- Tumhe Jab Kabhi Milen Fursatain, Mere Dil Se Bojh Utaar Do,
- Main Bahut Dinon Se Udaas Hoon Mujhe Koi Sham Udhar Do,
- Kisi Aur Ko Mere Haal Se Na Garz Hai Koi Na Wasta,
- Main Bikhar G!aya Hoon Samait Lo, Main Bigad Gaya Hoon Sanwaar Do
- ================================
- Badi Bechaini Basti Hai, Kabhi Milne Chale Aao,
- Yeh Duniya !Mujh Pe Hansti Hai, Kabhi Milne Chale Aao,
- Koi Bhi Pal Nahin Guzaara, Jo Ho Teri Yaad Se Khaali,
- Tanhaayi Mujhko Dasti Hai, Kabhi Milne Chale Aao
- ================================
- Muddat Se Jaagi Aankhon Ko Ek Bar Sulane Aa Jao,
- Mana Ke T!um Ko Pyaar Nahin Nafrat Hi Jatane Aa Jao
- Tumhe Jab Kabhi Milen Fursatain, Mere Dil Se Bojh Utaar Do,
- Main Bahut !Dinon Se Udaas Hoon Mujhe Koi Sham Udhar Do,
- Kisi Aur Ko Mere Haal Se Na Garz Hai Koi Na Wasta,
- Main Bikhar Gaya Hoon Samait Lo, Main Bigad Gaya Hoon Sanwaar Do
- ================================
- Badi Bechaini Basti Hai, Kabhi Milne Chale Aao,
- Yeh Duniya Mujh Pe Hansti Hai, Kabhi Milne Chale Aao,
- Koi Bhi Pal Nahin Guzaara, Jo Ho Teri Yaad Se Khaali,
- Tanhaayi Mujhko Dasti Hai, Kabhi Milne Chale Aao
- ================================
- Muddat Se Jaagi Aankhon Ko Ek Bar Sulane Aa Jao,
- Mana Ke Tu!m Ko Pyaar Nahin Nafrat Hi Jatane Aa Jao
- Zara sa maan rakh lena k tum meri mohbat ho,
- Sitam tum !soch kar karna k tum meri mohbat ho..
- Agr jaane ki zid hy to chale jao magar sun lo,
- K jaldi lot k aana k tum meri mohbat ho..
- ================================
- मोहब्बत को हद से गुजर
- तो जाने दो,
- वो रोयेंगे
- जरूर हमे बिखर
- तो जाने दो,
- अभी ज़िंदा
- हैं तो एहसास
- नहीं उनको,
- रो कर
- पुका!रेंगे हमे एक
- दफा मर तो जाने दो।..
- ================================
- तू बिन बताये
- मुझे ले
- चल क!हीं…..
- जहाँ तू मुस्कुराये
- मेरी मंजिल
- वहीं…
- ================================
- Kuchh Tabiyat Hi Mili Thi Aisi,
- Ki Chain Se Jeene Ki Surat Na Hui,
- Jise Chaha Use Pa Na Sake,
- Jo Mila Us Se Mohabbat Na Hui.
- ================================
- Ye Zaroori To Nahi Ke Jeet Hi Musarrat Bakhshay ‘Mohsin’,
- Aisi Khushiyan Bhi Hain Milti Jo Sirf Haar Se Hain…
- ================================
- Ham Ne Kab Un Say Mulaqat Ka Waada Chaha
- Door Reh Kar To Unhe Aur Bhi Ziyada Chaha
- Yaad Aay!e Hamen Aur Bhi Shidat Say Who
- Bhool Jane Ka Unhe Jab Bhi Iraada Chaha
- ================================
- Ye Kaisi Mulaqat Hai Main Kis Khumar Main Hoon
- Wo Aa Ke Ja Chuka Hai Main Intezaar Main Hoon
- ================================
- तु भी आईने की तरह
- बेवफा निकला,
- जो सामने आया
- उसी का हो गया…..
- ================================
- माना तेरी नज़र में तेरा प्यार हम नही,
- कैसे! कहें की
- तेरे तलबगार हम नही…
- ख़ुद को जला के
- ख़ाक कर डाला,मिटा दिया,
- लो अब तुम्हारी
- राह में दीवार हम नही…
- जिस को सँवारा
- हमने तमन्नाओं के ख़ून से,
- गुलशन में उस
- बहार के हक़दार हम नही…
- धोखा दिया है
- ख़ुद को मुहोब्बत के नाम से,
- कैसे कहें की
- तेरे गुनाहगार हम नही…
- ================================
- तेरे पास भी कम नहीं, मेरे पास भी बहुत हैं,
- ये परेशानियाँ आजकल फुरसत में बहुत हैं …………
- =-=-=-=-=
- मेरे लफ़्!ज़ों से न कर मेरे क़िरदार का फ़ैसला।।
- तेरा वज़ूद मिट जायेगा मेरी हकीक़त ढूंढ़ते ढूंढ़ते।।
- =-=-=-=-=
- कितना कुछ जानता होगा वो सख्श मेरे बारे में;
- मेरे मुस्कुराने पर भी जिसने पूछ लिया कि तुम
- उदास! क्यूँ हो ?
- =-=-=-=-=
- चूम कर कफ़न में लिपटें मेरे चेहरे को, उसने
- तड़प के कहा….
- .
- .
- नए कपड़े क्या पहन लिए, हमें देखते
- भी नहीं’…
- =-=-=-=-=
- जाते जाते उसने पलटकर इतना ही कहा मुझसे
- मेरी बेवफाई से ही मर जाओगे या मार के जाऊँ”
- =-=-=-=-=
- जुल्फों को फैला कर जब कोई महबूबा किसी आशिक की कब्र पर रोती है …
- तब महसूस होता है कि मौत भी कितनी हसीं होती हे….
- =-=-=-=-=
- तेरी मुहब्बत भी किराये के घर की तरह
- थी…..
- कितना भी सजाया पर मेरी नहीं हुई….
- =-=-=-=-=
- यहाँ हजारों शायर है जो तख़्त बदलने निकले है,
- कुछ मेरे !जैसे पागल है जो वक़्त बदलने निकले है,…..
- =-=-=-=-=
- नाकाम मोहब्बतें भी बड़े काम की होती हैं
- दिल मिले !ना मिले नाम मिल जाता है..!
