ये बेवफा वफा की कीमत क्या जाने !!
है बेवफा गम-ऐ मोहब्बत क्या जाने !!
जिन्हे मिलता है हर मोड पर नया हमसफर !!
वो भला प्यार की कीमत क्या जाने !! ...
महोब्बत की शम्मा जला कर तो देखो,
जरा दिल की दुनियाँ सजा कर तो देखो,
तुम्हे हो ना जाऐ महोब्बत तो कहना,
जरा हमसे नजरें मिलाकर तो देखो...
हर वक्त गुल बनकर मुस्कुराना जिन्दगी है,
मुस्कुराकर गम भुलाना जिन्दगी है,
जीत कर मुस्कुराऐ तो क्या मुस्कुराऐ,
हार कर मुस्कुराना जिन्दगी है....
दुनिया में ईमान नहीं है
फिर भी तू हैरान नहीं है..
तू जो बेईमान नहीं है
कोई बेईमान नहीं है..
तुमको मैं पहचान रहा हूँ
तुमसे बस पहचान नहीं है.. ...
सुबह का हर पल ज़िंदगी दे आपको
दिन का हर लम्हा खुशी दे आपको
जहा गम की हवा छू कर भी न गुज़रे
खुदा वो जन्नत से ज़मीन दे आपको... ...
दिन का हर लम्हा खुशी दे आपको
जहा गम की हवा छू कर भी न गुज़रे
खुदा वो जन्नत से ज़मीन दे आपको... ...
छोटे से दिल में गम बहुत है,
जिन्दगी में मिले जख्म बहुत हैं,
मार ही डालती कब की ये दुनियाँ हमें,
कम्बखत दोस्तों की दुआओं में दम बहुत है..
बिछड़ के तुम से ज़िंदगी सज़ा लगती है,
यह साँस भी जैसे मुझ से ख़फ़ा लगती है,
तड़प उठता हूँ दर्द के मारे, ...
कौन कहता है किसी को लव नहीं होता।
कोई तो बतलाये ये कब कब नहीं होता।
देखते ही खींच लेती इक नजर दिल को ,
और थोड़ा भी किसी को शक नहीं होता।
रास आता ही नहीं इक पल जुदा होना ,
पर जुदा ना हो मिला ये लक नहीं होता।
बस ख्यालों में हमेशा गुम रहा करना ,
होश में भी होश फिर बेशक नहीं होता।
मिल गए तो जिंदगी ना मिले तो मौत सी ,
क...
मत उड़ाना मजाक मेरे इश्क का
मत बुझाना चिराग मेरे इश्क का।।
दिया जलते रहे अँधेरा घटते रहे
तू ही तो प्रकाश है मेरे इश्क का।।
प्यार की लौ जिन्दगी के लिए हो
मत पूछना सवाल मेरे इश्क का।।
कौन किसका भला इस दुनिया में
मत लगाना हिसाब मेरे इश्क का।।
इश्क दुआ है और इश्क ही दवा है
बस साथ है शबाब मेरे इश्क का।।
सवाल इश्क है जबाब भी इश्क है
रुतबा है जनाब यहाँ मेरे इश्क का।।
रूह से रूह का इश्क ही सच होगा
प्रतीक चेहरे का नूर है मेरे इश्क का।।
ये बेवफा वफा की कीमत क्या जाने
है बेवफा गम-ऐ मोहब्बत क्या जाने
जिन्हे मिलता है हर मोड पर नया हमसफर
वो भला प्यार की कीमत क्या जाने ………………………….~~~~
Mohabbat ki shamma jalake to dekho,
Zara dil ki duniya saja kar to dekho,
Tumhe ho na jaaye mohabbat to kehna,
Zara humse nazaren milake to dekho. ………………………….~~~~
महोब्बत की शम्मा जला कर तो देखो,
जरा दिल की दुनियाँ सजा कर तो देखो,
तुम्हे हो ना जाऐ महोब्बत तो कहना,
जरा हमसे नजरें मिलाकर तो देखो... ………………………….~~~~
Rakhnia Aakran Tan Rakh Mundeya,
Dil Sada Mod De Beshak Mundeya,
Tarle Paundi De Mere Bull Sukk Gaye,
Hor Kehda Sohne Sohne Munde Mukk Gaye………………………….~~~~
Dil Sada Mod De Beshak Mundeya,
Tarle Paundi De Mere Bull Sukk Gaye,
Hor Kehda Sohne Sohne Munde Mukk Gaye………………………….~~~~
कुछ और जज्बों को बेताब किया उसने
आज मेंहदी वाले हाथों से आदाब किया उसने ............................@
आज मेंहदी वाले हाथों से आदाब किया उसने ............................@
सुनना ही चाहते हो तो हमारी ख़ामोशियों को सुनो,क्युंकि अब शब्दों में वो जान नहीं, जो हमारे ज़ज़्बातों को बयाँ कर सके..... ............................@
जीने के लिए सोचा ही नहीं
दर्द संभालने होंगे
मुस्कुराये तो मुस्कुराने के
क़र्ज़ उतारने होंगे
मुस्कुराऊं कभी तो लगता है
जैसे होंठों पे क़र्ज़ रखा है
तुझसे.......... ............................@
दर्द संभालने होंगे
मुस्कुराये तो मुस्कुराने के
क़र्ज़ उतारने होंगे
मुस्कुराऊं कभी तो लगता है
जैसे होंठों पे क़र्ज़ रखा है
तुझसे.......... ............................@
झूठ बोलता होगा कभी चाँद भी,इसलिए तो रुठकर तारे टूट जाते हैं.... ............................@
