहुत संभल के चले फिर भी फिसल गए हम ,
  • किसी ने विश्वास तोडा तो किसी ने दिल ,
  • और लोगो को लगा की बदल गए हम ... ...
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  • उमर की राह मे रस्ते बदल जाते हैं,
  • वक्त की आंधी में इन्सान बदल जाते हैं,
  • सोचते हैं तुम्हें इतना याद न करें,
  • लेकिन आंखें बंद करते ही इरादे बदल जाते ...
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  • जमीन जल चुकी है आसमान बाकी है,
  • दरख्तों तुम्हारा इम्तहान बाकी है,
  • वो जो खेतों की मेढ़ों पर उदास बैठे हैं,
  • उन्ही की आखों में अब तक ईमान बाकी है,
  • बादलों अब तो बरस जाओ सूखी जमीनों पर,
  • मकान गिरवी है और लगान बाकी है..
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  • उठ-उठ के बैठते हैं रातों का हाल है,
  • दिन एक गुजरता है जैसे एक साल है,
  • फिर भी न हो यकीन मेरी आँखों से पूछ लो,
  • जब से गए हो आज तक गीला रुमाल है ।। ...
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  • कदम दो चार चलता हूँ, मुकद्दर रूठ जाता है,
  • हर इक उम्मीद से रिश्ता हमारा टूट जाता है,
  • जमाने को सम्भालूँ गर तो तुमसे दूर होता हूँ,
  • तेरा दामन सम्भालूँ तो, जमाना छूट जाता है..।। ...
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  • वो मुहब्बत भी उसकी थी वो नफरत भी उसकी थी ,
  • वो अपनाने और ठुकराने की अदा भी उसकी थी !
  • मैं अपनी वफा का इन्साफ किस से मांगता ,
  • वो शहर भी उसका था वो अदालत भी उसकी थी ! ...
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  • मुहब्बत की क़िसमत बनाने से पहले,
  • ज़माने के मालिक तू रोया तो होगा,
  • मुहब्बत पे ये ज़ुल्म ढाने से पहले,
  • ज़माने के मालिक तू रोया तो होगा..

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  • टूटे हुए प्याले में जाम नहीं आता...
  • इश्क़ में मरीज को आराम नहीं आता...
  • ऐ मालिक बारिश करने से पहले
  • ये सोच तो लिया होता,
  • कि भीगा हुआ गेहूँ किसी काम नहीं आता... ...
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  • जब भी होगी पहली बारिश,
  • तुमको सामने पायेंग़े..
  • वो बुंदो से भरा चेहरा,
  • तुम्हारा हम कैसे देख पायेंगे..
  • बहेगी जब भी सर्द हवाये,
  • हम खुद को तन्हा पायेंगे..
  • ... एहसास तुम्हारे साथ का,
  • हम कैसे महसूस कर पायेंगे..
  • इस डुबती हुई ज़िन्दगी मे,
  • तो हम बिल्कुल ही रुक जायेंगे..
  • थाम लो हमे गिरने से पहल...


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  • ये बेवफा वफा की कीमत क्या जाने !!
  • है बेवफा गम-ऐ मोहब्बत क्या जाने !!
  • जिन्हे मिलता है हर मोड पर नया हमसफर !!
  • वो भला प्यार की कीमत क्या जाने !! ...
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  • बिछड़ के तुम से ज़िंदगी सज़ा लगती है,
  • यह साँस भी जैसे मुझ से ख़फ़ा लगती है,
  • तड़प उठता हूँ दर्द के मारे, ...
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  • वो रोए तो बहुत, पर मुझसे मुँह मोड कर रोए,
  • कोई मजबूरी होगी तो दिल तोड कर रोए,
  • मेरे सामने कर दिए मेरे तस्वीर के टुकड़े,
  • पता चला मेरे पीछे वो उन्हें जोड कर रोए.. ...
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  • कुछ खवाब सुहाने टुट गऐ,
  • कुछ यार पुराने रूठ गऐ..
  • कुछ जख्म लगे थे चहरे पर,
  • कुछ अन्दर से हम टुट गऐ..
