- इश्क में ग़ैरत-ए-!जज़्बात ने रोने ना दिया
- वरना क्या बात थी किस बात ने रोने ना दिया
- आप कहते थे के !!रोने से ना बदलेंगे नसीब
- उम्र भर आपकी इस बात ने रोने ना दिया
- ======================
- इश्क वाले आँखों
- की बात समझ
- लेते हैं,
- सपनो में! मिल
- जाये तो मुलाक़ात
- समझ लेते हैं.
- रोता तो असमान
- भी हैं अपने
- बिछड़े प्यार के लिए,
- पर लोग उसे
- बरसात समझ लेते
- हैं…!!!
- Ishq Tujse Karta Hu
- Main Zindagi Se b jyada
- Main Darta Nahi Maut Se
- Teri Judayi Se Jyada
- Chahe To A!ajmale Muje
- Kisi Aur Se Jyada
- Meri Zindagi Me Kuch Nai
- Teri Mohabbat Se Jyada
- तेरे पास भी कम नहीं, मेरे पास भी बहुत हैं,
- ये परेशानियाँ आजकल फुरसत में बहुत हैं …………
- =-=-=-=-=
- मेरे लफ़्ज़ों से न कर मेरे क़िरदार का फ़ैसला।।
- तेरा वज़ूद मिट जायेगा मेरी हकीक़त ढूंढ़ते ढूंढ़ते।।
- =-=-=-=-=
- कितना कुछ जानता होगा वो सख्श मेरे बारे में;
- मेरे मुस्कुराने पर भी जिसने पूछ लिया कि तुम
- उदास क्यूँ हो ?
- =-=-=-=-=
- चूम कर कफ़न में लिपटें मेरे चेहरे को, उसने
- तड़प के कहा….
- .
- .
- नए कपड़े क्या पहन लिए, हमें देखते
- भी नहीं’…
- =-=-=-=-=
- जाते जाते उसने पलटकर इतना ही कहा मुझसे
- मेरी बेवफाई से ही मर जाओगे या मार के जाऊँ”
- =-=-=-=-=
- जुल्फों को फैला कर जब कोई महबूबा किसी आशिक की कब्र पर रोती है …
- तब महसूस होता है कि मौत भी कितनी हसीं होती हे….
- =-=-=-=-=
- तेरी मुहब्बत भी कि!राये के घर की तरह
- थी…..
- कितना भी सजाया पर मेरी नहीं हुई….
- =-=-=-=-=
- यहाँ हजारों शायर है जो तख़्त बदलने निकले है,
- कुछ मेरे जैसे पाग!ल है जो वक़्त बदलने निकले है,…..
- =-=-=-=-=
- नाकाम मोहब्बतें भी बड़े काम की होती हैं
- दिल मिले ना मिले नाम मिल जाता है..!
- =-=-=-=-=
- उनके लिए जब हमने भटकना छोड़ दिया,
- याद में उनकी जब तड़पना छोड़ दिया,
- वो रोये बहुत आकर तब हमारे पास,
- जब हमारे दिल ने धडकना छोड़ दिया.
- =-=-=-=-=
- ” कितनी झुठी होती है, मोहब्बत की कस्मेँ….।”
- देखो तुम भी जिन्दा हो, मैँ भी जिन्दा हूँ….॥
- =-=-=-=-=
- वो शायद मतलब से मिलते हैं,
- मुझे तो मिलने से मतलब है.!
- =-=-=-=-=
- =-=-=-=-=
- तुमने कहा था आँख भर के देख लिया करो मुझे,
- मगर अब आँख भर आती है तुम नजर नही आते हो।
- =-=-=-=-=
- उसने महबूब ही तो बदला है फिर ताज्जुब कैसा ???
- दुआ कबूल ना हो तो लोग खुदा तक बदल लेते है !!!
- =-=-=-=-=
- हाथ ज़ख़्मी हुए तो कुछ अपनी ही खता थी…..
- लकीरों को मिटाना चाहा किसी को पाने की खातिर….!!
- =-=-=-=-=
- वो इस तरह मुस्कुरा रहे थे , जैसे कोई गम छुपा रहे थे !!
- बारिश में भीग के आये थे मिलने , शायद वो आंसु छुपा रहे थे !
- =-=-=-=-=
- आज उसकी एक बात ने मुझे मेरी गलती की यूँ सजा दी…
- छोड़ कर जाते हुए कह गई,
- जब दर्द बर्दाश्त नहीं होता तो मुझ से मोहब्बत क्यूँ की….!!!!
- =-=-=-=-=
- उसके साथ जीने का इक मौका दे दे, ऐ खुदा..
- तेरे साथ तो हम मरने के बाद भी रह लेंगे..
- =-=-=-=-=
- उठाये जो हाथ उन्हें मांगने के लिए,
- किस्मत ने कहा, अपनी औकात में रहो।
- =-=-=-=-=
- जब से बाजी, वफा की हारे हैं.
- दोस्तों, हम भी गम के मारे हैं.
- तुम हमारे सिवा, सभी के हो,
- हम किसी के नहीं, तुम्हारे हैं.
- =-=-=-=-=
- मेरे बारे में अपनी सोच को थोड़ा बदलकर देख,
- मुझसे भी बुरे हैं लोग तू घर से निकलकर देख…!
- =-=-=-=-=
- तेरी यादों की कोई सरहद होती तो अच्छा था
- खबर तो रहती….सफर तय कितना करना है
- =-=-=-=-=
- जुबां खुली पर कुछ! कह न पाए , आँखों से चाहत जता रहे थे !
- सुबह की चाहत लिए नज़र में , रात नज़र में बिता रहे थे !!
- =-=-=-=-=
- मुझे दफनाने से प!हले मेरा दिल निकाल कर उसे दे देना…
- मैं नही चाहता के वो खेलना छोङ दे…!!
- =-=-=-=-=
- किसी ने ग़ालिब से कहा
- सुना है जो शराब पीते हैं उनकी दुआ कुबूल नहीं होती ….
- ग़ालिब बोले: “जिन्हें शराब मिल जाए उन्हें किसी दुआ की ज़रूरत नहीं होती”
- =-=-=-=-=
- जो भी आता है एक नयी चोट दे के चला जाता है ए दोस्त,….
- मै मज़बूत बहोत हु लेकिन कोई पत्थर तो नहीं,….
- =-=-=-=-=
- वो अपनी ज़िंदगी में हुआ मशरूफ इतना;
- वो किस-किस को भूल गया उसे यह भी याद नहीं।
- =-=-=-=-=
- याद आयेगी हमारी तो बीते कल को पलट लेना..
- यूँ ही किसी पन्ने में मुस्कुराते हुए मिल जायेंगे ..!!
- =-=-=-=-=
- पथ्थर समझ के हमें मत ठुकराओ ,
- कल हम मंदिर में भी हो सकते हैं ।
- =-=-=-=-=
- “युं तो गलत नही होते अंदाज चहेरों के…
- लेकिन लोग…
- वैसे भी नहीं होते जैसे नजर आते है..!!”
- =-=-=-=-=
- दिल में है जो बात किसी भी तरह कह डालिए
- ज़िन्दगी ही ना बीत जाए कहीं बताने मे ….
- =-=-=-=-=
- जिस्म का दिल से अगर वास्ता नहीं होता !
- क़सम खुदा की कोई हादसा नहीं होता !
- वे लोग जायें कहाँ बोलिये खड़े हैं जो ,
- उस हद के बाद जहाँ रास्ता नहीं होता !
- =-=-=-=-=
- जुबां पे झूंट जब आया उसे मैंने दबा दिया,
- कहा फिर भी नहीं की तू मुझे छोड़ चुकी हे तु
- =-=-=-=-=
- रोज़ रोते हुए कहती है ये ज़िंदगी मुझसे
- सिर्फ एक शख्स कि खातिर मुझे बर्बाद मत कर ….
- =-=-=-=-=
- ए दिल अब तो होश मैं आ…..
- यहाँ तुझे कोई अपना कहता ही नहीं….
- और तू है की खामख्वा किसी का बनने पे तुला है…..
- =-=-=-=-=
- किसी को मिल गया मौका, बुलन्दियों को छूने का,
- मेरा नाकाम होना भी किसी के काम तो आया।
- =-=-=-=-=
- तु हजार बार भी रूठे तो मना लुगाँ तझे,
- मगर देख, मुहब्बत में शामिल कोई दुसरा न हो।।
- =-=-=-=-=
- मौम के पास कभी आग को लाकर देखूँ,
- सोचता हूँ के तुझे हाथ लगा कर देखूँ……
- =-=-=-=-=
- दिल का मंदिर बड़ा वीरान नज़र आता है,
- सोचता हूँ तेरी तस्वीर लगा कर देखूँ….
