sad shayari in hindi font hindi


  1. Tumhe Jab Kabhi Milen Fursatain, Mere Dil Se Bojh Utaar Do,
  2. Main Bahut Dinon Se Udaas Hoon Mujhe Koi Sham Udhar Do,
  3. Kisi Aur Ko Mere Haal Se Na Garz Hai Koi Na Wasta,
  4. Main Bikhar G!aya Hoon Samait Lo, Main Bigad Gaya Hoon Sanwaar Do
  5.  

  6. ================================

  7. Badi Bechaini Basti Hai, Kabhi Milne Chale Aao,
  8. Yeh Duniya !Mujh Pe Hansti Hai, Kabhi Milne Chale Aao,
  9. Koi Bhi Pal Nahin Guzaara, Jo Ho Teri Yaad Se Khaali,
  10. Tanhaayi Mujhko Dasti Hai, Kabhi Milne Chale Aao
  11.  


  12. ================================
  13. Muddat Se Jaagi Aankhon Ko Ek Bar Sulane Aa Jao,
  14. Mana Ke T!um Ko Pyaar Nahin Nafrat Hi Jatane Aa Jao


  15. Tumhe Jab Kabhi Milen Fursatain, Mere Dil Se Bojh Utaar Do,
  16. Main Bahut !Dinon Se Udaas Hoon Mujhe Koi Sham Udhar Do,
  17. Kisi Aur Ko Mere Haal Se Na Garz Hai Koi Na Wasta,
  18. Main Bikhar Gaya Hoon Samait Lo, Main Bigad Gaya Hoon Sanwaar Do
  19.  


  20. ================================
  21. Badi Bechaini Basti Hai, Kabhi Milne Chale Aao,
  22. Yeh Duniya Mujh Pe Hansti Hai, Kabhi Milne Chale Aao,
  23. Koi Bhi Pal Nahin Guzaara, Jo Ho Teri Yaad Se Khaali,
  24. Tanhaayi Mujhko Dasti Hai, Kabhi Milne Chale Aao
  25.  


  26. ================================
  27. Muddat Se Jaagi Aankhon Ko Ek Bar Sulane Aa Jao,
  28. Mana Ke Tu!m Ko Pyaar Nahin Nafrat Hi Jatane Aa Jao






  29. Zara sa maan rakh lena k tum meri mohbat ho,
  30. Sitam tum !soch kar karna k tum meri mohbat ho..
  31. Agr jaane ki zid hy to chale jao magar sun lo,
  32. K jaldi lot k aana k tum meri mohbat ho..

  33. ================================
  34. मोहब्बत को हद से गुजर
  35. तो जाने दो,
  36. वो रोयेंगे
  37. जरूर हमे बिखर
  38. तो जाने दो,
  39. अभी ज़िंदा
  40. हैं तो एहसास
  41. नहीं उनको,
  42. रो कर
  43. पुका!रेंगे हमे एक
  44. दफा मर तो जाने दो।..


  45. ================================
  46. तू बिन बताये
  47. मुझे ले
  48. चल क!हीं…..
  49. जहाँ तू मुस्कुराये
  50. मेरी मंजिल
  51. वहीं…

  52. ================================

  53. Kuchh Tabiyat Hi Mili Thi Aisi,
  54. Ki Chain Se Jeene Ki Surat Na Hui,
  55. Jise Chaha Use Pa Na Sake,
  56. Jo Mila Us Se Mohabbat Na Hui.



  57. ================================

  58. Ye Zaroori To Nahi Ke Jeet Hi Musarrat Bakhshay ‘Mohsin’,
  59. Aisi Khushiyan Bhi Hain Milti Jo Sirf Haar Se Hain…



  60. ================================

  61. Ham Ne Kab Un Say Mulaqat Ka Waada Chaha
  62. Door Reh Kar To Unhe Aur Bhi Ziyada Chaha
  63. Yaad Aay!e Hamen Aur Bhi Shidat Say Who
  64. Bhool Jane Ka Unhe Jab Bhi Iraada Chaha


  65. ================================


  66. Ye Kaisi Mulaqat Hai Main Kis Khumar Main Hoon
  67. Wo Aa Ke Ja Chuka Hai Main Intezaar Main Hoon



  68. ================================

  69. तु भी आईने की तरह
  70. बेवफा निकला,
  71. जो सामने आया
  72. उसी का हो गया…..

  73. ================================
  74. माना तेरी नज़र में तेरा प्यार हम नही,
  75. कैसे! कहें की
  76. तेरे तलबगार हम नही…
  77. ख़ुद को जला के
  78. ख़ाक कर डाला,मिटा दिया,
  79. लो अब तुम्हारी
  80. राह में दीवार हम नही…

  81. जिस को सँवारा
  82. हमने तमन्नाओं के ख़ून से,
  83. गुलशन में उस
  84. बहार के हक़दार हम नही…
  85. धोखा दिया है
  86. ख़ुद को मुहोब्बत के नाम से,
  87. कैसे कहें की
  88. तेरे गुनाहगार हम नही…

  89. ================================
  90. तेरे पास भी कम नहीं, मेरे पास भी बहुत हैं,
  91. ये परेशानियाँ आजकल फुरसत में बहुत हैं …………
  92. =-=-=-=-=
  93. मेरे लफ़्!ज़ों से न कर मेरे क़िरदार का फ़ैसला।।
  94. तेरा वज़ूद मिट जायेगा मेरी हकीक़त ढूंढ़ते ढूंढ़ते।।
  95. =-=-=-=-=
  96. कितना कुछ जानता होगा वो सख्श मेरे बारे में;
  97. मेरे मुस्कुराने पर भी जिसने पूछ लिया कि तुम
  98. उदास! क्यूँ हो ?
  99. =-=-=-=-=
  100. चूम कर कफ़न में लिपटें मेरे चेहरे को, उसने
  101. तड़प के कहा….
  102. .
  103. .
  104. नए कपड़े क्या पहन लिए, हमें देखते
  105. भी नहीं’…
  106. =-=-=-=-=
  107. जाते जाते उसने पलटकर इतना ही कहा मुझसे
  108. मेरी बेवफाई से ही मर जाओगे या मार के जाऊँ”
  109. =-=-=-=-=