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  • हम उम्मीदों की दुनियां बसाते रहे,
  • वो भी पल पल हमे आजमाते रहे,
  • जब मोहब्बत मे मरने का वक्त आया,
  • हम मर गए और वो मूस्कूराते रहे.. ...
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  • तेरी डोली उठी, मेरी मैय्‍यत उठी;
  • फूल तुझ पर भी बरसे, फूल मुझ पर भी बरसे;
  • फर्क सिर्फ इतना सा था, तू सज गई, मुझे सजाया गया;
  • तू भी घर को चली, मैं भी घर को चला;
  • फर्क सिर्फ इतना सा था, तू उठ के गई, मुझे उठाया गया;
  • महफि‍ल वहां भी थी, लोग यहां भी थे;
  • फर्क सिर्फ इतना सा था, उनका हंसना वहां, इनका रोना...
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  • ये हम भी गंवारा करते हैं,
  • ये तुम भी गंवारा कर लेना।।
  • रो रो के गुजारी है हमने,
  • तुम हँस के गुजारा कर लेना।।
  • बेताबी हद से बढ़ जाऐ,
  • और नींद आऐ रातों को।।
  • तो डूब के मेरी यादों में,
  • दुनियाँ से किनारा कर लेना।।
  • जिस वक्त जनाजा गुजरेगा,
  • उस शकस का तेरे कूचे से।।
  • ज्जबात पे काबू कर लेना,
  • खिडकी से नज़ारा कर लेना


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  • तुम्हारी यादों में बीती हर बात अलग है,
  • तुम्हारे साथ हुई हर मुलाकात अलग है,
  • हर शख़्स मेरी ज़िन्दगी छूकर गया,
  • मगर तुम्हारी दोसती की बात अलग है... ...
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  • मेरे अरमानों की खातिर, मुझ से दूर चले जाओगे
  • मेरी ज़िद ऐसी है क्या कि हो मजबूर चले जाओगे
  • प्यार किया था न तुमने तो अब इतनी जल्दी क्या
  • अपना पागलपन छोडो, तुम क्या दूर चले जाओगे.... ...
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  • महक होती तो तितलियाँ जरूर आती,
  • कोई रोता तो सिसकियाँ जरूर आती,
  • कहने को तो लोग मुझे बुहत याद करते है,
  • मगर याद करते तो हिचकियाँ जरूर आती..!! ...
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  • कभी आंसू तो कभी ख़ुशी देखी,
  • हमने अक्सर मजबूरी और बेकसी देखी..
  • उनकी नाराज़गी को हम क्या समझें,
  • हमने तो खुद अपनी तकदीर की बेबसी देखी.. ...
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  • महफील भी रोयेगी, हर दिल भी रोयेगा,
  • डुबी जो मेरी कस्ती तो साहील भी रोयेगा,
  • हम इतना प्यार बीखेर देगे इस दुनीयाँ में के,
  • मेरी मौत पे मेरा कातील भी रोयेगा.. ...
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  • इतनी बदसलूकी ना कर ऐ जिदंगी .....
  • हम कौन सा यहाँ बार बार आने वाले है ...
  • सुना है जिदंगी इम्तहान लेती है .....
  • यहाँ तो इम्तहानों ने जिदंगी ले रखी है ... ...
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  • बड़ी मुश्किल से बना हूँ टूट जाने के बाद,
  • मैं आज भी रो देता हूँ मुस्कुराने के बाद,
  • तुझ से मोहब्बत थी मुझे बेइन्तहा लेकिन,
  • अक्सर ये महसूस हुआ तेरे जाने के बाद। ...

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  • आजकल कहाँ वफा का सिला देते है लोग,
  • अब तो मोहब्बत की स़जा देते है लोग,
  • पहले सजाते है दिलों मे चाहतों का ख्वाब,
  • फिर एतबार को आग लगा देते है लोग.. ...
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  • एक दिन जब हुआ प्यार का अहसास उन्हें,
  • वो सारा दिन आकर हमारे पास रोते रहे,
  • और हम भी इतने खुद गर्ज़ निकले यारों कि,
  • आँखे बंद कर के कफ़न में सोते रहे। ...