- =-=-=-=-=
- उनके लिए जब हमने भटकना छोड़ दिया,
- याद में उनकी जब तड़पना छोड़ दिया,
- वो रोये बहुत आकर तब हमारे पास,
- जब हमारे दिल ने धडकना छोड़ दिया.
- =-=-=-=-=
- ” कितनी झुठी होती है, मोहब्बत की कस्मेँ….।”
- देखो तुम भी जिन्दा हो, मैँ भी जिन्दा हूँ….॥
- =-=-=-=-=
- वो शायद मतलब से मिलते हैं,
- मुझे तो मिलने से मतलब है.!
- =-=-=-=-=
- =-=-=-=-=
- तुमने कहा था आँख भर के देख लिया करो मुझे,
- मगर अब आँख भर आ!ती है तुम नजर नही आते हो।
- =-=-=-=-=
- उसने महबूब ही तो बदला है फिर ताज्जुब कैसा ???
- दुआ कबूल! ना हो तो लोग खुदा तक बदल लेते है !!!
- =-=-=-=-=
- हाथ ज़ख़्मी हुए तो कुछ अपनी ही खता थी…..
- लकीरों को मिटाना चाहा किसी को पाने की खातिर….!!
- =-=-=-=-=
- वो इस तरह मुस्कुरा रहे थे , जैसे कोई गम छुपा रहे थे !!
- बारिश में भीग के आये थे मिलने , शायद वो आंसु छुपा रहे थे !
- =-=-=-=-=
- आज उसकी एक बात ने मुझे मेरी गलती की यूँ सजा दी…
- छोड़ कर जाते हुए कह गई,
- जब दर्द बर्दाश्त नहीं होता तो मुझ से मोहब्बत क्यूँ की….!!!!
- =-=-=-=-=
- उसके साथ जीने का इक मौका दे दे, ऐ खुदा..
- तेरे साथ तो हम मरने के बाद भी रह लेंगे..
- =-=-=-=-=
- उठाये जो हाथ उन्हें मांगने के लिए,
- किस्मत ने कहा, अपनी औकात में रहो।
- =-=-=-=-=
- जब से बाजी, वफा की हारे हैं.
- दोस्तों, हम भी गम के मारे हैं.
- तुम हमारे सिवा, सभी के हो,
- हम किसी के नहीं, तुम्हारे हैं.
- =-=-=-=-=
- मेरे बारे में अपनी सोच को थोड़ा बदलकर देख,
- मुझसे भी! बुरे हैं लोग तू घर से निकलकर देख…!
- =-=-=-=-=
- तेरी यादों की कोई सरहद होती तो अच्छा था
- खबर तो रहती….सफर! तय कितना करना है
- =-=-=-=-=
- जुबां खुली पर कुछ कह न पाए , आँखों से चाहत जता रहे थे !
- सुबह की चाहत लिए !नज़र में , रात नज़र में बिता रहे थे !!
- =-=-=-=-=
- मुझे दफनाने से पहले मेरा दिल निकाल कर उसे दे देना…
- मैं नही चाहता के वो खेलना छोङ दे…!!
- =-=-=-=-=
- किसी ने ग़ालिब से कहा
- सुना है जो शराब पीते हैं उनकी दुआ कुबूल नहीं होती ….
- ग़ालिब बोले: “जिन्हें शराब मिल जाए उन्हें किसी दुआ की ज़रूरत नहीं होती”
- =-=-=-=-=
- जो भी आता है एक नयी चोट दे के चला जाता है ए दोस्त,….
- मै मज़बूत बहोत हु लेकिन कोई पत्थर तो नहीं,….
- =-=-=-=-=
- वो अपनी ज़िंदगी में हुआ मशरूफ इतना;
- वो किस-किस को भूल गया उसे यह भी याद नहीं।
- =-=-=-=-=
- याद आयेगी हमारी तो बी!ते कल को पलट लेना..
- यूँ ही किसी पन्ने में मुस्कुराते हुए मिल जायेंगे ..!!
- =-=-=-=-=
- पथ्थर समझ के हमें मत ठुकराओ ,
- कल हम मंदिर में! भी हो सकते हैं ।
- =-=-=-=-=
- “युं तो गलत नही होते अंदाज चहेरों के…
- लेकिन लोग…
- वैसे भी नहीं होते जैसे नजर आते है..!!”
- =-=-=-=-=
- दिल में है जो बात किसी भी तरह कह डालिए
- ज़िन्दगी ही ना बीत जाए कहीं बताने मे ….
- =-=-=-=-=
- जिस्म का दिल से अगर वास्ता नहीं होता !
- क़सम खुदा की कोई हादसा नहीं होता !
- वे लोग जायें कहाँ बोलिये खड़े हैं जो ,
- उस हद के बाद जहाँ रास्ता नहीं होता !
- =-=-=-=-=
- जुबां पे झूंट जब आया उसे मैंने दबा दिया,
- कहा फिर भी नहीं की तू मुझे छोड़ चुकी हे तु
- =-=-=-=-=
- रोज़ रोते हुए कहती है ये ज़िंदगी मुझसे
- सिर्फ एक शख्स कि खातिर मुझे बर्बाद मत कर ….
- =-=-=-=-=
- ए दिल अब तो होश मैं आ…..
- यहाँ तुझे कोई !अपना कहता ही नहीं….
- और तू है की खामख्वा किसी का बनने पे तुला है…..
- =-=-=-=-=
- किसी को मिल गया! मौका, बुलन्दियों को छूने का,
- मेरा नाकाम होना भी किसी के काम तो आया।
- =-=-=-=-=
- तु हजार बार भी रूठे तो मना लुगाँ तझे,
- मगर देख, मुहब्बत में शामिल कोई दुसरा न हो।।
- =-=-=-=-=
- मौम के पास कभी आग को लाकर देखूँ,
- सोचता हूँ के तुझे हाथ लगा कर देखूँ……
- =-=-=-=-=
- दिल का मंदिर बड़ा वीरान नज़र आता है,
- सोचता हूँ तेरी तस्वीर लगा कर देखूँ….
- =-=-=-=-=
- चाँद उतरा था हमारे आँगन में,
- ये सितारों को गवाँरा ना हुआ,
- हम भी सितारों से क्या गिला करें,
- जब चाँद ही हमारा ना हुआ…!!!
