- दिल के टूटने से नही होती है आवाज़!
- आंसू के बहने का नही होता है अंदाज़!
- गम का कभी भी हो सकता है आगाज़!
- और दर्द के होने का तो बस होता है एहसास । ...
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- मेरे दिल की दुनिया पे तेरा ही राज था।
- कभी तेरे सीर पर भी वफाओ का ताज था।
- तूने मेरा दिल तोडा पर पता न चला तुझको।
- क्योंकि टुटा दिल दीवाने का बे आवाज था। ...
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- जख्म बन जाने की आदत है उसकी,
- रूला कर मुस्कुराने की आदत है उसकी,
- मिलेगें कभी तो खूब रूलाएगें उसको,
- सुना है रोते हुए लिपट जाने की आदत है उसकी..!! ...
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- जो जले थे हमारे लिऐ,
- बुझ रहे है वो सारे दिये,
- कुछ अंधेरों की थी साजिशें,
- कुछ उजालों ने धोखे दिऐ.. ...
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- किस्मत ने जैसा चाहा वैसे ढल गए हम ,
- बहुत संभल के चले फिर भी फिसल गए हम ,
- किसी ने विश्वास तोडा तो किसी ने दिल ,
- और लोगो को लगा की बदल गए हम ... ...
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- उमर की राह मे रस्ते बदल जाते हैं,
- वक्त की आंधी में इन्सान बदल जाते हैं,
- सोचते हैं तुम्हें इतना याद न करें,
- लेकिन आंखें बंद करते ही इरादे बदल जाते ...
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- जमीन जल चुकी है आसमान बाकी है,
- दरख्तों तुम्हारा इम्तहान बाकी है,
- वो जो खेतों की मेढ़ों पर उदास बैठे हैं,
- उन्ही की आखों में अब तक ईमान बाकी है,
- बादलों अब तो बरस जाओ सूखी जमीनों पर,
- मकान गिरवी है और लगान बाकी है..
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- उठ-उठ के बैठते हैं रातों का हाल है,
- दिन एक गुजरता है जैसे एक साल है,
- फिर भी न हो यकीन मेरी आँखों से पूछ लो,
- जब से गए हो आज तक गीला रुमाल है ।। ...
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- कदम दो चार चलता हूँ, मुकद्दर रूठ जाता है,
- हर इक उम्मीद से रिश्ता हमारा टूट जाता है,
- जमाने को सम्भालूँ गर तो तुमसे दूर होता हूँ,
- तेरा दामन सम्भालूँ तो, जमाना छूट जाता है..।। ...
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- वो मुहब्बत भी उसकी थी वो नफरत भी उसकी थी ,
- वो अपनाने और ठुकराने की अदा भी उसकी थी !
- मैं अपनी वफा का इन्साफ किस से मांगता ,
- वो शहर भी उसका था वो अदालत भी उसकी थी ! ...
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- मुहब्बत की क़िसमत बनाने से पहले,
- ज़माने के मालिक तू रोया तो होगा,
- मुहब्बत पे ये ज़ुल्म ढाने से पहले,
- ज़माने के मालिक तू रोया तो होगा..
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- टूटे हुए प्याले में जाम नहीं आता...
- इश्क़ में मरीज को आराम नहीं आता...
- ऐ मालिक बारिश करने से पहले
- ये सोच तो लिया होता,
- कि भीगा हुआ गेहूँ किसी काम नहीं आता... ...
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- जब भी होगी पहली बारिश,
- तुमको सामने पायेंग़े..
- वो बुंदो से भरा चेहरा,
- तुम्हारा हम कैसे देख पायेंगे..
- बहेगी जब भी सर्द हवाये,
- हम खुद को तन्हा पायेंगे..
- ... एहसास तुम्हारे साथ का,
- हम कैसे महसूस कर पायेंगे..
- इस डुबती हुई ज़िन्दगी मे,
- तो हम बिल्कुल ही रुक जायेंगे..
- थाम लो हमे गिरने से पहल...
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- ये बेवफा वफा की कीमत क्या जाने !!
- है बेवफा गम-ऐ मोहब्बत क्या जाने !!
- जिन्हे मिलता है हर मोड पर नया हमसफर !!