  110. जुल्फों को फैला कर जब कोई महबूबा किसी आशिक की कब्र पर रोती है …
  111. तब महसूस होता है कि मौत भी कितनी हसीं होती हे….
  112. =-=-=-=-=
  113. तेरी मुहब्बत भी किराये के घर की तरह
  114. थी…..
  115. कितना भी सजाया पर मेरी नहीं हुई….
  116. =-=-=-=-=
  117. यहाँ हजारों शायर है जो तख़्त बदलने निकले है,
  118. कुछ मेरे !जैसे पागल है जो वक़्त बदलने निकले है,…..
  119. =-=-=-=-=
  120.   
  121. नाकाम मोहब्बतें भी बड़े काम की होती हैं
  122. दिल मिले !ना मिले नाम मिल जाता है..!
  123. =-=-=-=-=
  124. उनके लिए जब हमने भटकना छोड़ दिया,
  125. याद में उनकी जब तड़पना छोड़ दिया,
  126. वो रोये बहुत आकर तब हमारे पास,
  127. जब हमारे दिल ने धडकना छोड़ दिया.
  128. =-=-=-=-=
  129. ” कितनी झुठी होती है, मोहब्बत की कस्मेँ….।”
  130. देखो तुम भी जिन्दा हो, मैँ भी जिन्दा हूँ….॥
  131. =-=-=-=-=
  132. वो शायद मतलब से मिलते हैं,
  133. मुझे तो मिलने से मतलब है.!
  134. =-=-=-=-=
  135. =-=-=-=-=
  136. तुमने कहा था आँख भर के देख लिया करो मुझे,
  137. मगर अब आँख भर आ!ती है तुम नजर नही आते हो।
  138. =-=-=-=-=
  139. उसने महबूब ही तो बदला है फिर ताज्जुब कैसा ???
  140. दुआ कबूल! ना हो तो लोग खुदा तक बदल लेते है !!!
  141. =-=-=-=-=
  142. हाथ ज़ख़्मी हुए तो कुछ अपनी ही खता थी…..
  143. लकीरों को मिटाना चाहा किसी को पाने की खातिर….!!
  144. =-=-=-=-=
  145. वो इस तरह मुस्कुरा रहे थे , जैसे कोई गम छुपा रहे थे !!
  146. बारिश में भीग के आये थे मिलने , शायद वो आंसु छुपा रहे थे !
  147. =-=-=-=-=
  148. आज उसकी एक बात ने मुझे मेरी गलती की यूँ सजा दी…
  149. छोड़ कर जाते हुए कह गई,
  150. जब दर्द बर्दाश्त नहीं होता तो मुझ से मोहब्बत क्यूँ की….!!!!
  151. =-=-=-=-=
  152. उसके साथ जीने का इक मौका दे दे, ऐ खुदा..
  153. तेरे साथ तो हम मरने के बाद भी रह लेंगे..
  154. =-=-=-=-=
  155. उठाये जो हाथ उन्हें मांगने के लिए,
  156. किस्मत ने कहा, अपनी औकात में रहो।
  157. =-=-=-=-=
  158. जब से बाजी, वफा की हारे हैं.
  159. दोस्तों, हम भी गम के मारे हैं.
  160. तुम हमारे सिवा, सभी के हो,
  161. हम किसी के नहीं, तुम्हारे हैं.
  162. =-=-=-=-=
  163.   
  164. मेरे बारे में अपनी सोच को थोड़ा बदलकर देख,
  165. मुझसे भी! बुरे हैं लोग तू घर से निकलकर देख…!
  166. =-=-=-=-=
  167. तेरी यादों की कोई सरहद होती तो अच्छा था
  168. खबर तो रहती….सफर! तय कितना करना है
  169. =-=-=-=-=
  170. जुबां खुली पर कुछ कह न पाए , आँखों से चाहत जता रहे थे !
  171. सुबह की चाहत लिए !नज़र में , रात नज़र में बिता रहे थे !!
  172. =-=-=-=-=
  173. मुझे दफनाने से पहले मेरा दिल निकाल कर उसे दे देना…
  174. मैं नही चाहता के वो खेलना छोङ दे…!!
  175. =-=-=-=-=
  176. किसी ने ग़ालिब से कहा
  177. सुना है जो शराब पीते हैं उनकी दुआ कुबूल नहीं होती ….
  178. ग़ालिब बोले: “जिन्हें शराब मिल जाए उन्हें किसी दुआ की ज़रूरत नहीं होती”
  179. =-=-=-=-=
  180. जो भी आता है एक नयी चोट दे के चला जाता है ए दोस्त,….
  181. मै मज़बूत बहोत हु लेकिन कोई पत्थर तो नहीं,….
  182. =-=-=-=-=
  183. वो अपनी ज़िंदगी में हुआ मशरूफ इतना;
  184. वो किस-किस को भूल गया उसे यह भी याद नहीं।
  185. =-=-=-=-=
  186. याद आयेगी हमारी तो बी!ते कल को पलट लेना..
  187. यूँ ही किसी पन्ने में मुस्कुराते हुए मिल जायेंगे ..!!
  188. =-=-=-=-=
  189. पथ्थर समझ के हमें मत ठुकराओ ,
  190. कल हम मंदिर में! भी हो सकते हैं ।
  191. =-=-=-=-=
  192. “युं तो गलत नही होते अंदाज चहेरों के…
  193. लेकिन लोग…
  194. वैसे भी नहीं होते जैसे नजर आते है..!!”
  195. =-=-=-=-=
  196. दिल में है जो बात किसी भी तरह कह डालिए
  197. ज़िन्दगी ही ना बीत जाए कहीं बताने मे ….
  198. =-=-=-=-=
  199. जिस्म का दिल से अगर वास्ता नहीं होता !
  200. क़सम खुदा की कोई हादसा नहीं होता !
  201. वे लोग जायें कहाँ बोलिये खड़े हैं जो ,
  202. उस हद के बाद जहाँ रास्ता नहीं होता !
  203. =-=-=-=-=
  204. जुबां पे झूंट जब आया उसे मैंने दबा दिया,
  205. कहा फिर भी नहीं की तू मुझे छोड़ चुकी हे तु
  206. =-=-=-=-=
  207. रोज़ रोते हुए कहती है ये ज़िंदगी मुझसे
  208. सिर्फ एक शख्स कि खातिर मुझे बर्बाद मत कर ….
  209. =-=-=-=-=
  210. ए दिल अब तो होश मैं आ…..
  211. यहाँ तुझे कोई !अपना कहता ही नहीं….
  212. और तू है की खामख्वा किसी का बनने पे तुला है…..
  213. =-=-=-=-=
  214. किसी को मिल गया! मौका, बुलन्दियों को छूने का,
  215. मेरा नाकाम होना भी किसी के काम तो आया।
  216. =-=-=-=-=
  217. तु हजार बार भी रूठे तो मना लुगाँ तझे,
  218. मगर देख, मुहब्बत में शामिल कोई दुसरा न हो।।
  219. =-=-=-=-=
  220. मौम के पास कभी आग को लाकर देखूँ,
  221. सोचता हूँ के तुझे हाथ लगा कर देखूँ……
  222. =-=-=-=-=
  223. दिल का मंदिर बड़ा वीरान नज़र आता है,
  224. सोचता हूँ तेरी तस्वीर लगा कर देखूँ….
  225. =-=-=-=-=