- =-=-=-=-=
- भीगी आँखों से मुस्कराने में मज़ा और है,
- हसते हँसते पलके भीगने में मज़ा और है,
- बात कहके तो !कोई भी समझलेता है,
- पर खामोशी कोई समझे तो मज़ा और है..
- =-=-=-=-=
- भूल जाना उसे मुश्किल तो नहीं है लेकिन
- काम आसान भी हमसे क!हाँ होते हैं!
- =-=-=-=-=
- गुज़र गया वो वक़्त जब तेरी हसरत
- थी मुझको,
- अब तू खुदा भी बन जाए तो भी तेरा सजदा ना करूँ…
- =-=-=-=-=
- जिंदगी देने वाले , मरता छोड़ गये,
- अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये,
- जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की,
- वो जो साथ चलने वाले, रास्ता मोड़ गये”
- =-=-=-=-=
- हालात की दलील देकर उन्होनें साथ छोङ़ा , तो हम आहत नहीं हुए ….,
- सोचा हमसे ना सही , चलो किसी से तो वफ़ा निभाई उन्होने…
- =-=-=-=-=
- “ज़िन्दगी ने आज कह दिया है मुझे,
- किसी और से प्यार है,
- मेरी मौत से पूछो,
- अब उसे किस बात का इंतज़ार है.”
- =-=-=-=-=
- घर से तो निकले थे हम ख़ुशी की ही तलाश में,
- किस्मत ने ताउम्र का हमैं मुसाफिर बना दिया।
- =-=-=-=-=
- उन्हें नफरत हुयी सारे जहाँ से ,
- अब नयी दुनिया! लाये कहाँ से…!
- =-=-=-=-=
- तू मेरे जनाज़े को कन्धा! मत देना,
- कही ज़िन्दा ना हो जाऊँ फिर तेरा सहारा देख कर …
- =-=-=-=-=
- दीं सदायें जिंदगी ने मैं ही सुन पाया नहीं,
- ख्वाब आँखों में बहुत थे कोई बुन पाया नहीं।
- =-=-=-=-=
- दिल भी एक जिद पर अड़ा है किसी बच्चे की तरह,
- या तो सब कुछ ही चाहिए या कुछ भी नही…..
- =-=-=-=-=
- वो अपने मेहंदी वाले हाथ मुझे दिखा कर रोई,
- अब मैं हुँ किसी और की, ये मुझे बता कर रोई,
- पहले कहती थी कि नहीं जी सकती तेरे बिन,
- आज फिर से वो बात दोहरा कर रोई…
- कैसे कर लुँ उसकी महोब्बत पे शक यारो…!!
- वो भरी महफिल में मुझे गले लगा कर रोई…
- =-=-=-=-=
- “दोस्त ने दोस्त को, दोस्त के लिए रुला दिया,
- क्या हुआ जो किसी के!लिए उसने हूमें भुला दिया,
- हम तो वैसे !भी अकेले थे अच्छा हुआ
- जो उसने हमे एहसास तो दिला दिया.“
- =-=-=-=-=
- अगर है दम तो चल डुबा दे मुजको,
- समंदर नाकाम रहा, अब तेरी आँखो की बारी..
- =-=-=-=-=
- जब से पता चला है, की मरने का नाम है ‘जींदगी’;
- तब से, कफ़न बांधे कातील को ढूढ़ते हैं!”
- =-=-=-=-=
- तुम जैसा मुझे… कोण? कब???
- कहा?? और कैसे??? मिलेगा ??
- सोचो…
- बताओ…
- वरना मेरे हो जाओ ………………………!!”
- =-=-=-=-=
- रात सारी तड़पते रहेंगे हम अब ,
- आज फिर ख़त तेरे पढ़ लिए शाम को”
- =-=-=-=-=
- जिंदगी भर के इम्तिहान के बाद …..
- वो शख्स
- नतीजे में किसी और का निकला ..
- =-=-=-=-=
- मोहब्बत उसे भी बहुत है मुझसे
- जिंदगी सारी इस वहम ने ले ली…
- =-=-=-=-=
- “बादशाह तो में कहीं का भी बन सकता हूँ
- पर तेरे दि!ल की नगरी में हुकूमत करने
- का मज़ा ही कुछ अलग है………”
- =-=-=-=-=
- नहीं चाहि!ए कुछ भी तेरी इश्क़ कि दूकान से,
- हर चीज में मिलावट है बेवफाई कि..!!!!
- =-=-=-=-=
- काश तुम मौत होती तो…………. ….
- एक दिन मेरी जरूर होती …………… ….‼
- =-=-=-=-=
- बुला कर तुम ने महफ़िल में हमें ग़ैरों से उठवाया
- हमीं ख़ुद उठ गए होते इशारा कर दिया होता…
- =-=-=-=-=
- तूने हसीन से हसीन चेहरो को उदास किया है….
- ए इश्क ….
- तू अगर इन्सान होता तो तेरा पहला कातिल मै होता ।
- =-=-=-=-=
- ना आना लेकर उसे मेरे जनाजे में,
- मेरी मोहब्बत की तौहीन होगी,
- मैं चार लोगो के कंधे पर हूंगा,
- और मेरी जान पैदल होगी.
- =-=-=-=-=
- “वो जो हमसे नफरत करते हैं,
- हम तो आ!ज भी सिर्फ उन पर मरते हैं,
- नफरत है तो क्या हुआ यारो,
- कुछ तो है जो! वो सिर्फ हमसे करते हैं।”
- =-=-=-=-=
- हमारे चले जाने के बाद, ये समुंदर भी पूछेगा तुमसे,
- कहा चला गया वो शख्स जो तन्हाई मे आ कर,
- बस तुम्हारा ही नाम लिखा करता था…
- =-=-=-=-=
- ना हम रहे दील लगाने के क़ाबील,
- ना दील रहा गम उठाने के क़ाबिल,
- लगा उसकी यादों से जो ज़ख़्म दिल पर,
- ना छोड़ा उस ने मुस्कुराने के क़ाबील.
- =-=-=-=-=
- जाते वक़त उसने बड़े गुरुर से कहा था -
- तुझ जेसे लाखो मिलेगे.
- मैंने मुस्कराकर पूछा : मुझ जेसे कि तलाश ही क्यों ?
