- रस रंग भरे मन में होली ,
- जीवन में प्रेम भरे होली ।
- मुस्कान रचे !!सब अधरन पर,
- मिल जुल कर सब खेलें होली ।
- गले लगें सब मन मीत बने ,
- रंगों से मन का गीत लिखें ।
- जीवन में मधु संगीत भरें ,
- भूले बिसरों को याद करें ।
- जो संग में थे पिछली होली ,
- रस रंग भरे मन में होली ।।
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- तुम अप!ने रँग में रँग लो तो होली है।
- देखी मैंने बहुत दिनों तक
- दुनिया की रंगीनी,
- किंतु रही कोरी की कोरी
- मेरी चादर झीनी,
- तन के तार छूए बहुतों ने
- मन का तार न भीगा,
- तुम अपने रँग में रँग लो तो होली है
- अंबर ने ओढ़ी है तन पर
- चादर नीली-नीली,
- हरित धरित्री के आँगन में
- सरसों पीली-पीली,
- सिंदूरी मंजरियों से है
- अंबा शीश! सजाए,
- रोलीमय संध्या ऊषा की चोली है।
- तुम अपने रँग में रँग लो तो होली है।
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- होली है भई होली है,
- बुरा न मानो होली है!
- आऒ मिल के खुशियाँ मनाएं,
- अपनों को हम रंग लगाएँ!
- फूलों से ह!म खेलें होली,
- बचत करें हम पानी की!
- सब मिल कर जोर से गाएं,
- बुरा न मानो होली है!
- किसी को ना ठेस पहुचाएं,
- नए नए पकवान खाएं और खिलाएं!
- खुद भी रंग लगाएं
- और दूसरों पर भी अबीर लगायें
- टोली बना कर गाएं हम सब
- बुरा न मानो होली है!
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- तुमको रंग! लगाना है
- होली आज मनाना है।
- प्रतिकार करो इनकार करो
- पर रगों को स्वीकार करो
- रगों से तुम्हें नहलाना है
- होली आज मनाना है।
- भर पिचकारी बौछार जो मारी
- भीगी चुनरी भीगी साड़ी
- अपने ही रंग में रंगवाना है
- होली आज मनाना है।
- अबीर गुलाल तो बहाना है
- दूरियाँ दिलों! की मिटाना है
- तो कैसा ये शरमाना है
- होली आज मनाना है।
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- होली आई , खुशियाँ लाई
- खेले !धा सँग कन्हाई
- फैन्के इक दूजे पे गुलाल
- हरे , गुलाबी ,पीले गाल
- प्यार का यह त्योहार निराला
- खुश है कान्हा सँग ब्रजबाला
- चढा प्रेम का ऐसा रँग
- मस्ती मे झूम अन्ग-अन्ग
- आओ हम भी खेले होली
- नही देन्गे कोई मीठी गोली
- हम खेले शब्दो के सँग
- भावो के फैन्केगे रन्ग
- रन्ग-बिर!न्गे भाव दिखेन्गे
- आज हम होली पे लिखेन्गे
- चलो होलिका सब मिल के जलाएँ
- एक नया इतिहास बनाएँ
- जलाएँ उसमे !बुरे विचार
- कटु-भावो का करे तिरस्कार
- नफरत की दे दे आहुति
- आज लगाएँ प्रेम भभूति
- प्रेम के रन्ग मे सब रन्ग डाले
- नफरत नही कोई मन मे पाले
- सब इक दूजे के हो जाएँ
- आओ हम सब होली मनाएँ
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- Holi aayi Holi aayi
- Rang birangi Holi aayi
- Dhum m!achati Holi aayi
- Baccho ki yha toli aayi
- Hath me pichkari layi
- Rang gulal udati aayi
- Holi aayi Holi aayi
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- Holi has come, Holi has come
- O dear !friend and my chum
- Come to my home
- Or I am coming to your home
- To smear your face
- Forgetting every difference
- With coulours blue and red
- With love and affection
- That will never fade
- And will be in action
- The memories of childhood
- The joll!iest of the jolly mood
- Enjoy this festival
- With colours and ‘gulal’
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- Year after year
- purity of fire
- Is ch!allenged by evil,
- Appeased with offerings
- A full moon looks on
- As winds stoke embers,
- Flare flames
- To a flickering dance
- Right in the center
- Of crimson blaze
- Sits Holika,
- Prahlad in her lap -
- Her arms a circle of heat
- White sparks fly from her hair,
- Eyes smolder in fury;
- Her mouth sucks in air,
- Engulfs rice and wheat
- Wood chars,
- Coconuts splinter,
- Flowers singe
- Smearing earth with ash.
- Year after year
- Faith su!rvives.
- Holika burns to death.
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- Gulal – red, green, yellow and countless.
- A day’s canv!as – a riot of colors.
- Lively crowd running hither and thither,
- Rainbow of colors, dashing from every nook and corner.
- Disregarding their woe and despair fervent folks,
- rejoicing at the marvel of colors.
- A day filled with luster and gaiety,
- A day to smear our dreams-
- With a splash of vibrant frenzy colors.
- Holi Hai! A spring of unbounded fun and frolic!!
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- The trees smile with their sprout
- Of tender l!eaves and blooming flowers,
- Eternal nature with its transient expression.
- Hails spring with ecstasy and joy!
- Bewildering shades with so many tinge.
- The land o!f beauty and greatness,
- India, witnessing color of happiness and peace.
- Nation come alive to enjoy the spirit
- A celebration of color- Holi!
- An experience of content, harmony and delight.
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HAPPY HOLI SHAYARI NEW
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