  226. चाँद उतरा था हमारे आँगन में,
  227. ये सितारों को गवाँरा ना हुआ,
  228. हम भी सितारों से क्या गिला करें,
  229. जब चाँद ही हमारा ना हुआ…!!!
  230. =-=-=-=-=
  231. भीगी आँखों से मुस्कराने में मज़ा और है,
  232. हसते हँसते पलके भीगने में मज़ा और है,
  233. बात कहके तो !कोई भी समझलेता है,
  234. पर खामोशी कोई समझे तो मज़ा और है..
  235. =-=-=-=-=
  236. भूल जाना उसे मुश्किल तो नहीं है लेकिन
  237. काम आसान भी हमसे क!हाँ होते हैं!
  238. =-=-=-=-=
  239. गुज़र गया वो वक़्त जब तेरी हसरत
  240. थी मुझको,
  241. अब तू खुदा भी बन जाए तो भी तेरा सजदा ना करूँ…
  242. =-=-=-=-=
  243. जिंदगी देने वाले , मरता छोड़ गये,
  244. अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये,
  245. जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की,
  246. वो जो साथ चलने वाले, रास्ता मोड़ गये”
  247. =-=-=-=-=
  248. हालात की दलील देकर उन्होनें साथ छोङ़ा , तो हम आहत नहीं हुए ….,
  249. सोचा हमसे ना सही , चलो किसी से तो वफ़ा निभाई उन्होने…
  250. =-=-=-=-=
  251. “ज़िन्दगी ने आज कह दिया है मुझे,
  252. किसी और से प्यार है,
  253. मेरी मौत से पूछो,
  254. अब उसे किस बात का इंतज़ार है.”
  255. =-=-=-=-=
  256. घर से तो निकले थे हम ख़ुशी की ही तलाश में,
  257. किस्मत ने ताउम्र का हमैं मुसाफिर बना दिया।
  258. =-=-=-=-=
  259. उन्हें नफरत हुयी सारे जहाँ से ,
  260. अब नयी दुनिया! लाये कहाँ से…!
  261. =-=-=-=-=
  262. तू मेरे जनाज़े को कन्धा! मत देना,
  263. कही ज़िन्दा ना हो जाऊँ फिर तेरा सहारा देख कर …
  264. =-=-=-=-=
  265. दीं सदायें जिंदगी ने मैं ही सुन पाया नहीं,
  266. ख्वाब आँखों में बहुत थे कोई बुन पाया नहीं।
  267. =-=-=-=-=
  268. दिल भी एक जिद पर अड़ा है किसी बच्चे की तरह,
  269. या तो सब कुछ ही चाहिए या कुछ भी नही…..
  270. =-=-=-=-=
  271. वो अपने मेहंदी वाले हाथ मुझे दिखा कर रोई,
  272. अब मैं हुँ किसी और की, ये मुझे बता कर रोई,
  273. पहले कहती थी कि नहीं जी सकती तेरे बिन,
  274. आज फिर से वो बात दोहरा कर रोई…
  275. कैसे कर लुँ उसकी महोब्बत पे शक यारो…!!
  276. वो भरी महफिल में मुझे गले लगा कर रोई…
  277. =-=-=-=-=
  278. “दोस्त ने दोस्त को, दोस्त के लिए रुला दिया,
  279. क्या हुआ जो किसी के!लिए उसने हूमें भुला दिया,
  280. हम तो वैसे !भी अकेले थे अच्छा हुआ
  281. जो उसने हमे एहसास तो दिला दिया.“
  282. =-=-=-=-=
  283. अगर है दम तो चल डुबा दे मुजको,
  284. समंदर नाकाम रहा, अब तेरी आँखो की बारी..
  285. =-=-=-=-=
  286. जब से पता चला है, की मरने का नाम है ‘जींदगी’;
  287. तब से, कफ़न बांधे कातील को ढूढ़ते हैं!”
  288. =-=-=-=-=
  289. तुम जैसा मुझे… कोण? कब???
  290. कहा?? और कैसे??? मिलेगा ??
  291. सोचो…
  292. बताओ…
  293. वरना मेरे हो जाओ ………………………!!”
  294. =-=-=-=-=
  295. रात सारी तड़पते रहेंगे हम अब ,
  296. आज फिर ख़त तेरे पढ़ लिए शाम को”
  297. =-=-=-=-=
  298. जिंदगी भर के इम्तिहान के बाद …..
  299. वो शख्स
  300. नतीजे में किसी और का निकला ..
  301. =-=-=-=-=
  302. मोहब्बत उसे भी बहुत है मुझसे
  303. जिंदगी सारी इस वहम ने ले ली…
  304. =-=-=-=-=
  305. “बादशाह तो में कहीं का भी बन सकता हूँ
  306. पर तेरे दि!ल की नगरी में हुकूमत करने
  307. का मज़ा ही कुछ अलग है………”
  308. =-=-=-=-=
  309. नहीं चाहि!ए कुछ भी तेरी इश्क़ कि दूकान से,
  310. हर चीज में मिलावट है बेवफाई कि..!!!!
  311. =-=-=-=-=
  312. काश तुम मौत होती तो…………. ….
  313. एक दिन मेरी जरूर होती …………… ….‼
  314. =-=-=-=-=
  315. बुला कर तुम ने महफ़िल में हमें ग़ैरों से उठवाया
  316. हमीं ख़ुद उठ गए होते इशारा कर दिया होता…
  317. =-=-=-=-=
  318. तूने हसीन से हसीन चेहरो को उदास किया है….
  319. ए इश्क ….
  320. तू अगर इन्सान होता तो तेरा पहला कातिल मै होता ।
  321. =-=-=-=-=
  322. ना आना लेकर उसे मेरे जनाजे में,
  323. मेरी मोहब्बत की तौहीन होगी,
  324. मैं चार लोगो के कंधे पर हूंगा,
  325. और मेरी जान पैदल होगी.
  326. =-=-=-=-=
  327.  “वो जो हमसे नफरत करते हैं,
  328. हम तो आ!ज भी सिर्फ उन पर मरते हैं,
  329. नफरत है तो क्या हुआ यारो,
  330. कुछ तो है जो! वो सिर्फ हमसे करते हैं।”
  331. =-=-=-=-=
  332. हमारे चले जाने के बाद, ये समुंदर भी पूछेगा तुमसे,
  333. कहा चला गया वो शख्स जो तन्हाई मे आ कर,
  334. बस तुम्हारा ही नाम लिखा करता था…
  335. =-=-=-=-=
  336. ना हम रहे दील लगाने के क़ाबील,
  337. ना दील रहा गम उठाने के क़ाबिल,
  338. लगा उसकी यादों से जो ज़ख़्म दिल पर,
  339. ना छोड़ा उस ने मुस्कुराने के क़ाबील.
  340. =-=-=-=-=
  341. जाते वक़त उसने बड़े गुरुर से कहा था -
  342. तुझ जेसे लाखो मिलेगे.
  343. मैंने मुस्कराकर पूछा : मुझ जेसे कि तलाश ही क्यों ?
  344. =-=-=-=-=
  345. टूटे हुए गिलास में जाम नहीं आता,
  346. इश्क के मरीजों!! को आराम नहीं आता,
  347. दिल तोड़ने से पहले सोचा तो होता,