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  • प्यार तो जिन्दगी को सजाने के लिए है,
  • पर जिन्दगी बस दर्द बहाने के लिए है,
  • मेरे अन्दर की उदासी काश कोई पढे,
  • ये हसता हुआ चेहरा तो जमाने के लिए है.. 
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  • एक शख्स दगा कर रहा है हर किसी के साथ,
  • नजरों से जमानें के मुकम्मल उतर गया।
  • इजहारे मोहब्बत का जुनूँ गौर से देखो,
  • पहली ही मुलाकात में परवाना मर गया। ...
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  • कहां से लाऊं हुनर उसे मनाने का ,
  • कोई जबाब नही था उसके रूठ जानेका ,
  • मोहब्बत मे सजा मुझे ही मिलती है क्योकि,
  • जुर्म मैने किया था उससे दिल लगाने का.. ...
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  • कितना अजीब अपनी जिन्दगी का सफर निकला,
  • सारे जहाँ का दर्द अपना मुकद्दर निकला,
  • जिस के नाम अपनी जिन्दगी का हर लम्हा कर दिया,
  • अफसोस वही हमारी चाहत से बेखबर निकला..!! 
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  • कहाँ कोई ऐसा मिला जिस पर हम दुनिया लुटा देते,
  • हर एक ने धोखा दिया, किस-किस को भुला देते,
  • अपने दिल का ज़ख्म दिल में ही दबाये रखा,
  • बयां करते तो महफ़िल को रुला देते। ...
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  • फुर्सत किसे है ज़ख्मों को सरहाने की;
  • निगाहें बदल जाती हैं अपने बेगानों की;
  • तुम भी छोड़कर चले गए हमें;
  • अब तम्मना न रही किसी से दिल लगाने की। ...
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  • कुछ खवाब सुहाने टुट गऐ,
  • कुछ यार पुराने रूठ गऐ..
  • कुछ जख्म लगे थे चहरे पर,
  • कुछ अन्दर से हम टुट गऐ..
  • कुछ हम थे तबीयत के सादे,
  • कुछ लोग बेगाने लुट गऐ..
  • कुछ अपनो ने बदनाम किया,
  • कुछ बन अफसाने झूठ गऐ..
  • कुछ अपनी शिकस्ता नाव थी,
  • कुछ हमसे किनारे छुट गऐ.. 
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  • टूटे हुए दिल ने भी उसके लिए दुआ मांगी,
  • मेरी साँसों ने हर पर उसकी ख़ुशी मांगी..
  • न जाने कैसी दिल्लगी थी उस बेवफा से,
  • के मैंने आखिरी ख्वाहिश में भी उसकी वफ़ा मांगी.. ...
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  • वो पानी की लहरों पे क्या लिख रहा था,
  • खुदा जाने हरफ-ऐ-दुआ लिख रहा था,
  • महोब्बत में नफरत मिली थी उसे भी,
  • जो हर शकस को बेवफा लिख रहा था.. 
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  • तरसते थे जो हमसे मिलने को कभी,
  • ना जाने क्युँ आज मेरे साऐ से भी वो कतराते है,
  • हम भी वो ही है और दिल भी वही है,
  • ना जाने क्युँ लोग बदल जाते है... 
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  • मानते हैं सारा जहाँ तेरे साथ होगा,
  • खुशी का हर लम्हा तेरे पास होगा,
  • जिस दिन टूट जाऐगी साँसे हमारी,
  • उस दिन तुझे हमारी कमी का एहसास होगा.. 
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  • एक नजर भी देखना गंवारा नहीं उसे,
  • जरा भी ऐहसास हमारा नहीं उसे,
  • वो साहिल से देखते रहे डुबना हमारा,
  • हम भी खुदार थे पुकारा नहीं उसे.. 
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  • सब कुछ मिला सुकून की दौलत न मिली;
  • एक तुझको भूल जाने की मोहलत न मिली;
  • करने को बहुत काम थे अपने लिए मगर;
  • हमको तेरे ख्याल से कभी फुर्सत न मिली। ...