- =-=-=-=-=
- चाँद उतरा था हमारे आँगन में,
- ये सितारों को गवाँरा ना हुआ,
- हम भी सितारों से क्या गिला करें,
- जब चाँद ही हमारा ना हुआ…!!!
- =-=-=-=-=
- भीगी आँखों से मुस्कराने में मज़ा और है,
- हसते हँसते पलके भीगने में मज़ा और है,
- बात कहके तो कोई भी समझलेता है,
- पर खामोशी कोई समझे तो मज़ा और है..
- =-=-=-=-=
- भूल जाना उसे मुश्किल तो नहीं है लेकिन
- काम आसान भी हमसे कहाँ होते हैं!
- =-=-=-=-=
- गुज़र गया वो वक़्त जब तेरी हसरत
- थी मुझको,
- अब तू खुदा भी बन जाए तो भी तेरा सजदा ना करूँ…
- =-=-=-=-=
- जिंदगी देने वाले , मरता छोड़ गये,
- अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये,
- जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की,
- वो जो साथ चलने वाले, रास्ता मोड़ गये”
- =-=-=-=-=
- हालात की दलील देकर उन्होनें साथ छोङ़ा , तो हम आहत नहीं हुए ….,
- सोचा हमसे ना सही , चलो किसी से तो वफ़ा निभाई उन्होने…
- =-=-=-=-=
- “ज़िन्दगी ने आज कह दिया है मुझे,
- किसी और से प्यार है,
- मेरी मौत से पूछो,
- अब उसे किस बात का इंतज़ार है.”
- =-=-=-=-=
- घर से तो निकले थे हम ख़ुशी की ही तलाश में,
- किस्मत ने ताउम्र का हमैं मुसाफिर बना दिया।
- =-=-=-=-=
- उन्हें नफरत हुयी सारे जहाँ से ,
- अब नयी दुनिया लाये कहाँ से…!
- =-=-=-=-=
- तू मेरे जनाज़े को कन्धा मत देना,
- कही ज़िन्दा ना हो जाऊँ फिर तेरा सहारा देख कर …
- =-=-=-=-=
- दीं सदायें जिंदगी ने मैं ही सुन पाया नहीं,
- ख्वाब आँखों में बहुत थे कोई बुन पाया नहीं।
- =-=-=-=-=
- दिल भी एक जिद पर अड़ा है किसी बच्चे की तरह,
- या तो सब कुछ ही चाहिए या कुछ भी नही…..
- =-=-=-=-=
- वो अपने मेहंदी वाले हाथ मुझे दिखा कर रोई,
- अब मैं हुँ किसी और की, ये मुझे बता कर रोई,
- पहले कहती थी कि नहीं जी सकती तेरे बिन,
- आज फिर से वो बात दोहरा कर रोई…
- कैसे कर लुँ उसकी महोब्बत पे शक यारो…!!
- वो भरी महफिल में मुझे गले लगा कर रोई…
- =-=-=-=-=
- “दोस्त ने दोस्त को, दोस्त के लिए रुला दिया,
- क्या हुआ जो किसी केलिए उसने हूमें भुला दिया,
- हम तो वैसे भी अकेले थे अच्छा हुआ
- जो उसने हमे एहसास तो दिला दिया.“
- =-=-=-=-=
- अगर है दम तो चल डुबा दे मुजको,
- समंदर नाकाम रहा, अब तेरी आँखो की बारी..
- =-=-=-=-=
- जब से पता चला है, की मरने का नाम है ‘जींदगी’;
- तब से, कफ़न बांधे कातील को ढूढ़ते हैं!”
- =-=-=-=-=
- तुम जैसा मुझे… कोण? कब???
- कहा?? और कैसे??? मिलेगा ??
- सोचो…
- बताओ…
- वरना मेरे हो जाओ ………………………!!”
- =-=-=-=-=
- रात सारी तड़पते रहेंगे हम अब ,
- आज फिर ख़त तेरे पढ़ लिए शाम को”
- =-=-=-=-=
- जिंदगी भर के इम्तिहान के बाद …..
- वो शख्स
- नतीजे में किसी और का निकला ..
- =-=-=-=-=
- मोहब्बत उसे भी बहुत है मुझसे
- जिंदगी सारी इस वहम ने ले ली…
- =-=-=-=-=
- “बादशाह तो में कहीं का भी बन सकता हूँ
- पर तेरे दिल की नगरी में हुकूमत करने
- का मज़ा ही कुछ अलग है………”
- =-=-=-=-=
- नहीं चाहिए कुछ भी तेरी इश्क़ कि दूकान से,
- हर चीज में मिलावट है बेवफाई कि..!!!!
- =-=-=-=-=
- काश तुम मौत होती तो…………. ….
- एक दिन मेरी जरूर होती …………… ….‼
- =-=-=-=-=
- बुला कर तुम ने महफ़िल में हमें ग़ैरों से उठवाया
- हमीं ख़ुद उठ गए होते इशारा कर दिया होता…
- =-=-=-=-=
- तूने हसीन से हसीन चेहरो को उदास किया है….
- ए इश्क ….
- तू अगर इन्सान होता तो तेरा पहला कातिल मै होता ।
- =-=-=-=-=
- ना आना लेकर उसे मेरे जनाजे में,
- मेरी मोहब्बत की तौहीन होगी,
- मैं चार लोगो के कंधे पर हूंगा,
- और मेरी जान पैदल होगी.
- =-=-=-=-=
- “वो जो हमसे नफरत करते हैं,
- हम तो आज भी सिर्फ उन पर मरते हैं,
- नफरत है तो क्या हुआ यारो,
- कुछ तो है जो वो सिर्फ हमसे करते हैं।”
- =-=-=-=-=
- हमारे चले जाने के बाद, ये समुंदर भी पूछेगा तुमसे,
- कहा चला गया वो शख्स जो तन्हाई मे आ कर,
- बस तुम्हारा ही नाम लिखा करता था…
- =-=-=-=-=
- ना हम रहे दील लगाने के क़ाबील,
- ना दील रहा गम उठाने के क़ाबिल,
- लगा उसकी यादों से जो ज़ख़्म दिल पर,
- ना छोड़ा उस ने मुस्कुराने के क़ाबील.
- =-=-=-=-=
- जाते वक़त उसने बड़े गुरुर से कहा था -
- तुझ जेसे लाखो मिलेगे.
- मैंने मुस्कराकर पूछा : मुझ जेसे कि तलाश ही क्यों ?
- =-=-=-=-=
- टूटे हुए गिलास में जाम नहीं आता,
- इश्क के मरीजों को आराम नहीं आता,
- दिल तोड़ने से पहले सोचा तो होता,
- टुटा हुआ दिल किसी के काम नहीं आता ….
- =-=-=-=-=
- हमें ए दिल कहीं ले चल … बड़ा तेरा करम होगा
- हमारे दम से है हर गम …न होंगे हम और ना गम होगा
- =-=-=-=-=
- बुलबुल बैठा पेड पर मैने सोचा तोता है।
- यारा तेरे प्यार मे दिल ये मेरा रोता है।
- =-=-=-=-=
- कभी ये लगता है अब ख़त्म हो गया सब कुछ
- कभी ये लगता है अब तक तो कुछ हुआ भी नहीं
- =-=-=-=-=
- कुछ लोग मेरी शायरी से सीते हैं अपने जख्म,
- कुछ लोगों को मैं चुभता हूँ सुई की नोक के जैसे ।
- =-=-=-=-=
- एहसान नहीं है जिन्दगी तेरा मुझ पर ,
- मैंने हर सांस की यहाँ कीमत दी है।।
- =-=-=-=-=
- अपनो को दूर होते देखा ,
- सपनो को चूर होते देखा !
- अरे लोग कहते हैँ की फूल कभी रोते नही ,
- हमने फूलोँ को भी तन्हाइयोँ मे रोते देखा !
- =-=-=-=-=
- सिर्फ एहसास होता है चाहत मे, इकरार नहीं होता.
- दिल से दिल मिलते हैं मोह्हबत में इंकार नहीं होता.
- ये कब समझोगे मेरे दोस्तों, दिल को लफजों की जरूरत नहीं होती.