- =-=-=-=-=
- टूटे हुए गिलास में जाम नहीं आता,
- इश्क के मरीजों!! को आराम नहीं आता,
- दिल तोड़ने से पहले सोचा तो होता,
- टुटा हुआ दिल !किसी के काम नहीं आता ….
- =-=-=-=-=
- हमें ए दिल कहीं ले चल … बड़ा तेरा करम होगा
- हमारे दम से है हर गम …न होंगे हम और ना गम होगा
- =-=-=-=-=
- बुलबुल बैठा पेड पर मैने सोचा तोता है।
- यारा तेरे प्यार मे दिल ये मेरा रोता है।
- =-=-=-=-=
- कभी ये लगता है अब ख़त्म हो गया सब कुछ
- कभी ये लगता है अब तक तो कुछ हुआ भी नहीं
- =-=-=-=-=
- कुछ लोग मेरी शायरी से सीते हैं अपने जख्म,
- कुछ लोगों को मैं चुभता हूँ सुई की नोक के जैसे ।
- =-=-=-=-=
- एहसान नहीं है जिन्दगी तेरा मुझ पर ,
- मैंने हर सांस की यहाँ कीमत दी है।।
- =-=-=-=-=
- अपनो को दूर होते देखा ,
- सपनो को चूर होते देखा !
- अरे लोग कहते हैँ की फूल कभी रोते नही ,
- हमने फूलोँ को भी तन्हाइयोँ मे रोते देखा !
- =-=-=-=-=
- सिर्फ एहसास होता है चाहत मे, इकरार नहीं होता.
- दिल से दिल मिल!ते हैं मोह्हबत में इंकार नहीं होता.
- ये कब समझोगे मेरे दोस्तों, दिल को लफजों की जरूरत नहीं होती.
- ख़ामोशी सबकुछ !कह देती है प्यार में इज़हार नहीं होता
- =-=-=-=-=
- तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है…
- जिसका रास्ता बहुत खराब है…
- मेरे ज़ख़्म का अंदाज़ा ना लगा…
- दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है…
- =-=-=-=-=
- काटो के बदले फूल क्या दोगे…
- आँसू के बदले खुशी क्या दोगे…
- हम चाहते है आप से उमर भर की दोस्ती…
- हमारे इस शायरी का जवाब क्या दोगे?
- =-=-=-=-=
- वो फिर से लौट आये थे मेरी जिंदगी में’ अपने मतलब के लिये
- और हम सोचते रहे की हमारी दुआ में दम था !
- =-=-=-=-=
- रात क्या ढली कि सितारे चले गये, गैरों से क्या कहें हम जब अपने ही चले गये,
- जीत तो सकते थे हम भी इश्क की बाज़ी, पर तुम्हे जितने के लिए हम हारते चले गये….
- =-=-=-=-=
- तेरा उलज़ा हुआ दामन मेरी अंजुमन तो नहीं,
- जो मेरे दिल में! है शायद तेरी धड़कन तो नहीं,
- यू यकायक मुजे बरसाद की क्यों याद आई,
- जो घटा है तेरी !आँखों में वो सावन तो नहीं.
- =-=-=-=-=
- भीगी आँखों से मुस्कराने में मज़ा और है,
- हसते हँसते पलके भीगने में मज़ा और है,
- बात कहके तो कोई भी समझलेता है,
- पर खामोशी कोई समझे तो मज़ा और है..
- =-=-=-=-=
- ना मुलाक़ात याद रखना, ना पता याद रखना,
- बस इतनी सी आरज़ू है, मेरा नाम याद रखना..
- =-=-=-=-=
- हमारे बाद अब महफ़िल में अफ़साने बयां होंगे
- बहारे हमको ढूँढेंगी ना जाने हम कहाँ होंगे
- ना हम होंगे ना तुम होंगे और ना ये दिल होगा फिर भी
- हज़ारो मंज़िले होंगी हज़ारो कारँवा होंगे
- =-=-=-=-=
- काश वो नगमे सुनाए ना होते
- आज उनको सुनकर ये आँसू आए ना होते
- अगर इस तरह भूल! जाना ही था
- तो इतनी गहराई से दिल्मे समाए ना होते….
- =-=-=-=-=
- ज़ख़्म जब मेरे सीने के भर जाएँगे;
- आँसू भी मोती बनकर बिखर जाएँगे;
- ये मत पूछना !किस किस ने
- धोखा दिया;
- वरना कुछ अपनो के चेहरे उतर जाएँगे।
- =-=-=-=-=
- उतरे जो ज़िन्द!गी तेरी गहराइयों में।
- महफ़िल में रह के भी रहे तनहाइयों में
- इसे दीवानगी नहीं तो और क्या कहें।
- प्यार ढुढतेँ रहे परछाईयों मेँ।
- =-=-=-=-=
- हमने दिल जो वापीस मांगा तो सिर जुका के…
- बोले
- वो तो टुंट गया युहि खेलते खेलते…….
- =-=-=-=-=
- मंजीले मुश्किल थी पर हम खोये नहीं…
- दर्द था दिल में पर हम रोये नहीं…
- कोई नहीं आज हमारा जो पूछे हमसे…
- जाग रहे हो किसी के लिए..या किसी के लिये सोये नहीं…
- =-=-=-=-=
- दिल रोज सजता है, नादान दुल्हन की तरह..!!
- गम रोज चले आते हैं, बाराती बनकर..!!
- =-=-=-=-=
- ‘तू’ डालता जा साकी शराब मेरे प्यालो में…
- जब तक ‘वो’ न निकले मेरे ख्यालों से ।।।
- =-=-=-=-=
- अजनबी ख्वाहिशें सीने में दबा भी न सकूँ
- ऐसे जिद्दी हैं परिंदे के उड़ा भी न सकूँ
- फूँक डालूँगा किसी रोज ये दिल की दुनिया
- ये तेरा खत तो नहीं है कि जला भी न सकूँ
- =-=-=-=-=
- सुलाके सबको गहरी नींद में …
- फिर अकेला क्युं अंधेरा जागता है!!!!!!
- =-=-=-=-=
- “एक बार उसने कहा था मेरे सिवा किसी से प्यार ना करना,
- बस फिर क्या था तबसे मोहब्बत की नजर से हमने खुद को भी नहीं देखा”
- =-=-=-=-=
- ना नमाज़ आती है मुझे, ना वज़ू आता है,
- सज़दा कर लेता हूँ जब सामने तू आती है…
- =-=-=-=-=
- सोचा था
- घर बना कर बैठुंगा सुकून से…
- पर घर
- की ज़रूरतों ने
- मुसाफ़िर बना डाला
- !!