  348. टुटा हुआ दिल !किसी के काम नहीं आता ….
  349. =-=-=-=-=
  350. हमें ए दिल कहीं ले चल … बड़ा तेरा करम होगा
  351. हमारे दम से है हर गम …न होंगे हम और ना गम होगा
  352. =-=-=-=-=
  353. बुलबुल बैठा पेड पर मैने सोचा तोता है।
  354. यारा तेरे प्यार मे दिल ये मेरा रोता है।
  355. =-=-=-=-=
  356. कभी ये लगता है अब ख़त्म हो गया सब कुछ
  357. कभी ये लगता है अब तक तो कुछ हुआ भी नहीं
  358. =-=-=-=-=
  359. कुछ लोग मेरी शायरी से सीते हैं अपने जख्म,
  360. कुछ लोगों को मैं चुभता हूँ सुई की नोक के जैसे ।
  361. =-=-=-=-=
  362. एहसान नहीं है जिन्दगी तेरा मुझ पर ,
  363. मैंने हर सांस की यहाँ कीमत दी है।।
  364. =-=-=-=-=
  365. अपनो को दूर होते देखा ,
  366. सपनो को चूर होते देखा !
  367. अरे लोग कहते हैँ की फूल कभी रोते नही ,
  368. हमने फूलोँ को भी तन्हाइयोँ मे रोते देखा !
  369. =-=-=-=-=
  370. सिर्फ एहसास होता है चाहत मे, इकरार नहीं होता.
  371. दिल से दिल मिल!ते हैं मोह्हबत में इंकार नहीं होता.
  372. ये कब समझोगे मेरे दोस्तों, दिल को लफजों की जरूरत नहीं होती.
  373. ख़ामोशी सबकुछ !कह देती है प्यार में इज़हार नहीं होता
  374. =-=-=-=-=
  375. तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है…
  376. जिसका रास्ता बहुत खराब है…
  377. मेरे ज़ख़्म का अंदाज़ा ना लगा…
  378. दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है…
  379. =-=-=-=-=
  380. काटो के बदले फूल क्या दोगे…
  381. आँसू के बदले खुशी क्या दोगे…
  382. हम चाहते है आप से उमर भर की दोस्ती…
  383. हमारे इस शायरी का जवाब क्या दोगे?
  384. =-=-=-=-=
  385. वो फिर से लौट आये थे मेरी जिंदगी में’ अपने मतलब के लिये
  386. और हम सोचते रहे की हमारी दुआ में दम था !
  387. =-=-=-=-=
  388. रात क्या ढली कि सितारे चले गये, गैरों से क्या कहें हम जब अपने ही चले गये,
  389. जीत तो सकते थे हम भी इश्क की बाज़ी, पर तुम्हे जितने के लिए हम हारते चले गये….
  390. =-=-=-=-=
  391. तेरा उलज़ा हुआ दामन मेरी अंजुमन तो नहीं,
  392. जो मेरे दिल में! है शायद तेरी धड़कन तो नहीं,
  393. यू यकायक मुजे बरसाद की क्यों याद आई,
  394. जो घटा है तेरी !आँखों में वो सावन तो नहीं.
  395. =-=-=-=-=
  396. भीगी आँखों से मुस्कराने में मज़ा और है,
  397. हसते हँसते पलके भीगने में मज़ा और है,
  398. बात कहके तो कोई भी समझलेता है,
  399. पर खामोशी कोई समझे तो मज़ा और है..
  400. =-=-=-=-=
  401. ना मुलाक़ात याद रखना, ना पता याद रखना,
  402. बस इतनी सी आरज़ू है, मेरा नाम याद रखना..
  403. =-=-=-=-=
  404. हमारे बाद अब महफ़िल में अफ़साने बयां होंगे
  405. बहारे हमको ढूँढेंगी ना जाने हम कहाँ होंगे
  406. ना हम होंगे ना तुम होंगे और ना ये दिल होगा फिर भी
  407. हज़ारो मंज़िले होंगी हज़ारो कारँवा होंगे
  408. =-=-=-=-=
  409. काश वो नगमे सुनाए ना होते
  410. आज उनको सुनकर ये आँसू आए ना होते
  411. अगर इस तरह भूल! जाना ही था
  412. तो इतनी गहराई से दिल्मे समाए ना होते….
  413. =-=-=-=-=
  414. ज़ख़्म जब मेरे सीने के भर जाएँगे;
  415. आँसू भी मोती बनकर बिखर जाएँगे;
  416. ये मत पूछना !किस किस ने
  417. धोखा दिया;
  418. वरना कुछ अपनो के चेहरे उतर जाएँगे।
  419. =-=-=-=-=
  420. उतरे जो ज़िन्द!गी तेरी गहराइयों में।
  421. महफ़िल में रह के भी रहे तनहाइयों में
  422. इसे दीवानगी नहीं तो और क्या कहें।
  423. प्यार ढुढतेँ रहे परछाईयों मेँ।
  424. =-=-=-=-=
  425. हमने दिल जो वापीस मांगा तो सिर जुका के…
  426. बोले
  427. वो तो टुंट गया युहि खेलते खेलते…….
  428. =-=-=-=-=
  429. मंजीले मुश्किल थी पर हम खोये नहीं…
  430. दर्द था दिल में पर हम रोये नहीं…
  431. कोई नहीं आज हमारा जो पूछे हमसे…
  432. जाग रहे हो किसी के लिए..या किसी के लिये सोये नहीं…
  433. =-=-=-=-=
  434. दिल रोज सजता है, नादान दुल्हन की तरह..!!
  435. गम रोज चले आते हैं, बाराती बनकर..!!
  436. =-=-=-=-=
  437.  ‘तू’ डालता जा साकी शराब मेरे प्यालो में…
  438. जब तक ‘वो’ न निकले मेरे ख्यालों से ।।।
  439. =-=-=-=-=
  440. अजनबी ख्वाहिशें सीने में दबा भी न सकूँ
  441. ऐसे जिद्दी हैं परिंदे के उड़ा भी न सकूँ
  442. फूँक डालूँगा किसी रोज ये दिल की दुनिया
  443. ये तेरा खत तो नहीं है कि जला भी न सकूँ
  444. =-=-=-=-=
  445. सुलाके सबको गहरी नींद में …
  446. फिर अकेला क्युं अंधेरा जागता है!!!!!!
  447. =-=-=-=-=
  448. “एक बार उसने कहा था मेरे सिवा किसी से प्यार ना करना,
  449. बस फिर क्या था तबसे मोहब्बत की नजर से हमने खुद को भी नहीं देखा”
  450. =-=-=-=-=
  451. ना नमाज़ आती है मुझे, ना वज़ू आता है,
  452. सज़दा कर लेता हूँ जब सामने तू आती है…
  453. =-=-=-=-=
  454. सोचा था
  455. घर बना कर बैठुंगा सुकून से…
  456. पर घर
  457. की ज़रूरतों ने
  458. मुसाफ़िर बना डाला
  459. !!
  460. =-=-=-=-=
  461. एक घड़ी
  462. ख़रीदकर हाथ मे क्या बाँध
  463. ली,,
  464. वक़्त पीछे
  465. ही पड़ गया मेरे..!!