- ख़ामोशी सबकुछ कह देती है प्यार में इज़हार नहीं होता
- =-=-=-=-=
- तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है…
- जिसका रास्ता बहुत खराब है…
- मेरे ज़ख़्म का अंदाज़ा ना लगा…
- दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है…
- =-=-=-=-=
- काटो के बदले फूल क्या दोगे…
- आँसू के बदले खुशी क्या दोगे…
- हम चाहते है आप से उमर भर की दोस्ती…
- हमारे इस शायरी का जवाब क्या दोगे?
- =-=-=-=-=
- वो फिर से लौट आये थे मेरी जिंदगी में’ अपने मतलब के लिये
- और हम सोचते रहे की हमारी दुआ में दम था !
- =-=-=-=-=
- रात क्या ढली कि सितारे चले गये, गैरों से क्या कहें हम जब अपने ही चले गये,
- जीत तो सकते थे हम भी इश्क की बाज़ी, पर तुम्हे जितने के लिए हम हारते चले गये….
- =-=-=-=-=
- तेरा उलज़ा हुआ दामन मेरी अंजुमन तो नहीं,
- जो मेरे दिल में है शायद तेरी धड़कन तो नहीं,
- यू यकायक मुजे बरसाद की क्यों याद आई,
- जो घटा है तेरी आँखों में वो सावन तो नहीं.
- =-=-=-=-=
- भीगी आँखों से मुस्कराने में मज़ा और है,
- हसते हँसते पलके भीगने में मज़ा और है,
- बात कहके तो कोई भी समझलेता है,
- पर खामोशी कोई समझे तो मज़ा और है..
- =-=-=-=-=
- ना मुलाक़ात याद रखना, ना पता याद रखना,
- बस इतनी सी आरज़ू है, मेरा नाम याद रखना..
- =-=-=-=-=
- हमारे बाद अब महफ़िल में अफ़साने बयां होंगे
- बहारे हमको ढूँढेंगी ना जाने हम कहाँ होंगे
- ना हम होंगे ना तुम होंगे और ना ये दिल होगा फिर भी
- हज़ारो मंज़िले होंगी हज़ारो कारँवा होंगे
- =-=-=-=-=
- काश वो नगमे सुनाए ना होते
- आज उनको सुनकर ये आँसू आए ना होते
- अगर इस तरह भूल जाना ही था
- तो इतनी गहराई से दिल्मे समाए ना होते….
- =-=-=-=-=
- ज़ख़्म जब मेरे सीने के भर जाएँगे;
- आँसू भी मोती बनकर बिखर जाएँगे;
- ये मत पूछना किस किस ने
- धोखा दिया;
- वरना कुछ अपनो! के चेहरे उतर जाएँगे।
- =-=-=-=-=
- उतरे जो ज़िन्दगी तेरी गहराइयों में।
- महफ़िल में रह के भी रहे तनहाइयों में
- इसे दीवानगी नहीं! तो और क्या कहें।
- प्यार ढुढतेँ रहे परछाईयों मेँ।
- =-=-=-=-=
- हमने दिल जो वापीस मांगा तो सिर जुका के…
- बोले
- वो तो टुंट गया युहि खेलते खेलते…….
- =-=-=-=-=
- मंजीले मु!ल थी पर हम खोये नहीं…
- दर्द था दिल में पर हम रोये नहीं…
- कोई नहीं आज हमारा जो पूछे हमसे…
- जाग रहे हो किसी के लिए..या किसी के लिये सोये नहीं…
- =-=-=-=-=
- दिल रोज सजता है, नादान दुल्हन की तरह..!!
- गम रोज चले आते हैं, बाराती बनकर..!!
- =-=-=-=-=
- ‘तू’ डालता जा साकी शराब मेरे प्यालो में…
- जब तक ‘वो’ न निकले मेरे ख्यालों से ।।।
- =-=-=-=-=
- अजनबी ख्वाहिशें सीने में दबा भी न सकूँ
- ऐसे जिद्दी हैं परिंदे के उड़ा भी न सकूँ
- फूँक डालूँगा किसी रोज ये दिल की दुनिया
- ये तेरा खत तो नहीं है कि जला भी न सकूँ
- =-=-=-=-=
- सुलाके सबको गहरी नींद में …
- फिर अकेला क्युं अंधेरा जागता है!!!!!!
- =-=-=-=-=
- “एक बार उसने कहा था मेरे सिवा किसी से प्यार ना करना,
- बस फिर क्या था तबसे मोहब्बत की नजर से हमने खुद को भी नहीं देखा”
- =-=-=-=-=
- ना नमाज़ आती है मुझे, ना वज़ू आता है,
- सज़दा कर लेता हूँ जब सामने तू आती है…
- =-=-=-=-=
- सोचा था
- घर बना कर बैठुंगा सुकून से…
- पर घर
- की ज़रूरतों ने
- मुसाफ़िर बना डाला
- !!
- =-=-=-=-=
- एक घड़ी
- ख़रीदकर हाथ मे क्या बाँध
- ली,,
- वक़्त पीछे
- ही पड़ गया मेरे..!!
- ==================================
- उनसे कहना की क़िस्मत पे ईतना नाज ना करे ,
- हमने बारिश मैं भी ज!लते हुए मकान देखें हैं…… !!!!!
- =-=-=-=-=
- जिसे पूजा था हमने वो खुदा तो न बन सका,
- हम ईबादत करते करते फकीर हो गए…!!!
- =-=-=-=-=
- वो एक रात जला……. तो उसे चिराग कह दिया !!!
- हम बरसो से जल रहे है ! कोई तो खिताब दो .!!!
- =-=-=-=-=
- जलते हुए दिल को और मत जलाना,
- रोती हुई आँखों को और मत रुलाना,
- आपकी जुदाई में हम पहले से मर चुके है,
- मरे हुए इंसान को और मत मारना.
- =-=-=-=-=
- जरा सी चोट से शीशे की तरह टूट गया ,
- दिल तो कमबख्त मेरा मुझसे भी बुजदिल निकला ………
- =-=-=-=-=
- शायद कोई तराश कर किस्मत संवार दे !
- यही सोच कर मैं उम्र भर पत्थर बना रहा !!
- =-=-=-=-=
- ये भी अच्छा हुआ कि,
- कुदरत ने रंगीन नही रखे ये आँसू .
- वरना जिसके दामन में गिरते,
- वो भी … बदनाम हो जाता …
- =-=-=-=-=
- आंसुओसे पलके भीगा लेता हूँ याद तेरी आती है तो रो लेता हूँ
- सोचा की भुलादु तुझे मगर, हर बार फ़ैसला बदल देता हूँ!
- =-=-=-=-=
- मैं मर भी जाऊ, तो उसे ख़बर भी ना होने देना ….
- मशरूफ़ सा शख्स है, कही उसका वक़्त बर्बाद ना हो जाये …
- =-=-=-=-=
- एक ही शख्स था मेरे मतलब का दोस्तों
- वो शख्स भी मतलबी निकला……!!!”
- =-=-=-=-=
- झुठ बोलकर तो मैं भी दरिया पार कर जाता,
- मगर डूबो दिया मुझे सच बोलने की आदत ने…”
- =-=-=-=-=
- तुझे हर बात पे मेरी जरूरत पड़ती ,
- काश मैं भी कोई झूठ होता ………”
- =-=-=-=-=
- ऐ मेरा जनाज़ा उठाने वालो, देखना कोई बेवफा पास न हो.
- अगर हो तो उस से कहना, आज तो खुशी का मौका है, उदास न हो.
- =-=-=-=-=
- अंधेरे मे रास्ता बनाना मुश्किल होता है,
- तूफान मे दीपक जलना मुश्किल होता है,
- दोस्ती करना गुनाह नही,
- इसे आखिरी सांस तक निभाना मुश्किल होता है.
- =-=-=-=-=
- पत्थर की दुनिया जज्बात नहीं समझती ;
- दिल में क्या है वो बात नहीं समझती ;
- तन्हा तो चाँद भी सितारों के बीच में है ;
- पर चाँद का दर्द वो रात नहीं समझती।
- =-=-=-=-=
- जिंदगी एक आइना है, यहाँ पर हर कुछ छुपाना पड़ता है|
- दिल में हो लाख गम फिर भी महफ़िल में मुस्कुराना पड़ता है |
- =-=-=-=-=
- राज ना आयेगा मुज!पर अब कोई भी सितम तेरा,
- ईतना बिखर गया हू कि दरिंदगी भी तेरी शमँसार हो जाये.
- =-=-=-=-=
- जिंदगी आ बैठ, ज़!रा बात तो सुन,
- मुहब्बत कर बैठा हूँ, कोई मशवरा तो दे।
- =-=-=-=-=!