- =-=-=-=-=
- एक घड़ी
- ख़रीदकर हाथ मे क्या बाँध
- ली,,
- वक़्त पीछे
- ही पड़ गया मेरे..!!
- ================================
- जो तुम बोलो बिखर जाऐंगे, जो तुम चाहो संवर जाऐंगे,
- मगर ये टूटना-जुड़ना हमें तकलीफ बहुत देता है….
- ================================
- Zara sa maan rakh lena k tum meri mohbat ho,
- Sitam tum soch kar karna k tum meri mohbat ho..
- Agr jaane ki zid hy to chale jao magar sun lo,
- K jaldi lot k aana k tum meri mohbat ho..
- ================================
- मोहब्बत को हद से गुजर
- तो जाने दो,
- वो रोयेंगे
- जरूर हमे बिखर
- तो जाने दो,
- अभी ज़िंदा
- हैं तो एहसास
- नहीं उनको,
- रो कर
- पुकारेंगे हमे एक
- दफा मर तो जाने दो।..
- ===========================
- तू बिन बताये
- मुझे ले
- चल कहीं…..
- जहाँ तू मुस्कुराये
- मेरी मंजिल
- वहीं…
- =============================
- Kuchh Tabiyat Hi Mili Thi Aisi,
- Ki Chain Se Jeene Ki Surat Na Hui,
- Jise Chaha Use Pa Na Sake,
- Jo Mila Us Se Mohabbat Na Hui.
- Ye Zaroori To Nahi Ke Jeet Hi Musarrat Bakhshay ‘Mohsin’,
- Aisi Khushiyan Bhi Hain Milti Jo Sirf Haar Se Hain…
- Ham Ne Kab Un Say Mulaqat Ka Waada Chaha
- Door Reh Kar To Unhe Aur Bhi Ziyada Chaha
- Yaad Aaye Hamen Aur Bhi Shidat Say Who
- Bhool Jane Ka Unhe Jab Bhi Iraada Chaha
- Ye Kaisi Mulaqat Hai Main Kis Khumar Main Hoon
- Wo Aa Ke Ja Chuka Hai Main Intezaar Main Hoon
- तु भी आईने की तरह
- बेवफा निकला,
- जो सामने आया
- उसी का हो गया…..
- माना तेरी नज़र में तेरा प्यार हम नही,
- कैसे कहें की
- तेरे तलबगार हम नही…
- ख़ुद को जला के
- ख़ाक कर डाला,मिटा दिया,
- लो अब तुम्हारी
- राह में दीवार हम नही…
- जिस को सँवारा
- हमने तमन्नाओं के ख़ून से,
- गुलशन में उस
- बहार के हक़दार हम नही…
- धोखा दिया है
- ख़ुद को मुहोब्बत के नाम से,
- कैसे कहें की
- तेरे गुनाहगार हम नही…
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- ============================
- चैन मिलता था जिसे आके पनाहों
- में मेरी,
- आज देता है वही अश्क निगाहों
- में मेरी….
- Search Terms :
- Heart Touching Shayari Images,
- Broken Heart Shayari,
- 2 Lines Shayari in Hindi
- Hindi Sad Shayari Images,
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- 19
- Sad Shayari in Hindi – Part-5 (Broken Heart Shayari, Toote Dil Ki Shayari, Dard Bhari Shayari, Tanhai, Bewafai, Judai)
- Bewafai Shayari, Broken Heart Shayari, Dard Bhari Shayari, General, Judai Shayari, Loneliness Shayari, Sad Shayari In Hindi Font, Shayari In Text, Toote Dil Ki Shayari Comments
- Huge Collection Of Sad Shayari - Dard Shayari, Akelapan, Mayusi, Khamoshi
- Sad Shayari in Hindi – Part-5
- (Toote Dil Ki Shayari, Broken Heart Shayari, Tanhai, Bewafai, Judai)
- तेरे पास भी कम नहीं, मेरे पास भी बहुत हैं,
- ये परेशानियाँ आजकल फुरसत में बहुत हैं …………
- =-=-=-=-=
- मेरे लफ़्ज़ों से न कर मेरे क़िरदार का फ़ैसला।।
- तेरा वज़ूद मिट जायेगा मेरी हकीक़त ढूंढ़ते ढूंढ़ते।।
- =-=-=-=-=
- कितना कुछ जानता होगा वो सख्श मेरे बारे में;
- मेरे मुस्कुराने पर भी जिसने पूछ लिया कि तुम
- उदास क्यूँ हो ?
- =-=-=-=-=
- चूम कर कफ़न में लिपटें मेरे चेहरे को, उसने
- तड़प के कहा….
- .
- .
- नए कपड़े क्या पहन लिए, हमें देखते
- भी नहीं’…
- =-=-=-=-=
- जाते जाते उसने पलटकर इतना ही कहा मुझसे
- मेरी बेवफाई से ही मर जाओगे या मार के जाऊँ”
- =-=-=-=-=
- जुल्फों को फैला कर जब कोई महबूबा किसी आशिक की कब्र पर रोती है …
- तब महसूस होता है कि मौत भी कितनी हसीं होती हे….
- =-=-=-=-=
- तेरी मुहब्बत भी किराये के घर की तरह
- थी…..
- कितना भी सजाया पर मेरी नहीं हुई….
- =-=-=-=-=
- यहाँ हजारों शायर है जो तख़्त बदलने निकले है,
- कुछ मेरे जैसे पागल है जो वक़्त बदलने निकले है,…..
- =-=-=-=-=
- नाकाम मोहब्बतें भी बड़े काम की होती हैं
- दिल मिले ना मिले नाम मिल जाता है..!
- =-=-=-=-=
- उनके लिए जब हमने भटकना छोड़ दिया,
- याद में उनकी जब तड़पना छोड़ दिया,
- वो रोये बहुत आकर तब हमारे पास,
- जब हमारे दिल ने धडकना छोड़ दिया.
- =-=-=-=-=
- ” कितनी झुठी होती है, मोहब्बत की कस्मेँ….।”
- देखो तुम भी जिन्दा हो, मैँ भी जिन्दा हूँ….॥
- =-=-=-=-=
- वो शायद मतलब से मिलते हैं,
- मुझे तो मिलने से मतलब है.!