- वो भला प्यार की कीमत क्या जाने !! ...
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- बिछड़ के तुम से ज़िंदगी सज़ा लगती है,
- यह साँस भी जैसे मुझ से ख़फ़ा लगती है,
- तड़प उठता हूँ दर्द के मारे, ...
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- वो रोए तो बहुत, पर मुझसे मुँह मोड कर रोए,
- कोई मजबूरी होगी तो दिल तोड कर रोए,
- मेरे सामने कर दिए मेरे तस्वीर के टुकड़े,
- पता चला मेरे पीछे वो उन्हें जोड कर रोए.. ...
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- कुछ खवाब सुहाने टुट गऐ,
- कुछ यार पुराने रूठ गऐ..
- कुछ जख्म लगे थे चहरे पर,
- कुछ अन्दर से हम टुट गऐ..
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- हम उम्मीदों की दुनियां बसाते रहे,
- वो भी पल पल हमे आजमाते रहे,
- जब मोहब्बत मे मरने का वक्त आया,
- हम मर गए और वो मूस्कूराते रहे.. ...
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- तेरी डोली उठी, मेरी मैय्यत उठी;
- फूल तुझ पर भी बरसे, फूल मुझ पर भी बरसे;
- फर्क सिर्फ इतना सा था, तू सज गई, मुझे सजाया गया;
- तू भी घर को चली, मैं भी घर को चला;
- फर्क सिर्फ इतना सा था, तू उठ के गई, मुझे उठाया गया;
- महफिल वहां भी थी, लोग यहां भी थे;
- फर्क सिर्फ इतना सा था, उनका हंसना वहां, इनका रोना...
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- ये हम भी गंवारा करते हैं,
- ये तुम भी गंवारा कर लेना।।
- रो रो के गुजारी है हमने,
- तुम हँस के गुजारा कर लेना।।
- बेताबी हद से बढ़ जाऐ,
- और नींद आऐ रातों को।।
- तो डूब के मेरी यादों में,
- दुनियाँ से किनारा कर लेना।।
- जिस वक्त जनाजा गुजरेगा,
- उस शकस का तेरे कूचे से।।
- ज्जबात पे काबू कर लेना,
- खिडकी से नज़ारा कर लेना
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- तुम्हारी यादों में बीती हर बात अलग है,
- तुम्हारे साथ हुई हर मुलाकात अलग है,
- हर शख़्स मेरी ज़िन्दगी छूकर गया,
- मगर तुम्हारी दोसती की बात अलग है... ...
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- मेरे अरमानों की खातिर, मुझ से दूर चले जाओगे
- मेरी ज़िद ऐसी है क्या कि हो मजबूर चले जाओगे
- प्यार किया था न तुमने तो अब इतनी जल्दी क्या
- अपना पागलपन छोडो, तुम क्या दूर चले जाओगे.... ...
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- महक होती तो तितलियाँ जरूर आती,
- कोई रोता तो सिसकियाँ जरूर आती,
- कहने को तो लोग मुझे बुहत याद करते है,
- मगर याद करते तो हिचकियाँ जरूर आती..!! ...
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- कभी आंसू तो कभी ख़ुशी देखी,
- हमने अक्सर मजबूरी और बेकसी देखी..
- उनकी नाराज़गी को हम क्या समझें,
- हमने तो खुद अपनी तकदीर की बेबसी देखी.. ...
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- महफील भी रोयेगी, हर दिल भी रोयेगा,
- डुबी जो मेरी कस्ती तो साहील भी रोयेगा,
- हम इतना प्यार बीखेर देगे इस दुनीयाँ में के,
- मेरी मौत पे मेरा कातील भी रोयेगा.. ...
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- इतनी बदसलूकी ना कर ऐ जिदंगी .....
- हम कौन सा यहाँ बार बार आने वाले है ...
- सुना है जिदंगी इम्तहान लेती है .....
- यहाँ तो इम्तहानों ने जिदंगी ले रखी है ... ...
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- बड़ी मुश्किल से बना हूँ टूट जाने के बाद,
- मैं आज भी रो देता हूँ मुस्कुराने के बाद,
- तुझ से मोहब्बत थी मुझे बेइन्तहा लेकिन,
- अक्सर ये महसूस हुआ तेरे जाने के बाद। ...