  466. ================================
  467. जो तुम बोलो बिखर जाऐंगे, जो तुम चाहो संवर जाऐंगे,
  468. मगर ये टूटना-जुड़ना हमें तकलीफ बहुत देता है….




  469. ================================


  470. Zara sa maan rakh lena k tum meri mohbat ho,
  471. Sitam tum soch kar karna k tum meri mohbat ho..
  472. Agr jaane ki zid hy to chale jao magar sun lo,
  473. K jaldi lot k aana k tum meri mohbat ho..

  474. ================================
  475. मोहब्बत को हद से गुजर
  476. तो जाने दो,
  477. वो रोयेंगे
  478. जरूर हमे बिखर
  479. तो जाने दो,
  480. अभी ज़िंदा
  481. हैं तो एहसास
  482. नहीं उनको,
  483. रो कर
  484. पुकारेंगे हमे एक
  485. दफा मर तो जाने दो।..

  486. ===========================

  487. तू बिन बताये
  488. मुझे ले
  489. चल कहीं…..
  490. जहाँ तू मुस्कुराये
  491. मेरी मंजिल
  492. वहीं…
  493. =============================
  494. Kuchh Tabiyat Hi Mili Thi Aisi,
  495. Ki Chain Se Jeene Ki Surat Na Hui,
  496. Jise Chaha Use Pa Na Sake,
  497. Jo Mila Us Se Mohabbat Na Hui.




  498. Ye Zaroori To Nahi Ke Jeet Hi Musarrat Bakhshay ‘Mohsin’,
  499. Aisi Khushiyan Bhi Hain Milti Jo Sirf Haar Se Hain…




  500. Ham Ne Kab Un Say Mulaqat Ka Waada Chaha
  501. Door Reh Kar To Unhe Aur Bhi Ziyada Chaha
  502. Yaad Aaye Hamen Aur Bhi Shidat Say Who
  503. Bhool Jane Ka Unhe Jab Bhi Iraada Chaha




  504. Ye Kaisi Mulaqat Hai Main Kis Khumar Main Hoon
  505. Wo Aa Ke Ja Chuka Hai Main Intezaar Main Hoon




  506. तु भी आईने की तरह
  507. बेवफा निकला,
  508. जो सामने आया
  509. उसी का हो गया…..

  510. माना तेरी नज़र में तेरा प्यार हम नही,
  511. कैसे कहें की
  512. तेरे तलबगार हम नही…
  513. ख़ुद को जला के
  514. ख़ाक कर डाला,मिटा दिया,
  515. लो अब तुम्हारी
  516. राह में दीवार हम नही…

  517. जिस को सँवारा
  518. हमने तमन्नाओं के ख़ून से,
  519. गुलशन में उस
  520. बहार के हक़दार हम नही…
  521. धोखा दिया है
  522. ख़ुद को मुहोब्बत के नाम से,
  523. कैसे कहें की
  524. तेरे गुनाहगार हम नही…
  525. .
  526. ============================
  527. चैन मिलता था जिसे आके पनाहों
  528. में मेरी,
  529. आज देता है वही अश्क निगाहों
  530. में मेरी….
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  547. तेरे पास भी कम नहीं, मेरे पास भी बहुत हैं,
  548. ये परेशानियाँ आजकल फुरसत में बहुत हैं …………
  549. =-=-=-=-=
  550. मेरे लफ़्ज़ों से न कर मेरे क़िरदार का फ़ैसला।।
  551. तेरा वज़ूद मिट जायेगा मेरी हकीक़त ढूंढ़ते ढूंढ़ते।।
  552. =-=-=-=-=
  553. कितना कुछ जानता होगा वो सख्श मेरे बारे में;
  554. मेरे मुस्कुराने पर भी जिसने पूछ लिया कि तुम
  555. उदास क्यूँ हो ?
  556. =-=-=-=-=
  557. चूम कर कफ़न में लिपटें मेरे चेहरे को, उसने
  558. तड़प के कहा….
  559. .
  560. .
  561. नए कपड़े क्या पहन लिए, हमें देखते
  562. भी नहीं’…
  563. =-=-=-=-=
  564. जाते जाते उसने पलटकर इतना ही कहा मुझसे
  565. मेरी बेवफाई से ही मर जाओगे या मार के जाऊँ”
  566. =-=-=-=-=