- मेरी सब कोशिशें ना!काम थी उनको मनाने कि,
- कहाँ सीखीं है ज़ालिम ने अदाएं रूठ जाने कि..
- =-=-=-=-=
- यूँ ही वो दे रहा है क़त्ल कि धमकियाँ..,
- हम कौन सा ज़िंदा हैं जो मर जाएंगे..
- =-=-=-=-=
- तेरे ही अक्स को तेरा दुश्मन बना दिया
- आईने ने मज़ाक़ में सौतन बना दिया….
- =-=-=-=-=
- कम नहीं मेरी जिंदगी के लिए, चैन मिल जाये दो घडी के लिए,
- ऐ दिलदार कौन है तेरा क्यों तड़पता है यू किसी के लिए.
- =-=-=-=-=
- उसकी यादों को किसी कोने में छुपा नहीं सकता,
- उसके चेहरे की मुस्कान कभी भुला नहीं सकता,
- मेरा बस चलता तो उसकी हर याद को भूल जाता,
- लेकिन इस टूटे दिल को मैं समझा नहीं सकता
- =-=-=-=-=
- सच्चाई को अपनाना आसान नहीं
- दुनिया भर से झगड़ा करना पड़ता है
- जब सारे के सारे ही बेपर्दा हों
- ऐसे में खु़द पर्दा! करना पड़ता है
- =-=-=-=-=
- किसी को इश्क़ की अच्छाई ने मार डाला,
- किसी को इश्क़ की गहराई ने मार डाला,
- करके इश्क़ कोई ना बच सका,
- जो बच गया! उससे तन्हाई ने मार डाला
- =-=-=-=-=
- नदी जब किनारा छोड़ देती है
- राह की चट्टान तक तोड़ देती है
- बात छोटी सी अगर चुभ जाते है दिल में
- ज़िन्दगी के रास्तों को मोड़ देती है
- =-=-=-=-=
- तूने देखा है कभी एक नज़र शाम के बाद
- कितने चुपचाप से लगते हैं शज़र शाम के बाद
- तू है सूरज तुझे मालूम कहाँ रात का दुख
- तू किसी रोज़ मेरे घर में उतर शाम के बाद
- =-=-=-=-=
- मौसम को मौसम की बहारों ने लूटा,
- हमे कश्ती ने नहीं किनारों ने लूटा,
- आप तो डर गये मेरी एक ही कसम से,
- आपकी कसम देकर हमें तो हज़ारों ने लूटा….
- =-=-=-=-=
- नीम का पेड़ था बरसात थी और झूला था
- गाँव में गुज़रा ज़माना भी ग़ज़ल जैसा था
- =-=-=-=-=
- दुनिया तेरी रौनक़ से मैं अब ऊब रहा हूँ
- तू चाँद मुझे कहती थी मैं डूब रहा हूँ
- =-=-=-=-=
- चुपके चुपके पहले वो ज़िन्दगी में आते हैं,
- मीठी मीठी बातों से दिल में उतर जाते है,
- बच के रहना इन हुसन वालों से यारो,
- इन की आग में कई आशिक जल जाते हैं
- =-=-=-=-=
- मुझे नींद की इजाज़त भी उसकी यादों से लेनी पड़ती है,
- जो खुद तो सो जाता है, मुझे करवटों में छोड़ कर!
- =-=-=-=-=
- लाख हों हम में प्यार की बातें
- ये लड़ाई हमेशा चलती है.
- उसके इक दोस्त से मैं जलता हूँ
- मेरी इक दोस्त से वो जलती है
- =-=-=-=-=
- मैँ कैसा हूँ’ ये कोई नहीँ जानता,
- मै कैसा नहीँ हूँ’
- ये तो शहर का हर शख्स बता सकता है…
- =-=-=-=-=
- ज़िन्दगी में इक मुकाम आया तो था
- भूले से सही तेरा सलाम आया तो था
- न जानें तुझे खबर है, है की नहीं
- मेरे अफ़साने में तेरा नाम आया तो था
- =-=-=-=-=
- “जाने कब-कब किस-किस ने कैसे-कैसे तरसाया मुझे,
- तन्हाईयों की बात न पूछो महफ़िलों ने भी बहुत रुलाया मुझे”
- =-=-=-=-=
- में पिए रहु या न पिए रहु,लड़खड़ाकर ही चलता हु ,
- क्योकि तेरी गली कि हवा ही मुझे शराब लगती हे
- =-=-=-=-=
- बड़ी तब्दीलियां लाया हूँ अपने आप में लेकिन,
- बस तुमको याद करने की वो आदत अब भी है।।
- =-=-=-=-=
- हमसे ना कट सकेगा अंधेरो का ये सफर…
- अब शाम हो रही हे मेरा हाथ थाम लो…. !!!
- =-=-=-=-=
- तेरी वफाओं का समन्दर किसी और के लिए होगा,
- हम तो तेरे साहिल से रोज प्यासे ही गुजर जाते हैं !!
- =-=-=-=-=
- नजर में बदलाव है उनकी,! हमने देखा है आजकल !
- एक अदना सा आदमी भी , आँख दिखा जाता है !!
- =-=-=-=-=
- कोई आँखों में बात! कर लेता है,
- कोई आँखों आँखों में मुलाकात कर लेता है.
- मुश्किल होता है जवाब देना…
- जब कोई खामोश रह करभी सवाल कर लेता है!
- =-=-=-=-=
- हमें तो प्यार के दो लफ्ज ही नसीब नहीं,
- और बदनाम ऐसे जैसे इश्क के बादशाह थे हम..
- =-=-=-=-=
- तुझे तो मोहब्बत भी तेरी ऒकात से ज्यादा की थी …..
- अब तो बात नफरत की है , सोच तेरा क्या होगा…. .
- =-=-=-=-=
- वो कहने लगी, नकाब में भी पहचान लेते हो हजारों के बीच ?
- में ने मुस्करा के कहा, तेरी आँखों से ही शुरू हुआ था “इश्क”,
- हज़ारों के बीच.”
- =-=-=-=-=
- शौक से तोड़ो दिल मेरा मैं क्यों परवाह करूँ…..!
- तुम ही रहते हो इसमें अपना ही घर उजाड़ोगे….!
- =-=-=-=-=
- ये मुकरने का अंदाज़ मुझे भी सीखा दो
- वादे नीभा-नीभा के थक गया हूँ मैं…
- =-=-=-=-=
- तन्हाई के लम्हे अब तेरी यादों का पता पूछते हैं…
- तुझे भूलने की बात करूँ तो… ये तेरी खता पूछते हैं…!!
- =-=-=-=-=
- आज उसे एहसास मेरी मोहब्बत का हुआ
- शहर में जब चर्चा….मेरी शोहरत का हुआ,
- नाम नहीं लेती…..मुझे अब जान कहती है
- देखो कितना असर उसपर दौलत का हुआ…
- =-=-=-=-=
- अजब मुकाम पे ठहरा हुआ है काफिला जिंदगी का,
- सुकून ढूंढने चले थे, नींद ही गंवा बैठे”…..!!!
- =-=-=-=-=
- हमें भुलाकर सोना तो तेरी आदत ही बन गई है, अय सनम;
- किसी दिन हम सो गए तो तुझे नींद से नफ़रत हो जायेगी।
- =-=-=-=-=
- पहले हाथ से लिखा
- प्रेम पत्र देते थे,
- अब touchscreen
- फ़ोन पर टाइप करके भेज देते हैं…..
- इश्क़ में ये दुनिया
- फिर से अँगूठा-छाप
- हो गयी”
- =-=-=-=-=
- जिंदगी हमारी !यूं सितम हो गई
- खुशी ना जानें कहां दफन हो गई
- =-=-=-=-=
- लिखी खुदा ने मुहब्बत सबकी तकदीर में
- हमारी बारी आई! तो स्याही खत्म हो गई
- =-=-=-=-=
- ये ना पूछ कितनी शिकायतें हैं तुझसे ऐ ज़िन्दगी,
- सिर्फ इतना बता की तेरा कोई और सितम बाक़ी तो नहीं.
- =-=-=-=-=
- ग़ज़ल लिखी हमने उनके होंठों को चूम कर,
- वो ज़िद्द कर के बोले… ‘फिर से सुनाओ’…..!!”