दुआ कौन सी थी हमे याद नही!बस इतना याद है,दो हथेलियाँ जुड़ी थी!एक मेरी थी, एक तुम्हारी थी!..................... ............................@
कुछ कमी अपनी वफाओ में ही थी
तुम से क्या कहते की तुमने क्या किया?.................. ............................@
तुम से क्या कहते की तुमने क्या किया?.................. ............................@
अंग अंग मेरा रूप रंग
मेरे नक़्श नैन, मेरे भोले बैन
मेरी आवाज़ मे कोयल की तारीफ़ हुई
मेरी ज़ुल्फ़ शाम, मेरी ज़ुल्फ़ रात.................. ............................@
मेरे नक़्श नैन, मेरे भोले बैन
मेरी आवाज़ मे कोयल की तारीफ़ हुई
मेरी ज़ुल्फ़ शाम, मेरी ज़ुल्फ़ रात.................. ............................@
रात चुपचाप दबे पाँव चली जाती है
रात ख़ामोश है रोती नहीं हँसती भी नहीं
कांच का नीला सा गुम्बद है, उड़ा जाता है................ ............................@
रात ख़ामोश है रोती नहीं हँसती भी नहीं
कांच का नीला सा गुम्बद है, उड़ा जाता है................ ............................@
दो नैनो में आँसू भरे हैं,निंदिया कैसे समाये डूबी डूबी आखों में,सपनों के साये रातभर अपने हैं,दिन में पराये कैसे नैनों में निंदिया समाये
झूठे तेरे वादों पे बरस बिताये
जिंदगी तो काटी, ये रात कट जाये
कैसे नैनों में निंदिया समाये............... ............................@
झूठे तेरे वादों पे बरस बिताये
जिंदगी तो काटी, ये रात कट जाये
कैसे नैनों में निंदिया समाये............... ............................@
ना रास्ता कहीं ठहरा,ना मंजिलें ठहरी
ये उम्र उडती हुई
गर्द में गुज़ार चले
ये फ़ासले तेरी गलियों के हमसे तय ना हुए ,हज़ार बार रूके हम हज़ार बार चले.. ............................@
ये उम्र उडती हुई
गर्द में गुज़ार चले
ये फ़ासले तेरी गलियों के हमसे तय ना हुए ,हज़ार बार रूके हम हज़ार बार चले.. ............................@
मैं उस का हूँ वो इस एहसास से इंकार करता है ,भरी महफ़िल में भी रुसवा मुझे हर बार करता है
यकीं है सारी दुनिया को खफा है मुझ से वो
लेकिन मुझे मालूम है फिर भी मुझे से प्यार करता है ..... ............................@
यकीं है सारी दुनिया को खफा है मुझ से वो
लेकिन मुझे मालूम है फिर भी मुझे से प्यार करता है ..... ............................@
आदतन तुम ने कर दिये वादे
आदतन हम ने ऐतबार किया
तेरी राहों में हर बार रुक कर
हम ने अपना ही इन्तज़ार किया
अब ना माँगेंगे जिन्दगी या रब
ये गुनाह हम ने एक बार किया.. ..............................@
आदतन हम ने ऐतबार किया
तेरी राहों में हर बार रुक कर
हम ने अपना ही इन्तज़ार किया
अब ना माँगेंगे जिन्दगी या रब
ये गुनाह हम ने एक बार किया.. ..............................@
ऐसी बेरुखी भी देखी है हम ने.....!!!के लोग,आप से तुम तक......तुम से जान तक,फिर जान से.....अनजान तक हो जाते है..... ............................@
Kitna ajeeb apni zindagi ka safar nikla,
Saare jahan ka dard apna muqaddar nikla,
Jiske nam apni zindagi ka har lmha kar diya
Afsos whi humari chahat se bekhabar nikla.... ...........................................@
Saare jahan ka dard apna muqaddar nikla,
Jiske nam apni zindagi ka har lmha kar diya
Afsos whi humari chahat se bekhabar nikla.... ...........................................@
शायद फिर वो तक़दीर मिल जाये
जीवन के वो हसीं पल मिल जाये
चल फिर से बैठें वो क्लास कि लास्ट बैंच पे
शायद फिर से वो पुराने दोस्त मिल जाएँ ।...............................................@
जीवन के वो हसीं पल मिल जाये
चल फिर से बैठें वो क्लास कि लास्ट बैंच पे
शायद फिर से वो पुराने दोस्त मिल जाएँ ।...............................................@
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