  567. जुल्फों को फैला कर जब कोई महबूबा किसी आशिक की कब्र पर रोती है …
  568. तब महसूस होता है कि मौत भी कितनी हसीं होती हे….
  569. =-=-=-=-=
  570. तेरी मुहब्बत भी किराये के घर की तरह
  571. थी…..
  572. कितना भी सजाया पर मेरी नहीं हुई….
  573. =-=-=-=-=
  574. यहाँ हजारों शायर है जो तख़्त बदलने निकले है,
  575. कुछ मेरे जैसे पागल है जो वक़्त बदलने निकले है,…..
  576. =-=-=-=-=
  577.   
  578. नाकाम मोहब्बतें भी बड़े काम की होती हैं
  579. दिल मिले ना मिले नाम मिल जाता है..!
  580. =-=-=-=-=
  581. उनके लिए जब हमने भटकना छोड़ दिया,
  582. याद में उनकी जब तड़पना छोड़ दिया,
  583. वो रोये बहुत आकर तब हमारे पास,
  584. जब हमारे दिल ने धडकना छोड़ दिया.
  585. =-=-=-=-=
  586. ” कितनी झुठी होती है, मोहब्बत की कस्मेँ….।”
  587. देखो तुम भी जिन्दा हो, मैँ भी जिन्दा हूँ….॥
  588. =-=-=-=-=
  589. वो शायद मतलब से मिलते हैं,
  590. मुझे तो मिलने से मतलब है.!
  591. =-=-=-=-=
  592. =-=-=-=-=
  593. तुमने कहा था आँख भर के देख लिया करो मुझे,
  594. मगर अब आँख भर आती है तुम नजर नही आते हो।
  595. =-=-=-=-=
  596. उसने महबूब ही तो बदला है फिर ताज्जुब कैसा ???
  597. दुआ कबूल ना हो तो लोग खुदा तक बदल लेते है !!!
  598. =-=-=-=-=
  599. हाथ ज़ख़्मी हुए तो कुछ अपनी ही खता थी…..
  600. लकीरों को मिटाना चाहा किसी को पाने की खातिर….!!
  601. =-=-=-=-=
  602. वो इस तरह मुस्कुरा रहे थे , जैसे कोई गम छुपा रहे थे !!
  603. बारिश में भीग के आये थे मिलने , शायद वो आंसु छुपा रहे थे !
  604. =-=-=-=-=
  605. आज उसकी एक बात ने मुझे मेरी गलती की यूँ सजा दी…
  606. छोड़ कर जाते हुए कह गई,
  607. जब दर्द बर्दाश्त नहीं होता तो मुझ से मोहब्बत क्यूँ की….!!!!
  608. =-=-=-=-=
  609. उसके साथ जीने का इक मौका दे दे, ऐ खुदा..
  610. तेरे साथ तो हम मरने के बाद भी रह लेंगे..
  611. =-=-=-=-=
  612. उठाये जो हाथ उन्हें मांगने के लिए,
  613. किस्मत ने कहा, अपनी औकात में रहो।
  614. =-=-=-=-=
  615. जब से बाजी, वफा की हारे हैं.
  616. दोस्तों, हम भी गम के मारे हैं.
  617. तुम हमारे सिवा, सभी के हो,
  618. हम किसी के नहीं, तुम्हारे हैं.
  619. =-=-=-=-=
  620.   
  621. मेरे बारे में अपनी सोच को थोड़ा बदलकर देख,
  622. मुझसे भी बुरे हैं लोग तू घर से निकलकर देख…!
  623. =-=-=-=-=
  624. तेरी यादों की कोई सरहद होती तो अच्छा था
  625. खबर तो रहती….सफर तय कितना करना है
  626. =-=-=-=-=
  627. जुबां खुली पर कुछ कह न पाए , आँखों से चाहत जता रहे थे !
  628. सुबह की चाहत लिए नज़र में , रात नज़र में बिता रहे थे !!
  629. =-=-=-=-=
  630. मुझे दफनाने से पहले मेरा दिल निकाल कर उसे दे देना…
  631. मैं नही चाहता के वो खेलना छोङ दे…!!
  632. =-=-=-=-=
  633. किसी ने ग़ालिब से कहा
  634. सुना है जो शराब पीते हैं उनकी दुआ कुबूल नहीं होती ….
  635. ग़ालिब बोले: “जिन्हें शराब मिल जाए उन्हें किसी दुआ की ज़रूरत नहीं होती”
  636. =-=-=-=-=
  637. जो भी आता है एक नयी चोट दे के चला जाता है ए दोस्त,….
  638. मै मज़बूत बहोत हु लेकिन कोई पत्थर तो नहीं,….
  639. =-=-=-=-=
  640. वो अपनी ज़िंदगी में हुआ मशरूफ इतना;
  641. वो किस-किस को भूल गया उसे यह भी याद नहीं।
  642. =-=-=-=-=
  643. याद आयेगी हमारी तो बीते कल को पलट लेना..
  644. यूँ ही किसी पन्ने में मुस्कुराते हुए मिल जायेंगे ..!!
  645. =-=-=-=-=
  646. पथ्थर समझ के हमें मत ठुकराओ ,
  647. कल हम मंदिर में भी हो सकते हैं ।
  648. =-=-=-=-=
  649. “युं तो गलत नही होते अंदाज चहेरों के…
  650. लेकिन लोग…
  651. वैसे भी नहीं होते जैसे नजर आते है..!!”
  652. =-=-=-=-=
  653. दिल में है जो बात किसी भी तरह कह डालिए
  654. ज़िन्दगी ही ना बीत जाए कहीं बताने मे ….
  655. =-=-=-=-=
  656. जिस्म का दिल से अगर वास्ता नहीं होता !
  657. क़सम खुदा की कोई हादसा नहीं होता !
  658. वे लोग जायें कहाँ बोलिये खड़े हैं जो ,
  659. उस हद के बाद जहाँ रास्ता नहीं होता !
  660. =-=-=-=-=
  661. जुबां पे झूंट जब आया उसे मैंने दबा दिया,
  662. कहा फिर भी नहीं की तू मुझे छोड़ चुकी हे तु
  663. =-=-=-=-=
  664. रोज़ रोते हुए कहती है ये ज़िंदगी मुझसे
  665. सिर्फ एक शख्स कि खातिर मुझे बर्बाद मत कर ….
  666. =-=-=-=-=
  667. ए दिल अब तो होश मैं आ…..
  668. यहाँ तुझे कोई अपना कहता ही नहीं….
  669. और तू है की खामख्वा किसी का बनने पे तुला है…..
  670. =-=-=-=-=
  671. किसी को मिल गया मौका, बुलन्दियों को छूने का,
  672. मेरा नाकाम होना भी किसी के काम तो आया।
  673. =-=-=-=-=
  674. तु हजार बार भी रूठे तो मना लुगाँ तझे,
  675. मगर देख, मुहब्बत में शामिल कोई दुसरा न हो।।
  676. =-=-=-=-=
  677. मौम के पास कभी आग को लाकर देखूँ,
  678. सोचता हूँ के तुझे हाथ लगा कर देखूँ……
  679. =-=-=-=-=
  680. दिल का मंदिर बड़ा वीरान नज़र आता है,
  681. सोचता हूँ तेरी तस्वीर लगा कर देखूँ….
  682. =-=-=-=-=
  683. चाँद उतरा था हमारे आँगन में,
  684. ये सितारों को गवाँरा ना हुआ,