- =-=-=-=-=
- मोहब्बत भी उस मोड़ पे पहुँच चुकी है,
- कि अब उसको प्यार से भी मेसेज करो,
- तो वो पूछती है कितनी पी है?………
- =-=-=-=-=
- एक बार और देख के आज़ाद कर दे मुझे,
- में आज भी तेरी पहली नज़र के कैद में हूँ…!!
- =-=-=-=-=
- शुक्रिया मोहब्बत तुने मुझे गम दिया,
- वरना शिकायत थी ज़िन्दगी ने जो भी दिया कम दिया…!!
- =-=-=-=-=
- रुखसत हुए तेरी गली से हम आज कुछ इस कदर……..
- लोगो के मुह पे राम नाम था….
- और मेरे दिल में बस तेरा नाम था….
- =-=-=-=-=
- तेरे चेहरे पर अश्कों की लकीर बन गयी ,
- जो न सोचा था तू वो तक़दीर बन गयी !!.
- =-=-=-=-=
- हमने तो फिराई थी रेतो पर उंगलिया ,
- मुड़ कर देखा तो तुम्हारी “तस्वीर
- “बन गयी .!!
- =-=-=-=-=
- “बिकता है गम इश्क के बाज़ार में,
- लाखों दर्द छुपे होते हैं एक छोटे से इंकार में,
- हो जाओ अगर ज़माने से दुखी,
- तो स्वागत है हमारी दोस्तीके दरबार में.”
- =-=-=-=-=
- क्या रखा है अपनी ज़िँदगी के इस अफ़साने मेँ..
- कुछ गुज़र गई अपना ब!नाने मेँ, कुछ गुज़र गई अपनो को मनाने मेँ..
- =-=-=-=-=
- एक फूल अजीब था,
- कभी हमारे भी बहुत करीब था,
- जब हम चाहने !लगे उसे,
- तो पता चला वो किसी दूसरे का नसीब था ।
- =-=-=-=-=
- उठाये जो हाथ उन्हें मांगने के लिए,
- किस्मत ने कहा, अपनी औकात में रहो।
- =-=-=-=-=
- मुझे परिन्दा न समझो यारो ,
- मै वो नही जो तूफ़ा में आशियाँ बदल ल
- =-=-=-=-=
- अफवाह थी कि मेरी तबियत खराब है,
- लोगों ने पूछ पूछ कर बीमार कर दिया…
- =-=-=-=-=
- मज़हब, दौलत, ज़ात, घराना, सरहद, ग़ैरत, खुद्दारी,
- एक मुहब्बत की चादर को, कितने चूहे कुतर गए…
- =-=-=-=-=
- लोगों ने पूछा कि कौन है वोह
- जो तेरी ये उदास हालत कर गया ??
- मैंने मुस्कुरा के कहा उसका नाम
- हर किसी के लबों पर अच्छा नहीं लगता …!
- =-=-=-=-=
- आंखे कितनी भी छोटी क्यु ना हो,
- ताकत तो उसमे सारे आसमान देखने कि होती हॆ…
- =-=-=-=-=
- सुनी थी सिर्फ हमने ग़ज़लों में जुदाई की बातें ;
- अब खुद पे बीती तो हक़ीक़त का अंदाज़ा हुआ !!
- =-=-=-=-=
- टुकड़े पड़े थे राह में किसी हसीना की तस्वीर के…
- लगता है कोई दीवाना आज समझदार हो गया है…!!!!
- =-=-=-=-=
- आपकी यादें भी हैं, मेरे बचपन के खिलौनो जैसी ..
- तन्हा होते हैं तो इन्हें ले कर बैठ जाते हैं…!
- =-=-=-=-=
- किन लफ्ज़ो में बयां करूँ अपने दर्द को,
- सुनने वाले तो बहुत है समझने वाला कोई नहीं
- =-=-=-=-=
- “ये वक़्त बेवक़्त मेरे ख्यालों
- में आने की आदत छोड़ दो तुम,
- कसूर तुम्हारा होता है और
- लोग मुझे आवारा समझते हैं”
- =-=-=-=-=
- हर मुलाक़ात पर वक़्त का तकाज़ा हुआ ;
- हर याद पे दिल का दर्द ताज़ा हुआ .!
- =-=-=-=-=
- जब तक ना लगे बेवफाई की ठोकर
- हर कीसी को अप!नी पसंद पे नाझ होता है।
- =-=-=-=-=
- घृणा के घाव से !जो लहू टपकता है उससे नफरत
- ही पलती है
- प्यार के घाव से जो !दर्द मिलता है उससे भी राहत मिलती है .
- =-=-=-=-=
- हकीकत को हाद!से का नाम लेकर खुद को तो संभाल लिया हमने
- पर दिल को ख्वाबो से निजात देना इतना भी आसन नहीं है जहा मे …
- =-=-=-=-=
- गुज़र जायेगी ज़िन्दगी उसके बगैर भी,
- वो हसरत-ए-ज़िन्दगी है ….शर्त-ए-ज़िन्दगी तो नहीं……!!
- =-=-=-=-=
- याददाश्त की दवा बताने में सारी दुनिया लगी है !!!…
- तुमसे बन सके तो तुम हमें भूलने की दवा बता दो…!!!
- =-=-=-=-=
- कुछ तो शराफ़त सीख ले, ए इश्क़, शराब से..;
- बोतल पे लिखा तो है,मैं जान लेवा हूँ..!!
- =-=-=-=-=
- “उनसे क़ह दे कोई जाकर कि हमारी सजा कुछ कम कर दे,
- हम पैशे से मुजरिम नहीं हैं बस गलती से इश्क हुआ है।…”
- =-=-=-=-=
- चिराग कोई जलाओ की हो वजूद का एहसास,
- इन अँधेरों में मेरा साया भी छोड़ गया मुझको !!!
- =-=-=-=-=
- उसके नर्म हाथों से फिसल जाती है चीज़ें अक्सर ….,
- मेरा दिल भी लगा है उनके हाथो , खुदा खैर करे …
- =-=-=-=-=
- अब तुझे न सोचू तो, जिस्म टूटने-सा लगता है..
- एक वक़्त गुजरा है तेरे नाम का नशा करते~करते !
- =-=-=-=-=
- “ना छेड किस्सा-ए-उल्फत, बडी लम्बी कहानी है,
- मैं ज़माने से नहीं हारा, किसी की बात मानी है,,,,,,।।
- =-=-=-=-=
- “शाम खाली है जाम खाली है,ज़िन्दगी यूँ गुज़रने वाली है,
- सब लूट लिया तुमने जानेजाँ मेरा,मैने तन्हाई मगर बचा ली है”
- =-=-=-=-=
- आग सूरज मैँ होती हैँ जलना जमीन को पडता हैँ,
- मोहब्बत निगाहेँ करती हैँ तडपना दिल को पडता हैँ.
- =-=-=-=-=
- शायरी इक शरारत भरी शाम है,
- हर सुख़न इक छलकता हुआ जाम है,
- जब ये प्याले ग़ज़ल के पिए तो लगा
- मयक़दा तो बिना बात बदनाम है….
- =-=-=-=-=
- कभी रो के मुस्कुराए , कभी मुस्कुरा के रोए,
- जब भी तेरी याद आई तुझे भुला के रोए,
- एक तेरा ही तो नाम था जिसे हज़ार बार लिखा,
- जितना लिख के खुश हुए उस से ज़यादा मिटा के रोए..
- =-=-=-=-=
- सदियों बाद उस !अजनबी से मुलाक़ात हुई,
- आँखों ही आँखों में चाहत की हर बात हुई,
- जाते हुए उसने दे!खा मुझे चाहत भरी निगाहों से,
- मेरी भी आँखों से आंसुओं की बरसात हुई.
- =-=-=-=-=
- देख के हमको वो सर झुकाते हैं,
- बुला कर महफ़ि!ल में नजरें चुराते हैं,
- नफरत हैं तो कह देते हमसे,
- गैरों से मिलकर क्यों दिल जलाते हैं..
- =-=-=-=-=
- तरक्की की फसल, हम भी काट लेते..!
- थोड़े से तलवे, अगर हम भी चाट लेते..!!
- =-=-=-=-=
- किसी साहिल पे जाऊं एक ही आवाज़ आती है
- तुझे रुकना जहाँ है वो किनारा और है कोई!
- =-=-=-=-=
- नींद को आज भी शिकवा है मेरी आँखों से।
- मैंने आने न दिया उसको तेरी याद से पहले।
- =-=-=-=-=
- शुक्रिया मोहब्बत तुने मुझे गम दिया,
- वरना शिकायत थी ज़िन्दगी ने जो भी दिया कम दिया…!!