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  • दर्द होता है मगर शिकवा नहीं करते ,
  • कौन कहता है की हम वफा नहीं करते ,
  • आखिर क्‍यूं नहीं बदलती तक़दीर ‘आशिक़’ की ,
  • क्या मुझको चाहने वाले मेरे लिये दुआ नहीं करते !! ...
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  • वो पास आते तो हम बात कर लेते,
  • वो साथ रहते तो हम प्यार कर लेते,
  • क्या मजबूरी रही जो वो चले गऐ,
  • वजह तो बताते हम इन्तजार कर लेते.. 
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  • मुझे उससे कोई शिकायत ही नहीं,
  • शायद हमारी किसमत में चाहत ही नहीं,
  • मेरी तकदीर को लिखकर खुदा भी मुकर गया,
  • पूछा तो बोला ये मेरी लिखावट ही नही.. 
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  • कभी आंसू तो कभी ख़ुशी देखी,
  • हमने अक्सर मजबूरी और बेकसी देखी..
  • उनकी नाराज़गी को हम क्या समझें,
  • हमने तो खुद अपनी तकदीर की बेबसी देखी. ...
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  • रात क्या ढली सितारे चले गए,
  • गैरों से क्या शिकायत जब हमारे चले गए,
  • जीत सकते थे हम भी इश्क की बाजी,
  • पर उनको जिताने की धुन मे हम हारे चले गए.. ...
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  • मुहब्बत में किसी का इंतजार मत करना,
  • हो सके तो किसी से प्यार मत करना,
  • कुछ नहीं मिलता मुहब्बत कर के,
  • खुद कि ज़िन्दगी बेकार मत करना.. ...
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  • गमों की मुझ पर कुछ ऐसी नजर हो गई,
  • जब भी हम हँसे ये आँखे नम हो गई,
  • हम रोऐ भी तो वो जान ना सके..
  • और वो उदास भी हुऐ तो हमें खबर हो गई.. 
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  • आज हम उन्हें बेवफ़ा बताकर आये हैं,
  • उनके खतों को पानी में बहाकर आये हैं,
  • कोई निकालकर पढ़ ना ले खतों को,
  • इसलिए पानी में भी आग लगाकर आये हैं.. ...
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  • महोब्बत मुक्कदर है कोई खवाब नहीं,
  • ये वो अदा है जिसमें सब कामयाब नहीं,
  • जिन्हें पनाह मिली उन्हें उंगलियों पे गिनो,
  • जो बर्बाद हुऐ उनका हिसाब नहीं... 
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  • शायद ज़िंदगी में हम उनको पहेले से ही जान लेते,
  • उनके कदमो कि आहत पहेले से ही पहेचान जाते.
  • तो शायद हमारे दिल का ये हाल ना होता,
  • और ज़िंदगी में आज उस बेवफ़ा का नाम ना होता. ...
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  • आँसू न होते तो,
  • आँखेँ इतनी सुंदर न होती,
  • दर्द न होता तो,
  • खुशी की कोई कीमत न होती,
  • अगर मिल जाता कोई चाहने,
  • तो दुनिया मेँ ऊपर वाले जरुरत न हो.. ...
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  • बदलना आता नहीं हमको मौसम की तरह !
  • हर एक रूप में तेरा इंतज़ार करते हैं......!!
  • न तुम समेट सकोगी जिसे क़यामत तक !
  • कसम तुम्हारी तुम्हे इतना प्यार करते हैं !! ...
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  • छोड़िये हमारी परवाह न कीजिये ,
  • गलतियों पर हमारी वाह-वाह न कीजिये,
  • जो करना है हमेशा दिल खोल कर करो,
  • बस गलती से भी कोई गुन्हा न कीजिये,
  • इतनी भी अब हमें वफ़ादारी न दिखाओ,
  • सर्द रातों में हमारी यु हवा न कीजिये,
  • दोस्ती में किसी का दिल न दुखाना,
  • हो सके तो किसी के साथ दगा न कीजिये,
  • मुहब्बत में खुद को बर्बाद न...

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