  685. हम भी सितारों से क्या गिला करें,
  686. जब चाँद ही हमारा ना हुआ…!!!
  687. =-=-=-=-=
  688. भीगी आँखों से मुस्कराने में मज़ा और है,
  689. हसते हँसते पलके भीगने में मज़ा और है,
  690. बात कहके तो कोई भी समझलेता है,
  691. पर खामोशी कोई समझे तो मज़ा और है..
  692. =-=-=-=-=
  693. भूल जाना उसे मुश्किल तो नहीं है लेकिन
  694. काम आसान भी हमसे कहाँ होते हैं!
  695. =-=-=-=-=
  696. गुज़र गया वो वक़्त जब तेरी हसरत
  697. थी मुझको,
  698. अब तू खुदा भी बन जाए तो भी तेरा सजदा ना करूँ…
  699. =-=-=-=-=
  700. जिंदगी देने वाले , मरता छोड़ गये,
  701. अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये,
  702. जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की,
  703. वो जो साथ चलने वाले, रास्ता मोड़ गये”
  704. =-=-=-=-=
  705. हालात की दलील देकर उन्होनें साथ छोङ़ा , तो हम आहत नहीं हुए ….,
  706. सोचा हमसे ना सही , चलो किसी से तो वफ़ा निभाई उन्होने…
  707. =-=-=-=-=
  708. “ज़िन्दगी ने आज कह दिया है मुझे,
  709. किसी और से प्यार है,
  710. मेरी मौत से पूछो,
  711. अब उसे किस बात का इंतज़ार है.”
  712. =-=-=-=-=
  713. घर से तो निकले थे हम ख़ुशी की ही तलाश में,
  714. किस्मत ने ताउम्र का हमैं मुसाफिर बना दिया।
  715. =-=-=-=-=
  716. उन्हें नफरत हुयी सारे जहाँ से ,
  717. अब नयी दुनिया लाये कहाँ से…!
  718. =-=-=-=-=
  719. तू मेरे जनाज़े को कन्धा मत देना,
  720. कही ज़िन्दा ना हो जाऊँ फिर तेरा सहारा देख कर …
  721. =-=-=-=-=
  722. दीं सदायें जिंदगी ने मैं ही सुन पाया नहीं,
  723. ख्वाब आँखों में बहुत थे कोई बुन पाया नहीं।
  724. =-=-=-=-=
  725. दिल भी एक जिद पर अड़ा है किसी बच्चे की तरह,
  726. या तो सब कुछ ही चाहिए या कुछ भी नही…..
  727. =-=-=-=-=
  728. वो अपने मेहंदी वाले हाथ मुझे दिखा कर रोई,
  729. अब मैं हुँ किसी और की, ये मुझे बता कर रोई,
  730. पहले कहती थी कि नहीं जी सकती तेरे बिन,
  731. आज फिर से वो बात दोहरा कर रोई…
  732. कैसे कर लुँ उसकी महोब्बत पे शक यारो…!!
  733. वो भरी महफिल में मुझे गले लगा कर रोई…
  734. =-=-=-=-=
  735. “दोस्त ने दोस्त को, दोस्त के लिए रुला दिया,
  736. क्या हुआ जो किसी केलिए उसने हूमें भुला दिया,
  737. हम तो वैसे भी अकेले थे अच्छा हुआ
  738. जो उसने हमे एहसास तो दिला दिया.“
  739. =-=-=-=-=
  740. अगर है दम तो चल डुबा दे मुजको,
  741. समंदर नाकाम रहा, अब तेरी आँखो की बारी..
  742. =-=-=-=-=
  743. जब से पता चला है, की मरने का नाम है ‘जींदगी’;
  744. तब से, कफ़न बांधे कातील को ढूढ़ते हैं!”
  745. =-=-=-=-=
  746. तुम जैसा मुझे… कोण? कब???
  747. कहा?? और कैसे??? मिलेगा ??
  748. सोचो…
  749. बताओ…
  750. वरना मेरे हो जाओ ………………………!!”
  751. =-=-=-=-=
  752. रात सारी तड़पते रहेंगे हम अब ,
  753. आज फिर ख़त तेरे पढ़ लिए शाम को”
  754. =-=-=-=-=
  755. जिंदगी भर के इम्तिहान के बाद …..
  756. वो शख्स
  757. नतीजे में किसी और का निकला ..
  758. =-=-=-=-=
  759. मोहब्बत उसे भी बहुत है मुझसे
  760. जिंदगी सारी इस वहम ने ले ली…
  761. =-=-=-=-=
  762. “बादशाह तो में कहीं का भी बन सकता हूँ
  763. पर तेरे दिल की नगरी में हुकूमत करने
  764. का मज़ा ही कुछ अलग है………”
  765. =-=-=-=-=
  766. नहीं चाहिए कुछ भी तेरी इश्क़ कि दूकान से,
  767. हर चीज में मिलावट है बेवफाई कि..!!!!
  768. =-=-=-=-=
  769. काश तुम मौत होती तो…………. ….
  770. एक दिन मेरी जरूर होती …………… ….‼
  771. =-=-=-=-=
  772. बुला कर तुम ने महफ़िल में हमें ग़ैरों से उठवाया
  773. हमीं ख़ुद उठ गए होते इशारा कर दिया होता…
  774. =-=-=-=-=
  775. तूने हसीन से हसीन चेहरो को उदास किया है….
  776. ए इश्क ….
  777. तू अगर इन्सान होता तो तेरा पहला कातिल मै होता ।
  778. =-=-=-=-=
  779. ना आना लेकर उसे मेरे जनाजे में,
  780. मेरी मोहब्बत की तौहीन होगी,
  781. मैं चार लोगो के कंधे पर हूंगा,
  782. और मेरी जान पैदल होगी.
  783. =-=-=-=-=
  784.  “वो जो हमसे नफरत करते हैं,
  785. हम तो आज भी सिर्फ उन पर मरते हैं,
  786. नफरत है तो क्या हुआ यारो,
  787. कुछ तो है जो वो सिर्फ हमसे करते हैं।”
  788. =-=-=-=-=
  789. हमारे चले जाने के बाद, ये समुंदर भी पूछेगा तुमसे,
  790. कहा चला गया वो शख्स जो तन्हाई मे आ कर,
  791. बस तुम्हारा ही नाम लिखा करता था…
  792. =-=-=-=-=
  793. ना हम रहे दील लगाने के क़ाबील,
  794. ना दील रहा गम उठाने के क़ाबिल,
  795. लगा उसकी यादों से जो ज़ख़्म दिल पर,
  796. ना छोड़ा उस ने मुस्कुराने के क़ाबील.
  797. =-=-=-=-=
  798. जाते वक़त उसने बड़े गुरुर से कहा था -
  799. तुझ जेसे लाखो मिलेगे.
  800. मैंने मुस्कराकर पूछा : मुझ जेसे कि तलाश ही क्यों ?
  801. =-=-=-=-=
  802. टूटे हुए गिलास में जाम नहीं आता,
  803. इश्क के मरीजों को आराम नहीं आता,
  804. दिल तोड़ने से पहले सोचा तो होता,
  805. टुटा हुआ दिल किसी के काम नहीं आता ….
  806. =-=-=-=-=
  807. हमें ए दिल कहीं ले चल … बड़ा तेरा करम होगा
  808. हमारे दम से है हर गम …न होंगे हम और ना गम होगा