- =-=-=-=-=
- जब हुई थी मोहब्बत तो लगा किसी अच्छे काम का है सिला।
- खबर न थी के गुनाहों कि सजा ऐसे भी मिलती है।
- =-=-=-=-=
- कल रात मैंने अपने सारे ग़म कमरे की दीवारों पे लिख डाले ,
- बस हम सोते रहे और दीवारें रोती रहीं …
- =-=-=-=-=
- “संग ए मरमर से तराशा खुदा ने तेरे बदन को,
- बाकी जो पत्थर बचा उससे तेरा दिल बना दिया .
- =-=-=-=-=
- क्या हुआ अगर जिंदगी में हम तन्हा है ???
- लेकिन इतनी अहमियत तो दोस्तो में बना ही ली है कि…
- मेला लग जायेगा उस दिन शमशान में,
- जिस दिन मैँ चला जाँऊगा आसमान में !!
- =-=-=-=-=
- जब भी देखा मेरे कीरदार पे धब्बा कोई
- देर तक बैठ के तन्हाई में रोया कोई
- =-=-=-=-=
- ले रहे थे मोहब्बत के बाज़ार में इश्क की चादर…
- लोगो ने आवाज़ दी कफन भी ले लो…
- =-=-=-=-=
- इश्क करने चला है तो कुछ अदब भी सीख लेना, ए दोस्त
- इसमें हँसते साथ है पर रोना अकेले ही पड़ता है.
- =-=-=-=-=
- बैठ जाता हूं मिट्टी पे अक्सर…
- क्योंकि मुझे अपनी औकात अच्छी लगती है….
- =-=-=-=-=
- थक गया हूँ मै, खुद को साबित करते करते, दोस्तों..
- मेरे तरीके गलत हो स!कते हैं, लेकिन इरादे नहीं…!!!
- =-=-=-=-=
- तलाश है इक ऐसे शक्स की , जो आँखो मे उस वक्त दर्द देख ले,
- जब दुनियाँ हमसे !कहती है, क्या यार तुम हमेशा हँसते ही रहते हो..
- =-=-=-=-=
- मज़बूरियाँ थी उनकी…और जुदा हम हुए
- तब भी कहते है वो….कि बेवफ़ा हम हुए…..
- =-=-=-=-=
- छोड़ दो किसी से वफ़ा की आस,
- ए दोस्त
- जो रुला सकता है, वो भुला भी सकता है.!
- =-=-=-=-=
- इतना जलाने के बाद भी, वो ज़ालिम धुआं ढूंढते हे ,
- “निकलते हे आंसू कहाँ से इतने”?,पूछकर, कुआं ढूंढते हे…
- =-=-=-=-=
- गम इस कदर मिला कि घबराकर पी गए हम,
- खुशी थोड़ी सी मिली, उसे खुश होकर पी गए हम,
- यूं तो ना थे हम पीने के आदी,
- शराब को तन्हा देखा तो तरस खाकर पी गए हम..
- =-=-=-=-=
- तू मुझे ओर मैं तुझे इल्ज़ाम देते हैं मगर,
- अपने अंदर झाँकता तू भी नही, मैं भी नही… !!
- =-=-=-=-=
- ख़ुशी मेरी तलाश में दिन रात यूँ ही भटकती रही….
- कभी उसे मेरा घर! ना मिला कभी उसे हम घर ना मिले….!!
- =-=-=-=-=
- क्यूँ शर्मिंदा करते हो! रोज, हाल हमारा पूँछ कर ,
- हाल हमारा वही है जो तुमने बना रखा है…
- =-=-=-=-=
- सोचा था की ख़ु!दा के सिवा मुझे कोई बर्बाद कर नही सकता…
- फिर उनकी मोहब्बत ने मेरे सारे वहम तोड़ दिए…….
- =-=-=-=-=
- यही सोच के रुक जाता हूँ! मैं आते-आते,
- फरेब बहुत है यहाँ चाहने वालों की महफ़िल में।
- =-=-=-=-=
- कभी वादे भी तोड़ लिया करो तुम,
- जरा रूठने का तज़ुर्बा हासिल हो जाए..
- =-=-=-=-=
- तुम से बिछड के फर्क बस इतना हुआ..
- तेरा गया कुछ नहीँ और मेरा रहा कुछ नहीँ..
- =-=-=-=-=
- वो
- जो कहता था तुम न मिले तो मर जाएंगे हम…
- वो आज भी जिन्दा है, ये बात किसी और से कहने के लिए…
- =-=-=-=-=
- सुना हे, वोह जब मायुश होते हे, हमे बहोत याद करते हे
- अये खुदा, अब तुहि बता, उसकी खुशी की दुआ करु या मायुशि कि!!!
- =-=-=-=-=
- जिंदगी जब किसी दो राह पर आती हैं
- एक अजीब सी कशमकश में पड जाती हैं
- चुनते हैं हम किसी एक राह को
- पर दुसरी राह जिंदगी भर याद आती हैं
- =-=-=-=-=
- युं खामखा न करो रंगों को मुजपे बरबाद दोस्तो…
- हम तो पहले से ही रंगे हुऐ है इश्कमें…..
- =-=-=-=-=
- थक सा गया हूँ , खुद को सही साबित करते करते ,
- खुदा गलत हो सकता है , मगर मेरी मुहब्बत नहीं ………..
- =-=-=-=-=
- खूबियाँ इतनी तो नही हम मे, कि तुम्हे कभी याद आएँगे,
- पर इतना तो ऐतबार है हमे खुद पर, आप हमे कभी भूल नही पाएँगे..
- =-=-=-=-=
- हथियार तो सिर्फ शौक के लिए रखा करते है,
- वरना किसी के मन में खौंफ पेदा करने के लिए तो बस नाम ही काफी हे.
- =-=-=-=-=
- आंखे भी संभाल कर बंद करना ऐ दोस्तो,
- पलको के बीच भी, सपने तुट जाया करते है…!
- =-=-=-=-=
- हमें अंधेरों ने इस कदर घेरा कि
- उजालों की पहचान ही खो गयी,
- तक़दीर ने हमें इस कदर मारा कि
- अपनों की पहचान ही खो गयी,
- कोशिशों का हमनें कभी दामन न छोड़ा
- पर लगता है हमारी किस्मत ही सो गयी..
- =-=-=-=-=
- कैसे करूं मुकदमा उस पर उसकी बेवफाई का…
- कमबख्त ये दिल भी उसी का वकील निकला…!!
- ================================
- मुझसा कोई जहाँ में नादान भी न हो
- ,
- कर के जो इश्क कहता है नुकसान भी न हो
- …!!
- =-=-=-=-=
- मेरे ही हाथों पर
- लिखी है तकदीर मेरी;
- और मेरी ही तक़दीर पर मेरा बस नहीं चलता।
- =-=-=-=-=
- क्या खूब होता अगर यादें रेत होती…
- मुठी से गिरा देते, पाँव से उड़ा देते…
- =-=-=-=-=
- जीने के लिए रोज़ हँस लेता हुँ,
- मगर,
- रोज़ थोड़ी थोड़ी ज़िन्दगी बेच लेता हुँ…
- =-=-=-=-=
- आगे आती थी हाल ए दिल पे हसी
- अब किसी बात पे
- नहीं आती
- =-=-=-=-=
- अब इस से ज्यादा क्या नरमी बरतू
- दिल के ज़ख्मो को छुया है तेरे गालों की तरह
- =-=-=-=-=
- पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने हैं
- जाने न जाने गुल ही न जाने , बाग़ तो सारा जाने हैं
- =-=-=-=-=
- मेरे लफ्जों स न कर
- मेरे किरदार का फैसला
- तेरा वजूद मिट जायेगा मेरी हकीक़त ढुँढते ढुँढते
- =-=-=-=-=
- कुछ तबियत ही मिली थी ऐसी , चैन से जीने की सूरत न हुयी
- जिसको चाह उसको अपना न सके
- , जो मिला उस से मोहब्बत न हुयी
- =-=-=-=-=
- जिंदगी के राज़ को
- रहने दो,
- अगर है कोई ऐतराज़ तो रहने दो,
- पर जब दिल करे हमें याद करने को,
- तो उसे ये मत
- कहना के आज रहने दो
- =-=-=-=-=
- जिनके मिलते ही ज़िन्दगी में ख़ुशी मिल जाती है
- वो लोग जाने क्यों ज़िन्दगी में कम मिला करते हैं।
- =-=-=-=-=
- ज़ख़्म जब मेरे सिने के भर जाएँगे,
- आँसू भी मोती बनकर बिखर जाएँगे,
- ये मत पूछना किस किस ने धोखा दिया,
- वरना कुछ अपनो के
- चेहरे उतर जाएँगे
- =-=-=-=-=
- जब मोहब्बत ही नहीं दरमियाँ..
