Ravi Shankar Hindi Suvichar New 2017

Quote 1: ⬉⬉यदि तुम लोगों का भला करते हो , तुम अपनी प्रकृति की वजह से करते हो⬉⬉⬉

Quote 2: ⬋⬋⬋तुम्हारा मस्तिष्क भागने की सोच रहा है और उस अस्तर पर जाने का प्रयास नहीं कर रहा है जहाँ गुरु ले जाना चाहते हैं⬋⬋तुम्हे उठाना चाहते हैं

Quote 3: प्रेम अधूरा है| और उसे अधूरा ही रहना है| यदि वे पूर्ण हो जाता है, वे अनंत खोज लेता है|

Quote 4: जब तुम कहीं सुन्दरता को देखते हो, जब तुम किसी से प्रेम करने लगते हो, तुम्हारा अगला कदम होता है उस पर अधिकार करना, उसे पा लेना; और जब तुम उसे पा लेते हो, वे अपनी महत्वपूर्णता खो देती है..

Quote 5: योग का मतलब भीतर से जुड़ जाना , जैसे की हम अपने मोबाइल को चार्ज करते है| क्या आप मरे हुवे फोन से बात कर सकते है ? नही नाआप को फिर से फोन को दुबारा चार्ज करना पड़ता है |

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Quote 6: योग की शुरुआत आनंद से होती है, जब आप आनंदमय होते हैं तो आप सत्य की खोज शुरू कर देते हैं और आपकी यात्रा की शुरुआत हो जाती है..

Quote 7: संपूर्ण विश्व ईश्वरीय प्रकाश से व्याप्त है।

Quote 8: सुख की लालसा से ही मन भटकता ही की वहां सुख मिलेगा ?

Quote 9: जब मन अशांत हो, तो गाने- बजाने और भजन करने से मन ठीक हो जाता है|

Quote 10: चेतना ही शांति है अर्थात आप स्वयं शांति हैं, आप स्वयं सत्य हैं, आप स्वयं ही उर्जा हैं..

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Quote 11: कुछ लोग होश से काम करते है, मस्त नही रहते | कुछ सिर्फ़ मस्त रहते है, होश से काम नही करते

Quote 12: ⧭⧭ऐसे लोग लंगडे है, मस्ती और होश दोनो का ईस्तमाल करके चलना⧭⧭⧭
Quote 13: ⧫⧫प्रेम कोई भावना नहीं है. यह आपका अस्तित्व है⬋⬋⬋⬋.

Quote 14: यह सम्पूर्ण विश्व को तुम देखते हो, परन्तु तुम इश्वर को नहीं देखते—जो सम्पूर्ण विश्व का जीवन है.

Quote 15: ⧬⧬श्रद्धा यह समझने में है कि आप हमेशा वो पा जाते हैं जिसकी आपकी ज़रुरत होती है.

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Quote 16: भविष्य बहुत आरामदायक है| भूतकाल की बड़ाई करना बहुत आरामदायक है| इश्वर को अब, यहाँ, देखना कठिन है| इश्वर को अपने में देखना और भी कठिन है|

Quote 17: “मानव” इश्वर और जानवर की प्रवृति के बीच की लड़ी है|

Quote 18: ज्ञानी होना लक्ष्य को पाना नहीं है| बल्कि, अज्ञानता से, सारी परेशानियों से और तनाव से छुटकारा पाना लक्ष्य को पाना है| क्योंकि हमारी मूल प्रवृत्ति ज्ञानी होना है| इसीलिए, “मानव” और “इश्वर” दो नहीं हैं| “मानव” उपरी आवरण है और “इश्वर” अंदरूनी|

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Quote 19: मानव विकास के दो चरण हैं- कुछ होने से कुछ ना होना;और कुछ ना होने से सबकुछ होना. यह ज्ञान दुनिया भर में योगदान और देखभाल ला सकता है.

Quote 20: दूसरों को सुनो ; फिर भी मत सुनो . अगर तुम्हारा दिमाग उनकी समस्याओं में उलझ जाएगा, ना सिर्फ वो दुखी होंगे , बल्कि तुम भी दुखी हो जओगे.

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Quote 21: हमेशा आराम की चाहत में , तुम आलसी हो जाते हो. हमेशा पूर्णता की चाहत में तुम क्रोधित हो जाते हो.हमेशा अमीर बनने की चाहत में तुम लालची हो जाते हो.

Quote 22: ⧬⧬मन को जितना हठ योग है, मन से हार मानकर सरणागत होना प्रेम है, प्रेम मैं सदा हार ही होती है, देखो हम जिसे प्रेम करते हैं उसके सामने झुकते हैं| वह चाहे कुछ भी कहे, चाहे कुछ भी करे|

Quote 23: ⧬⧬ध्यान करने से मन साफ़ होता है, जैसे पानी गंदा है पानी में हलचल है, तो हम अपना प्रतिबिम्ब नही देख पाते है, उसी तरह मन में हलचल है, तो हम अपना स्वरुप नही देख पाते, इसलिए ध्यान करना ज़रूरी ही|

Quote 24:⧭⧭⧭मेरे जीवन का क्या उद्देश्य है?” यह एक प्रश्न हमारे system में, हमारी आत्मा में मानवीय मौल्यों को प्रकाशित करता है| परन्तु इस प्रश्न के उत्तर को पाने में जल्दी मत करो| प्रश्न के साथ रहो| प्रश्न अपने में एक औजार है |जिसके सहारे तुम अपने अन्दर की गहरी में उतर सकते हो|

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Quote 25: ⧭⧭प्रभु ने आपको अपार प्रेम दिया है, घुट-घुटकर क्यों जीते हो, प्रेम से जियो ।

Quote 26: ⧬प्रेम माँगने से कम होता है, देने से बढ़ता है| क्यों की हर व्यक्ति प्रेम चाहता है. प्रेम चाहने से नही, देने से होता है|

Quote 27: हम जिससे प्रेम करते हैं, उसकी हर बात बहुत ध्यान से सुनते है| उसका हर काम, हर बात बहुत ही अच्‍छी लगती है, सुंदर लगती है| सबसे प्रेम करो, सब सुंदर लगेंगे|

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