  809. =-=-=-=-=
  810. बुलबुल बैठा पेड पर मैने सोचा तोता है।
  811. यारा तेरे प्यार मे दिल ये मेरा रोता है।
  812. =-=-=-=-=
  813. कभी ये लगता है अब ख़त्म हो गया सब कुछ
  814. कभी ये लगता है अब तक तो कुछ हुआ भी नहीं
  815. =-=-=-=-=
  816. कुछ लोग मेरी शायरी से सीते हैं अपने जख्म,
  817. कुछ लोगों को मैं चुभता हूँ सुई की नोक के जैसे ।
  818. =-=-=-=-=
  819. एहसान नहीं है जिन्दगी तेरा मुझ पर ,
  820. मैंने हर सांस की यहाँ कीमत दी है।।
  821. =-=-=-=-=
  822. अपनो को दूर होते देखा ,
  823. सपनो को चूर होते देखा !
  824. अरे लोग कहते हैँ की फूल कभी रोते नही ,
  825. हमने फूलोँ को भी तन्हाइयोँ मे रोते देखा !
  826. =-=-=-=-=
  827. सिर्फ एहसास होता है चाहत मे, इकरार नहीं होता.
  828. दिल से दिल मिलते हैं मोह्हबत में इंकार नहीं होता.
  829. ये कब समझोगे मेरे दोस्तों, दिल को लफजों की जरूरत नहीं होती.
  830. ख़ामोशी सबकुछ कह देती है प्यार में इज़हार नहीं होता
  831. =-=-=-=-=
  832. तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है…
  833. जिसका रास्ता बहुत खराब है…
  834. मेरे ज़ख़्म का अंदाज़ा ना लगा…
  835. दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है…
  836. =-=-=-=-=
  837. काटो के बदले फूल क्या दोगे…
  838. आँसू के बदले खुशी क्या दोगे…
  839. हम चाहते है आप से उमर भर की दोस्ती…
  840. हमारे इस शायरी का जवाब क्या दोगे?
  841. =-=-=-=-=
  842. वो फिर से लौट आये थे मेरी जिंदगी में’ अपने मतलब के लिये
  843. और हम सोचते रहे की हमारी दुआ में दम था !
  844. =-=-=-=-=
  845. रात क्या ढली कि सितारे चले गये, गैरों से क्या कहें हम जब अपने ही चले गये,
  846. जीत तो सकते थे हम भी इश्क की बाज़ी, पर तुम्हे जितने के लिए हम हारते चले गये….
  847. =-=-=-=-=
  848. तेरा उलज़ा हुआ दामन मेरी अंजुमन तो नहीं,
  849. जो मेरे दिल में है शायद तेरी धड़कन तो नहीं,
  850. यू यकायक मुजे बरसाद की क्यों याद आई,
  851. जो घटा है तेरी आँखों में वो सावन तो नहीं.
  852. =-=-=-=-=
  853. भीगी आँखों से मुस्कराने में मज़ा और है,
  854. हसते हँसते पलके भीगने में मज़ा और है,
  855. बात कहके तो कोई भी समझलेता है,
  856. पर खामोशी कोई समझे तो मज़ा और है..
  857. =-=-=-=-=
  858. ना मुलाक़ात याद रखना, ना पता याद रखना,
  859. बस इतनी सी आरज़ू है, मेरा नाम याद रखना..
  860. =-=-=-=-=
  861. हमारे बाद अब महफ़िल में अफ़साने बयां होंगे
  862. बहारे हमको ढूँढेंगी ना जाने हम कहाँ होंगे
  863. ना हम होंगे ना तुम होंगे और ना ये दिल होगा फिर भी
  864. हज़ारो मंज़िले होंगी हज़ारो कारँवा होंगे
  865. =-=-=-=-=
  866. काश वो नगमे सुनाए ना होते
  867. आज उनको सुनकर ये आँसू आए ना होते
  868. अगर इस तरह भूल जाना ही था
  869. तो इतनी गहराई से दिल्मे समाए ना होते….
  870. =-=-=-=-=
  871. ज़ख़्म जब मेरे सीने के भर जाएँगे;
  872. आँसू भी मोती बनकर बिखर जाएँगे;
  873. ये मत पूछना किस किस ने
  874. धोखा दिया;
  875. वरना कुछ अपनो के चेहरे उतर जाएँगे।
  876. =-=-=-=-=
  877. उतरे जो ज़िन्दगी तेरी गहराइयों में।
  878. महफ़िल में रह के भी रहे तनहाइयों में
  879. इसे दीवानगी नहीं तो और क्या कहें।
  880. प्यार ढुढतेँ रहे परछाईयों मेँ।
  881. =-=-=-=-=
  882. हमने दिल जो वापीस मांगा तो सिर जुका के…
  883. बोले
  884. वो तो टुंट गया युहि खेलते खेलते…….
  885. =-=-=-=-=
  886. मंजीले मुश्किल थी पर हम खोये नहीं…
  887. दर्द था दिल में पर हम रोये नहीं…
  888. कोई नहीं आज हमारा जो पूछे हमसे…
  889. जाग रहे हो किसी के लिए..या किसी के लिये सोये नहीं…
  890. =-=-=-=-=
  891. दिल रोज सजता है, नादान दुल्हन की तरह..!!
  892. गम रोज चले आते हैं, बाराती बनकर..!!
  893. =-=-=-=-=
  894.  ‘तू’ डालता जा साकी शराब मेरे प्यालो में…
  895. जब तक ‘वो’ न निकले मेरे ख्यालों से ।।।
  896. =-=-=-=-=
  897. अजनबी ख्वाहिशें सीने में दबा भी न सकूँ
  898. ऐसे जिद्दी हैं परिंदे के उड़ा भी न सकूँ
  899. फूँक डालूँगा किसी रोज ये दिल की दुनिया
  900. ये तेरा खत तो नहीं है कि जला भी न सकूँ
  901. =-=-=-=-=
  902. सुलाके सबको गहरी नींद में …
  903. फिर अकेला क्युं अंधेरा जागता है!!!!!!
  904. =-=-=-=-=
  905. “एक बार उसने कहा था मेरे सिवा किसी से प्यार ना करना,
  906. बस फिर क्या था तबसे मोहब्बत की नजर से हमने खुद को भी नहीं देखा”
  907. =-=-=-=-=
  908. ना नमाज़ आती है मुझे, ना वज़ू आता है,
  909. सज़दा कर लेता हूँ जब सामने तू आती है…
  910. =-=-=-=-=
  911. सोचा था
  912. घर बना कर बैठुंगा सुकून से…
  913. पर घर
  914. की ज़रूरतों ने
  915. मुसाफ़िर बना डाला
  916. !!
  917. =-=-=-=-=
  918. एक घड़ी
  919. ख़रीदकर हाथ मे क्या बाँध
  920. ली,,
  921. वक़्त पीछे
  922. ही पड़ गया मेरे..!!
  923. ===========================


  924. जो तुम बोलो बिखर जाऐंगे, जो तुम चाहो संवर जाऐंगे,
  925. मगर ये टूटना-जुड़ना हमें तकलीफ बहुत देता है….




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