- वो रुठेंगे भी क्या, हम
- मनाएंगे भी क्या…
- =-=-=-=-=
- आज जाकरके उसने, सच में भुलाया है मुझे…
- वरना ये हिचकियाँ , पानी से तो नहीं जाती थीं…
- =-=-=-=-=
- तू इतना याद ना
- कर मुझ को
- ,
- के हिचकिया तेरे राज़ , सरे आम खोलती है
- =-=-=-=-=
- बेवफाई तो यहाँ सभी करते हैं…………
- अरे आप तो समझदार थे कुछ तो नया करते..
- =-=-=-=-=
- ऐसी बेरुखी भी देखी है हम ने…..
- के लोग,आप
- से तुम तक……
- तुम से
- जान तक,
- फिर ‘जान’ से….. ‘अनजान’ तक
- हो जाते है.
- =-=-=-=-=
- अजीब फितरत है उस
- समंदर की…………………..
- जो टकराने के लिए पत्थर ढुंढता है…..
- =-=-=-=-=
- वो मेरी किस्मत मैं नहीं,
- ये सुना है लोगों से,
- फिर सोचता हूँ, किस्मत खुदा लिखता है,
- लोग नहीं….
- =-=-=-=-=
- जिन्दगी ने आज फिर हमारी अजमाइश की है
- l
- भूले हुए लोगो से
- फिर मिलने की फरमाइश की है
- =-=-=-=-=
- इक-इक पत्थर जोड़ के मैंने जो दीवार बनाई है
- झाँकूँ उसके !छे तो
- रुस्वाई ही रुस्वाई है
- =-=-=-=-=
- हम बने ही थे
- तबाह !होने के लिए…
- तेरा मिलना तो बस
- एक बहाना था..
- =-=-=-=-=
- आराम से कट रही थी तो अच्छी थी….
- जिंदगी तू कहाँ इन
- आँखों की बातों में आ गयी….
- =-=-=-=-=
- तुमसे मुमकिन हो तो
- रोक दो सासें मेरी…
- दिल जो थङकेगा तो
- याद तुम ही आओगे…!!
- =-=-=-=-=
- Hai Chand Ka Muhn Bhi Utra Utra
- Taro Ne Chamkna Chod Diya
- Jis Din Se Juda Wo Humse Huye
- Is Dil Ne Dhadkna Chhod Diya
- =-=-=-=-=
- Chale jaana chaahta hu tujhe tere haal par chhod kar,
- Qaddar kyaa hoti hai pyaar ki tujhe waqt hi sikha dega..
- =-=-=-=-=
- Meri tadap toh kuc!h bhi nahi hai…
- Suna hai uss ke deedar ko toh aainay bhi taraste hain..
- =-=-=-=-=
- Jaruri nahi ki kaam se hi insan thak jaye ,
- Khayalo ka boj b!hi insan ko thaka deta hai…
- =-=-=-=-=
- Muje Nahi Pata..,Ye Sudhar Gaya Ya Bigad gaya…
- Bassss Ab Ye D!il kisi Se Muhaabat Nahi Karta. . .
- =-=-=-=-=
- Main kaun hoon yeh pata chal jaaye toh mujhe bhi bata dena.
- Kaafi dinon se talash hai mujhe meri.
- =-=-=-=-=
- Meri likhi baat ko har koi samaj nahi paata..,
- kyonki mein ehsaas likhta hoon aur log alfaz padhte hain…
- =-=-=-=-=
- Chalo So Jate Hain ab Phir Kisi Such ki Talash Me ,,
- K Subha Phir is Jhooti Dunya Ka Deedar Karna Hai …!!
- =-=-=-=-=
- Aap To Chand Ho Jise Sab Yaad Karte Hain,
- Hamari Kismat To Sitaro Jaisi Hai, Yaad Karna To Door…
- =-=-=-=-=
- Log Apani Khwahish Ke Liye Bhi
- Hamare Tootne Ka Intezar Karte Hain.
- =-=-=-=-=
- Kuch is liye raato ko sona chod diya hum ne……
- Agar wo khwab me bhi bichad gaye to mar jayenge hum……
- =-=-=-=-=
- Tum, Tum aur sirf Tum,
- Lo khatam hui yeh dastan dil ki..
- =-=-=-=-=
- Khuda Na Kary _____ .
- Tuje Tuj Sa Miley Koi . !!
- =-=-=-=-=
- Teri yaad se to acchhi meri sharaab hai zaalim. …
- Kambakht rula!ane Ke bad sula to deti hai mujko. …
- =-=-=-=-=
- Suno !
- Ye jo ishq ha na…,,
- Jaan le leta ha,, Magar phir bhi maut nahi ati…!!
- =-=-=-=-=
- Jate Hue Us Shakhs Ne Ek Ajab Bad’dua Si Di..!
- Tujhe MiLein! do Jahan Ki Khushiyan Par Koi Mujh Sa Na
- Mile..!
- =-=-=-=-=
- Wo Log Q miLte hi Utar jate hain diL main
- Jin Logon se Qismat k Sitare nhi miLte…
- =-=-=-=-=
- Tera Bhi Hota Agar DiL, Ae IshQ
- Din Main Taare Tujhe Bhi Dikha Daiti…
- =-=-=-=-=
- Mere Sajdon Mein Kami To Na Thi Aye KHUDAa
- Kya Mujh Se Bhi Barh K Kisi Ne MaanGa Tha Usey…
- =-=-=-=-=
- Bhooool Jaaata Hooon Saaari Duniyaaa ………!
- Mujhy Tum Itna Yaaaad Aaaty Ho…
- =-=-=-=-=
- Gilaa Banta Hi Nahi Be’Rukhi Ka…!!
- DiL Hi To Tha____ Bhar Gaya HoGa…!!
- =-=-=-=-=
- Kabhi PathaR ki Thokar se Bhi NhiN ati KharaaSh,,,,
- Kabhi Ek zra si Baat se InsaaN bikher Jata he……!!!!!
- =-=-=-=-=
- Halaat kuch iss tarah badlay uss k or meray dermiyan.
- Na usay meri zarurat rehi na mujhay uss ki tamana…
- =-=-=-=-=
- Ay Tabib ! Ek Bar Tou Kr dy Dawa-e-Dard-e-Dil,
- Agli Bar Toba, So Baar Toba, Hum Muhabbat Na kary Gy………………
- =-=-=-=-=
- Tery Grajney Se bohot khOff Aata hai ..
- Ay Badal ..
- Tu Be-Awaaz hi BaraS liya kar mere AnSuon ki tarah…..
- =-=-=-=-=
- Abb koiiii aarzo nhiii baki..
- justaju meriii akhriiii tum thy….!
- =-=-=-=-=
- Jab Jaan Pyari Thi Toh Dushman Hazaron The…
- Ab Marne Ka Shauk Hua To Qatil Nahi Milte….
- =-=-=-=-=
- Khafa nahi hu tujse ae zindagi
- aadat si pad gai hei ruthne ki..
- =-=-=-=-=
- Mat Chaho Kisi Ko Itna Toot Kar Zindagi Me
- Bichard Gaye Toh Har Ek Ada Tang Karegi..!!
- =-=-=-=-=
- Bus ik khayal sy anso chupa lye hum ne
- udas rah kar ksi ko udas kya karna!!!?
- =-=-=-=-=
- Ansu0n ko khabar kaise hui teri judai ki..
- Shayad ye khud hi nikal aye hain teri talash me…
- =-=-=-=-=
- Mujhe Na Dhoond Zameen-o-Asman ki Gardishon mein,,,,,
- Mein Agar tere dil Mein Nahin to kaheen bhi nahi…
- =-=-=-=-=
- Umeed -e- wafa na rakhna un logon se dosto .
- Jo milte h kisi aur se aur hote h kisi or ke…
- =-=-=-=-=
- Dil Ki Duniya Kuch Iss Tarah Se Ujdi,
- Usne Dard Ka Aadi Banna Ke Dard Dena Chodd Diya!
- =-=-=-=-=
- Muqaddar Mein Raat Ki Neend Nahi Toh Kya Huva,
- Jab Mout Aayegi Toh Jee Bhar Ke Soa Lain Ge.
- =-=-=-=-=
- KHayal_e_Yarr mein neend ka tassawur kaisa?????