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- आजकल कहाँ वफा का सिला देते है लोग,
- अब तो मोहब्बत की स़जा देते है लोग,
- पहले सजाते है दिलों मे चाहतों का ख्वाब,
- फिर एतबार को आग लगा देते है लोग.. ...
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- एक दिन जब हुआ प्यार का अहसास उन्हें,
- वो सारा दिन आकर हमारे पास रोते रहे,
- और हम भी इतने खुद गर्ज़ निकले यारों कि,
- आँखे बंद कर के कफ़न में सोते रहे। ...
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- प्यार तो जिन्दगी को सजाने के लिए है,
- पर जिन्दगी बस दर्द बहाने के लिए है,
- मेरे अन्दर की उदासी काश कोई पढे,
- ये हसता हुआ चेहरा तो जमाने के लिए है..
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- एक शख्स दगा कर रहा है हर किसी के साथ,
- नजरों से जमानें के मुकम्मल उतर गया।
- इजहारे मोहब्बत का जुनूँ गौर से देखो,
- पहली ही मुलाकात में परवाना मर गया। ...
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- कहां से लाऊं हुनर उसे मनाने का ,
- कोई जबाब नही था उसके रूठ जानेका ,
- मोहब्बत मे सजा मुझे ही मिलती है क्योकि,
- जुर्म मैने किया था उससे दिल लगाने का.. ...
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- कितना अजीब अपनी जिन्दगी का सफर निकला,
- सारे जहाँ का दर्द अपना मुकद्दर निकला,
- जिस के नाम अपनी जिन्दगी का हर लम्हा कर दिया,
- अफसोस वही हमारी चाहत से बेखबर निकला..!!
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- कहाँ कोई ऐसा मिला जिस पर हम दुनिया लुटा देते,
- हर एक ने धोखा दिया, किस-किस को भुला देते,
- अपने दिल का ज़ख्म दिल में ही दबाये रखा,
- बयां करते तो महफ़िल को रुला देते। ...
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- फुर्सत किसे है ज़ख्मों को सरहाने की;
- निगाहें बदल जाती हैं अपने बेगानों की;
- तुम भी छोड़कर चले गए हमें;
- अब तम्मना न रही किसी से दिल लगाने की। ...
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- कुछ खवाब सुहाने टुट गऐ,
- कुछ यार पुराने रूठ गऐ..
- कुछ जख्म लगे थे चहरे पर,
- कुछ अन्दर से हम टुट गऐ..
- कुछ हम थे तबीयत के सादे,
- कुछ लोग बेगाने लुट गऐ..
- कुछ अपनो ने बदनाम किया,
- कुछ बन अफसाने झूठ गऐ..
- कुछ अपनी शिकस्ता नाव थी,
- कुछ हमसे किनारे छुट गऐ..
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- टूटे हुए दिल ने भी उसके लिए दुआ मांगी,
- मेरी साँसों ने हर पर उसकी ख़ुशी मांगी..
- न जाने कैसी दिल्लगी थी उस बेवफा से,
- के मैंने आखिरी ख्वाहिश में भी उसकी वफ़ा मांगी.. ...
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- वो पानी की लहरों पे क्या लिख रहा था,
- खुदा जाने हरफ-ऐ-दुआ लिख रहा था,
- महोब्बत में नफरत मिली थी उसे भी,
- जो हर शकस को बेवफा लिख रहा था..
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- तरसते थे जो हमसे मिलने को कभी,
- ना जाने क्युँ आज मेरे साऐ से भी वो कतराते है,
- हम भी वो ही है और दिल भी वही है,
- ना जाने क्युँ लोग बदल जाते है...
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- मानते हैं सारा जहाँ तेरे साथ होगा,
- खुशी का हर लम्हा तेरे पास होगा,
- जिस दिन टूट जाऐगी साँसे हमारी,
- उस दिन तुझे हमारी कमी का एहसास होगा..
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- एक नजर भी देखना गंवारा नहीं उसे,
- जरा भी ऐहसास हमारा नहीं उसे,
- वो साहिल से देखते रहे डुबना हमारा,
- हम भी खुदार थे पुकारा नहीं उसे..