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- =-=-=-=-=
- तुमने कहा था आँख भर के देख लिया करो मुझे,
- मगर अब आँख भर आती है तुम नजर नही आते हो।
- =-=-=-=-=
- उसने महबूब ही तो बदला है फिर ताज्जुब कैसा ???
- दुआ कबूल ना हो तो लोग खुदा तक बदल लेते है !!!
- =-=-=-=-=
- हाथ ज़ख़्मी हुए तो कुछ अपनी ही खता थी…..
- लकीरों को मिटाना चाहा किसी को पाने की खातिर….!!
- =-=-=-=-=
- वो इस तरह मुस्कुरा रहे थे , जैसे कोई गम छुपा रहे थे !!
- बारिश में भीग के आये थे मिलने , शायद वो आंसु छुपा रहे थे !
- =-=-=-=-=
- आज उसकी एक बात ने मुझे मेरी गलती की यूँ सजा दी…
- छोड़ कर जाते हुए कह गई,
- जब दर्द बर्दाश्त नहीं होता तो मुझ से मोहब्बत क्यूँ की….!!!!
- =-=-=-=-=
- उसके साथ जीने का इक मौका दे दे, ऐ खुदा..
- तेरे साथ तो हम मरने के बाद भी रह लेंगे..
- =-=-=-=-=
- उठाये जो हाथ उन्हें मांगने के लिए,
- किस्मत ने कहा, अपनी औकात में रहो।
- =-=-=-=-=
- जब से बाजी, वफा की हारे हैं.
- दोस्तों, हम भी गम के मारे हैं.
- तुम हमारे सिवा, सभी के हो,
- हम किसी के नहीं, तुम्हारे हैं.
- =-=-=-=-=
- मेरे बारे में अपनी सोच को थोड़ा बदलकर देख,
- मुझसे भी बुरे हैं लोग तू घर से निकलकर देख…!
- =-=-=-=-=
- तेरी यादों की कोई सरहद होती तो अच्छा था
- खबर तो रहती….सफर तय कितना करना है
- =-=-=-=-=
- जुबां खुली पर कुछ कह न पाए , आँखों से चाहत जता रहे थे !
- सुबह की चाहत लिए नज़र में , रात नज़र में बिता रहे थे !!
- =-=-=-=-=
- मुझे दफनाने से पहले मेरा दिल निकाल कर उसे दे देना…
- मैं नही चाहता के वो खेलना छोङ दे…!!
- =-=-=-=-=
- किसी ने ग़ालिब से कहा
- सुना है जो शराब पीते हैं उनकी दुआ कुबूल नहीं होती ….
- ग़ालिब बोले: “जिन्हें शराब मिल जाए उन्हें किसी दुआ की ज़रूरत नहीं होती”
- =-=-=-=-=
- जो भी आता है एक नयी चोट दे के चला जाता है ए दोस्त,….
- मै मज़बूत बहोत हु लेकिन कोई पत्थर तो नहीं,….
- =-=-=-=-=
- वो अपनी ज़िंदगी में हुआ मशरूफ इतना;
- वो किस-किस को भूल गया उसे यह भी याद नहीं।
- =-=-=-=-=
- याद आयेगी हमारी तो बीते कल को पलट लेना..
- यूँ ही किसी पन्ने में मुस्कुराते हुए मिल जायेंगे ..!!
- =-=-=-=-=
- पथ्थर समझ के हमें मत ठुकराओ ,
- कल हम मंदिर में भी हो सकते हैं ।
- =-=-=-=-=
- “युं तो गलत नही होते अंदाज चहेरों के…
- लेकिन लोग…
- वैसे भी नहीं होते जैसे नजर आते है..!!”
- =-=-=-=-=
- दिल में है जो बात किसी भी तरह कह डालिए
- ज़िन्दगी ही ना बीत जाए कहीं बताने मे ….
- =-=-=-=-=
- जिस्म का दिल से अगर वास्ता नहीं होता !
- क़सम खुदा की कोई हादसा नहीं होता !
- वे लोग जायें कहाँ बोलिये खड़े हैं जो ,
- उस हद के बाद जहाँ रास्ता नहीं होता !
- =-=-=-=-=
- जुबां पे झूंट जब आया उसे मैंने दबा दिया,
- कहा फिर भी नहीं की तू मुझे छोड़ चुकी हे तु
- =-=-=-=-=
- रोज़ रोते हुए कहती है ये ज़िंदगी मुझसे
- सिर्फ एक शख्स कि खातिर मुझे बर्बाद मत कर ….
- =-=-=-=-=
- ए दिल अब तो होश मैं आ…..
- यहाँ तुझे कोई अपना कहता ही नहीं….
- और तू है की खामख्वा किसी का बनने पे तुला है…..
- =-=-=-=-=
- किसी को मिल गया मौका, बुलन्दियों को छूने का,
- मेरा नाकाम होना भी किसी के काम तो आया।
- =-=-=-=-=
- तु हजार बार भी रूठे तो मना लुगाँ तझे,
- मगर देख, मुहब्बत में शामिल कोई दुसरा न हो।।
- =-=-=-=-=
- मौम के पास कभी आग को लाकर देखूँ,
- सोचता हूँ के तुझे हाथ लगा कर देखूँ……
- =-=-=-=-=
- दिल का मंदिर बड़ा वीरान नज़र आता है,
- सोचता हूँ तेरी तस्वीर लगा कर देखूँ….
- =-=-=-=-=
- चाँद उतरा था हमारे आँगन में,
- ये सितारों को गवाँरा ना हुआ,
- हम भी सितारों से क्या गिला करें,
- जब चाँद ही हमारा ना हुआ…!!!
- =-=-=-=-=
- भीगी आँखों से मुस्कराने में मज़ा और है,
- हसते हँसते पलके भीगने में मज़ा और है,
- बात कहके तो कोई भी समझलेता है,
- पर खामोशी कोई समझे तो मज़ा और है..
- =-=-=-=-=
- भूल जाना उसे मुश्किल तो नहीं है लेकिन
- काम आसान भी हमसे कहाँ होते हैं!