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- सब कुछ मिला सुकून की दौलत न मिली;
- एक तुझको भूल जाने की मोहलत न मिली;
- करने को बहुत काम थे अपने लिए मगर;
- हमको तेरे ख्याल से कभी फुर्सत न मिली। ...
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- दर्द होता है मगर शिकवा नहीं करते ,
- कौन कहता है की हम वफा नहीं करते ,
- आखिर क्यूं नहीं बदलती तक़दीर ‘आशिक़’ की ,
- क्या मुझको चाहने वाले मेरे लिये दुआ नहीं करते !! ...
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- वो पास आते तो हम बात कर लेते,
- वो साथ रहते तो हम प्यार कर लेते,
- क्या मजबूरी रही जो वो चले गऐ,
- वजह तो बताते हम इन्तजार कर लेते..
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- मुझे उससे कोई शिकायत ही नहीं,
- शायद हमारी किसमत में चाहत ही नहीं,
- मेरी तकदीर को लिखकर खुदा भी मुकर गया,
- पूछा तो बोला ये मेरी लिखावट ही नही..
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- कभी आंसू तो कभी ख़ुशी देखी,
- हमने अक्सर मजबूरी और बेकसी देखी..
- उनकी नाराज़गी को हम क्या समझें,
- हमने तो खुद अपनी तकदीर की बेबसी देखी. ...
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- रात क्या ढली सितारे चले गए,
- गैरों से क्या शिकायत जब हमारे चले गए,
- जीत सकते थे हम भी इश्क की बाजी,
- पर उनको जिताने की धुन मे हम हारे चले गए.. ...
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- मुहब्बत में किसी का इंतजार मत करना,
- हो सके तो किसी से प्यार मत करना,
- कुछ नहीं मिलता मुहब्बत कर के,
- खुद कि ज़िन्दगी बेकार मत करना.. ...
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- गमों की मुझ पर कुछ ऐसी नजर हो गई,
- जब भी हम हँसे ये आँखे नम हो गई,
- हम रोऐ भी तो वो जान ना सके..
- और वो उदास भी हुऐ तो हमें खबर हो गई..
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- आज हम उन्हें बेवफ़ा बताकर आये हैं,
- उनके खतों को पानी में बहाकर आये हैं,
- कोई निकालकर पढ़ ना ले खतों को,
- इसलिए पानी में भी आग लगाकर आये हैं.. ...
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- महोब्बत मुक्कदर है कोई खवाब नहीं,
- ये वो अदा है जिसमें सब कामयाब नहीं,
- जिन्हें पनाह मिली उन्हें उंगलियों पे गिनो,
- जो बर्बाद हुऐ उनका हिसाब नहीं...
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- शायद ज़िंदगी में हम उनको पहेले से ही जान लेते,
- उनके कदमो कि आहत पहेले से ही पहेचान जाते.
- तो शायद हमारे दिल का ये हाल ना होता,
- और ज़िंदगी में आज उस बेवफ़ा का नाम ना होता. ...
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- आँसू न होते तो,
- आँखेँ इतनी सुंदर न होती,
- दर्द न होता तो,
- खुशी की कोई कीमत न होती,
- अगर मिल जाता कोई चाहने,
- तो दुनिया मेँ ऊपर वाले जरुरत न हो.. ...
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- बदलना आता नहीं हमको मौसम की तरह !
- हर एक रूप में तेरा इंतज़ार करते हैं......!!
- न तुम समेट सकोगी जिसे क़यामत तक !
- कसम तुम्हारी तुम्हे इतना प्यार करते हैं !! ...
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- छोड़िये हमारी परवाह न कीजिये ,
- गलतियों पर हमारी वाह-वाह न कीजिये,
- जो करना है हमेशा दिल खोल कर करो,
- बस गलती से भी कोई गुन्हा न कीजिये,
- इतनी भी अब हमें वफ़ादारी न दिखाओ,
- सर्द रातों में हमारी यु हवा न कीजिये,
- दोस्ती में किसी का दिल न दुखाना,
- हो सके तो किसी के साथ दगा न कीजिये,
- मुहब्बत में खुद को बर्बाद न...
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