- =-=-=-=-=
- गुज़र गया वो वक़्त जब तेरी हसरत
- थी मुझको,
- अब तू खुदा भी बन जाए तो भी तेरा सजदा ना करूँ…
- =-=-=-=-=
- जिंदगी देने वाले , मरता छोड़ गये,
- अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये,
- जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की,
- वो जो साथ चलने वाले, रास्ता मोड़ गये”
- =-=-=-=-=
- हालात की दलील देकर उन्होनें साथ छोङ़ा , तो हम आहत नहीं हुए ….,
- सोचा हमसे ना सही , चलो किसी से तो वफ़ा निभाई उन्होने…
- =-=-=-=-=
- “ज़िन्दगी ने आज कह दिया है मुझे,
- किसी और से प्यार है,
- मेरी मौत से पूछो,
- अब उसे किस बात का इंतज़ार है.”
- =-=-=-=-=
- घर से तो निकले थे हम ख़ुशी की ही तलाश में,
- किस्मत ने ताउम्र का हमैं मुसाफिर बना दिया।
- =-=-=-=-=
- उन्हें नफरत हुयी सारे जहाँ से ,
- अब नयी दुनिया लाये कहाँ से…!
- =-=-=-=-=
- तू मेरे जनाज़े को कन्धा मत देना,
- कही ज़िन्दा ना हो जाऊँ फिर तेरा सहारा देख कर …
- =-=-=-=-=
- दीं सदायें जिंदगी ने मैं ही सुन पाया नहीं,
- ख्वाब आँखों में बहुत थे कोई बुन पाया नहीं।
- =-=-=-=-=
- दिल भी एक जिद पर अड़ा है किसी बच्चे की तरह,
- या तो सब कुछ ही चाहिए या कुछ भी नही…..
- =-=-=-=-=
- वो अपने मेहंदी वाले हाथ मुझे दिखा कर रोई,
- अब मैं हुँ किसी और की, ये मुझे बता कर रोई,
- पहले कहती थी कि नहीं जी सकती तेरे बिन,
- आज फिर से वो बात दोहरा कर रोई…
- कैसे कर लुँ उसकी महोब्बत पे शक यारो…!!
- वो भरी महफिल में मुझे गले लगा कर रोई…
- =-=-=-=-=
- “दोस्त ने दोस्त को, दोस्त के लिए रुला दिया,
- क्या हुआ जो किसी केलिए उसने हूमें भुला दिया,
- हम तो वैसे भी अकेले थे अच्छा हुआ
- जो उसने हमे एहसास तो दिला दिया.“
- =-=-=-=-=
- अगर है दम तो चल डुबा दे मुजको,
- समंदर नाकाम रहा, अब तेरी आँखो की बारी..
- =-=-=-=-=
- जब से पता चला है, की मरने का नाम है ‘जींदगी’;
- तब से, कफ़न बांधे कातील को ढूढ़ते हैं!”
- =-=-=-=-=
- तुम जैसा मुझे… कोण? कब???
- कहा?? और कैसे??? मिलेगा ??
- सोचो…
- बताओ…
- वरना मेरे हो जाओ ………………………!!”
- =-=-=-=-=
- रात सारी तड़पते रहेंगे हम अब ,
- आज फिर ख़त तेरे पढ़ लिए शाम को”
- =-=-=-=-=
- जिंदगी भर के इम्तिहान के बाद …..
- वो शख्स
- नतीजे में किसी और का निकला ..
- =-=-=-=-=
- मोहब्बत उसे भी बहुत है मुझसे
- जिंदगी सारी इस वहम ने ले ली…
- =-=-=-=-=
- “बादशाह तो में कहीं का भी बन सकता हूँ
- पर तेरे दिल की नगरी में हुकूमत करने
- का मज़ा ही कुछ अलग है………”
- =-=-=-=-=
- नहीं चाहिए कुछ भी तेरी इश्क़ कि दूकान से,
- हर चीज में मिलावट है बेवफाई कि..!!!!
- =-=-=-=-=
- काश तुम मौत होती तो…………. ….
- एक दिन मेरी जरूर होती …………… ….‼
- =-=-=-=-=
- बुला कर तुम ने महफ़िल में हमें ग़ैरों से उठवाया
- हमीं ख़ुद उठ गए होते इशारा कर दिया होता…
- =-=-=-=-=
- तूने हसीन से हसीन चेहरो को उदास किया है….
- ए इश्क ….
- तू अगर इन्सान होता तो तेरा पहला कातिल मै होता ।
- =-=-=-=-=
- ना आना लेकर उसे मेरे जनाजे में,
- मेरी मोहब्बत की तौहीन होगी,
- मैं चार लोगो के कंधे पर हूंगा,
- और मेरी जान पैदल होगी.
- =-=-=-=-=
- “वो जो हमसे नफरत करते हैं,
- हम तो आज भी सिर्फ उन पर मरते हैं,
- नफरत है तो क्या हुआ यारो,
- कुछ तो है जो वो सिर्फ हमसे करते हैं।”
- =-=-=-=-=
- हमारे चले जाने के बाद, ये समुंदर भी पूछेगा तुमसे,
- कहा चला गया वो शख्स जो तन्हाई मे आ कर,
- बस तुम्हारा ही नाम लिखा करता था…
- =-=-=-=-=
- ना हम रहे दील लगाने के क़ाबील,
- ना दील रहा गम उठाने के क़ाबिल,
- लगा उसकी यादों से जो ज़ख़्म दिल पर,
- ना छोड़ा उस ने मुस्कुराने के क़ाबील.
- =-=-=-=-=
- जाते वक़त उसने बड़े गुरुर से कहा था -
- तुझ जेसे लाखो मिलेगे.
- मैंने मुस्कराकर पूछा : मुझ जेसे कि तलाश ही क्यों ?
- =-=-=-=-=
- टूटे हुए गिलास में जाम नहीं आता,
- इश्क के मरीजों को आराम नहीं आता,
- दिल तोड़ने से पहले सोचा तो होता,
- टुटा हुआ दिल किसी के काम नहीं आता ….
- =-=-=-=-=
- हमें ए दिल कहीं ले चल … बड़ा तेरा करम होगा
- हमारे दम से है हर गम …न होंगे हम और ना गम होगा
- =-=-=-=-=
- बुलबुल बैठा पेड पर मैने सोचा तोता है।
- यारा तेरे प्यार मे दिल ये मेरा रोता है।
- =-=-=-=-=
- कभी ये लगता है अब ख़त्म हो गया सब कुछ
- कभी ये लगता है अब तक तो कुछ हुआ भी नहीं
- =-=-=-=-=
- कुछ लोग मेरी शायरी से सीते हैं अपने जख्म,
- कुछ लोगों को मैं चुभता हूँ सुई की नोक के जैसे ।
- =-=-=-=-=
- एहसान नहीं है जिन्दगी तेरा मुझ पर ,
- मैंने हर सांस की यहाँ कीमत दी है।।
- =-=-=-=-=
- अपनो को दूर होते देखा ,
- सपनो को चूर होते देखा !
- अरे लोग कहते हैँ की फूल कभी रोते नही ,
- हमने फूलोँ को भी तन्हाइयोँ मे रोते देखा !
- =-=-=-=-=
- सिर्फ एहसास होता है चाहत मे, इकरार नहीं होता.
- दिल से दिल मिलते हैं मोह्हबत में इंकार नहीं होता.
- ये कब समझोगे मेरे दोस्तों, दिल को लफजों की जरूरत नहीं होती.
- ख़ामोशी सबकुछ कह देती है प्यार में इज़हार नहीं होता
- =-=-=-=-=
- तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है…
- जिसका रास्ता बहुत खराब है…
- मेरे ज़ख़्म का अंदाज़ा ना लगा…
- दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है…
- =-=-=-=-=
- काटो के बदले फूल क्या दोगे…
- आँसू के बदले खुशी क्या दोगे…
- हम चाहते है आप से उमर भर की दोस्ती…
- हमारे इस शायरी का जवाब क्या दोगे?
- =-=-=-=-=
- वो फिर से लौट आये थे मेरी जिंदगी में’ अपने मतलब के लिये
- और हम सोचते रहे की हमारी दुआ में दम था !
- =-=-=-=-=
- रात क्या ढली कि सितारे चले गये, गैरों से क्या कहें हम जब अपने ही चले गये,
- जीत तो सकते थे हम भी इश्क की बाज़ी, पर तुम्हे जितने के लिए हम हारते चले गये….
- =-=-=-=-=
- तेरा उलज़ा हुआ दामन मेरी अंजुमन तो नहीं,
- जो मेरे दिल में है शायद तेरी धड़कन तो नहीं,
- यू यकायक मुजे बरसाद की क्यों याद आई,
- जो घटा है तेरी आँखों में वो सावन तो नहीं.
- =-=-=-=-=
- भीगी आँखों से मुस्कराने में मज़ा और है,
- हसते हँसते पलके भीगने में मज़ा और है,
- बात कहके तो कोई भी समझलेता है,
- पर खामोशी कोई समझे तो मज़ा और है..
- =-=-=-=-=
- ना मुलाक़ात याद रखना, ना पता याद रखना,
- बस इतनी सी आरज़ू है, मेरा नाम याद रखना..
- =-=-=-=-=
- हमारे बाद अब महफ़िल में अफ़साने बयां होंगे
- बहारे हमको ढूँढेंगी ना जाने हम कहाँ होंगे
- ना हम होंगे ना तुम होंगे और ना ये दिल होगा फिर भी
- हज़ारो मंज़िले होंगी हज़ारो कारँवा होंगे
- =-=-=-=-=
- काश वो नगमे सुनाए ना होते
- आज उनको सुनकर ये आँसू आए ना होते
- अगर इस तरह भूल जाना ही था
- तो इतनी गहराई से दिल्मे समाए ना होते….
- =-=-=-=-=
- ज़ख़्म जब मेरे सीने के भर जाएँगे;
- आँसू भी मोती बनकर बिखर जाएँगे;
- ये मत पूछना किस किस ने
- धोखा दिया;
- वरना कुछ अपनो के चेहरे उतर जाएँगे।
- =-=-=-=-=
- उतरे जो ज़िन्दगी तेरी गहराइयों में।
- महफ़िल में रह के भी रहे तनहाइयों में
- इसे दीवानगी नहीं तो और क्या कहें।
- प्यार ढुढतेँ रहे परछाईयों मेँ।
- =-=-=-=-=
- हमने दिल जो वापीस मांगा तो सिर जुका के…
- बोले
- वो तो टुंट गया युहि खेलते खेलते…….
- =-=-=-=-=
- मंजीले मुश्किल थी पर हम खोये नहीं…
- दर्द था दिल में पर हम रोये नहीं…
- कोई नहीं आज हमारा जो पूछे हमसे…
- जाग रहे हो किसी के लिए..या किसी के लिये सोये नहीं…
- =-=-=-=-=
- दिल रोज सजता है, नादान दुल्हन की तरह..!!
- गम रोज चले आते हैं, बाराती बनकर..!!
- =-=-=-=-=
- ‘तू’ डालता जा साकी शराब मेरे प्यालो में…
- जब तक ‘वो’ न निकले मेरे ख्यालों से ।।।
- =-=-=-=-=
- अजनबी ख्वाहिशें सीने में दबा भी न सकूँ
- ऐसे जिद्दी हैं परिंदे के उड़ा भी न सकूँ
- फूँक डालूँगा किसी रोज ये दिल की दुनिया
- ये तेरा खत तो नहीं है कि जला भी न सकूँ
- =-=-=-=-=
- सुलाके सबको गहरी नींद में …
- फिर अकेला क्युं अंधेरा जागता है!!!!!!
- =-=-=-=-=
- “एक बार उसने कहा था मेरे सिवा किसी से प्यार ना करना,
- बस फिर क्या था तबसे मोहब्बत की नजर से हमने खुद को भी नहीं देखा”
- =-=-=-=-=
- ना नमाज़ आती है मुझे, ना वज़ू आता है,
- सज़दा कर लेता हूँ जब सामने तू आती है…
- =-=-=-=-=
- सोचा था
- घर बना कर बैठुंगा सुकून से…
- पर घर
- की ज़रूरतों ने
- मुसाफ़िर बना डाला
- !!
- =-=-=-=-=
- एक घड़ी
- ख़रीदकर हाथ मे क्या बाँध
- ली,,
- वक़्त पीछे
- ही पड़ गया मेरे..!!
- ===========================
- जो तुम बोलो बिखर जाऐंगे, जो तुम चाहो संवर जाऐंगे,
- मगर ये टूटना-जुड़ना हमें तकलीफ बहुत देता है….
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