- Ankh lagti he nai hai Ankh lagi hai jub se..
- =-=-=-=-=
- Nahi Rahi Woh Muhabbat Ki Haqiqat Aaj K Daur Main,,,
- Nafz Ki Pyaas Bujhane Ko Log Ishq Ka Naam Dete Hain…
- =-=-=-=-=
- Khud Se Hi Fursat Na Mili Kabhi Warna
- Hum Agar Kisi K Hotay Sirf Tumhare Hotay…
- =-=-=-=-=
- Shikway, To Youn Karte Ho Mujh Se
- Jese Sirf, Mere Hee Ho Tum…
- =-=-=-=-=
- Ye tera khel na ban jaye haqiqat ek din…
- Ret pe likh k mera naam mitaya na karo…
- =-=-=-=-=
- Aksar Log Hame Bhul Jate Hai,
- Aur Hum Bewkuf
- Unki Yaando Me,
- Apna “AASHIYANA” Bana Lete Hai.!!
- =-=-=-=-=
- कौन कहता है कि
- दिल सिर्फ लफ्जों से दुखाया जाता है..
- तेरी खामोशी भी कभी कभी आँखें नम कर देती हैं
- … !!
- =-=-=-=-=
- चाँद ने की होगी सूरज से महोब्बत इसलिए तो चाँद मैं दाग है
- मुमकिन है चाँद से
- हुई होगी बेवफ़ाई इसलिए तो सूरज मैं आग है
- =-=-=-=-=
- मुहब्बत तो दिल देकर, की
- जाती है मेरे दोस्त।
- चेहरा देखकर तो लोग,सिर्फ सौदा करते हैँ।..
- =-=-=-=-=
- जनाजा इसीलिए भी भारी हे मेरा..
- कि सारे अरमान साथ लिये जा रहा हूँ ।
- =-=-=-=-=
- यूँ ना बर्बाद कर
- मुझे,
- अब तो बाज़ आ दिल दुखाने से ।
- मै तो सिर्फ इन्सान हूँ,
- पत्थर भी टूट जाता है,
- इतना आजमाने से ।
- =-=-=-=-=
- वफादार और तुम…??
- ख्याल अच्छा है,
- बेवफा और हम…??
- इल्जाम भी अच्छा है…
- =-=-=-=-=
- सामने मंजिल थी और, पीछे उसका वज़ूद…क्या करते,
- हम भी यारों.
- रूकते तो सफर रह
- जाता…
- चलते तो हमसफर रह जाता…”
- =-=-=-=-=
- हजारों झोपड़िया जलकर राख होती हैं,
- तब जाकर एक महल बनता है.
- आशिको के मरने पर
- कफ़न भी नहीं मिलता,
- हसीनाओं के मरने पर “”ताज महल””
- बनता है.
- =-=-=-=-=
- माना की दूरियां कुछ बढ़ सी गयीं हैं
- लेकिन तेरे हिस्से का
- वक़्त आज भी तनहा गुजरता है…
- =-=-=-=-=
- मुझे मालूम है कि
- ये ख्वाब झूठे हैं और ख्वाहिशें अधूरी हैं…
- मगर जिंदा रहने के
- लिए कुछ गलतफहमियां जरूरी हैं…!!
- =-=-=-=-=
- हम बने थे तबाह होने के लिए……
- तेरा छोड़ जाना तो
- महज़ इक बहाना था….!!
- =-=-=-=-=
- मैं आपकी नज़रों से
- नज़र चुरा लेना चाहता हूँ,
- देखने की हसरत है
- बस देखते रहना चाहता हूँ ।
- =-=-=-=-=
- दर्द तन्हाँ कभी नहीं रहता
- ये तुझे, मुझमें तलाश लेता है
- =-=-=-=-=
- तुम से जिद करते तो हम मांगते क्या…!
- खुद से जिद करके तो तुमको मांगा था
- …
- =-=-=-=-=
- उनकी ना थी खता, हम
- ही कुछ गलत समझ बैठे यारों……
- वो मुहब्बत से बात करते थे,
- तो हम मुहब्बत समझ बैठे…..
- !!
- =-=-=-=-=
- ऐ ज़िन्दगी मुझे तोड़ कर ऐसे बिखेर अब की बार…….
- ना खुद को जोड़ पाऊँ मै,
- ना फिर से तोड़ पाये वो…..!!
- =-=-=-=-=
- गल्हतफ़हमी की गुंजाईश नहीं सच्ची मुहब्बत में………
- जहाँ किरदार हल्का हो
- कहानी डूब जाती है…….!!
- =-=-=-=-=
- जिंदगी से !कोई चीज़ उधार नहीं मांगी मैंने….
- कफ़न भी लेने गए
- तो जिंदगी अपनी देकर….!!
- =-=-=-=-=
- कुछ ज़ख्म स!दियों बाद भी ताज़ा रहते है……
- वक़्त के पास भी
- हर मर्ज़ की दवा नहीं होती…!!
- =-=-=-=-=
- हाथ ज़ख़्मी हुए तो
- कुछ अपनी! ही खता थी…..
- लकीरों को मिटाना चाहा किसी को पाने की खातिर….!!
- =-=-=-=-=
- मेरा कत्ल करके क्या मिलेगा तुमको…….
- हम तो वैसे भी
- तुम पर मरने वाले हैं
- ….!!
- =-=-=-=-=
- खामोश बैठें तो लोग कहते हैं उदासी अच्छी नहीं………
- ज़रा सा हँस लें तो मुस्कुराने की वजह पूछ लेते हैं….!!
- =-=-=-=-=
- सूखे होठो से ही
- होती हैं प्यारी बातें
- …
- प्यास बुज़ जाये तो
- इंसान और अ!ल्फाज़ दोनो बदल जाते हैं
- ..!!
- =-=-=-=-=
- “हम कुछ ऐसे तेरे दीदार में खो जाते हैं
- जैसे बच्चे! भरे बाज़ार में खो जाते हैं”
- =-=-=-=-=
- होठों ने सब बातें छुपा कर रखीं
- ……
- आँखों को ये हुनर…
- कभी आया ही नहीं
- ……
- =-=-=-=-=
- कितनी सदियों के बाद मिले हो,
- वक़्त से क्यों, इतना छिले हो!!!?
- =-=-=-=-=
- इक ज़ख़्मी परिन्दे की
- तरह जाल में हम हैं,
- ऐ इश्क़ अभी तक
- तेरे जंजाल में हम हैं।
- =-=-=-=-=
- खुदा भी अब मुझसे बहुत परेशान है……
- रोज़ रोज़ जब से
- दुआ में तुझे मांगने लगा हूँ….!!
- =-=-=-=-=
- मालूम होता है भूल गए हो शायद…….
- या फि!र कमाल का
- सब्र रखते हो…..!!
- =-=-=-=-=
- “ना मुस्कुराने को जी चाहता है,
- ना आंसू!बहाने को
- जी चाहता है,
- लिखूं तो!क्या लिखूं तेरी याद में,
- बस तेरे पास लौट आने को जी चाहता है.”
- =-=-=-=-=
- कुछ ना रहा पास तो रख ली संभाल कर तन्हाई
- .
- .
- ये वो सल्तनत है
- जिसके बादशाह भी हम
- वज़ीर भी हम और
- फ़क़ीर भी हम………
- =-=-=-=-=
- “इस कदर हर तरफ तन्हाई है,
- उजालो मे अंधेरों की
- परछाई है,
- क्या हुआ जो गिर गये पलकों से आँसू,
- शायद याद उनकी चुपके से चली आई है
- =-=-=-=-=
- इतनी पीता हू….
- इतनी पीता हू की
- मदहोश! रहता हू.
- सब कुछ समझता हू
- पर खामोश रहता हू
- जो लोग !करते ह मुझे गिराने की कोशिश
- मे अक्सर उन्ही के
- साथ रहता हू|.
- =-=-=-=-=
- हकीकत में ये ख़ामोशी हमेशा चुप नहीं होती।
- कभी तुम ग़ौर से
- सुनना ये बोहत क़िस्से सुनाती है।
- =-=-=-=-=
- तेरी महफिल से उठे तो किसी को खबर तक नही थी
- !
- तेरा मुड़-मुड़कर देखना हमे बदनाम कर गया
- …
- =-=-=-=-=
- “जाने कब-कब किस-किस ने कैसे-कैसे तरसाया मुझे,
- तन्हाईयों की बात न पूछो महफ़िलों ने भी बहुत रुलाया मुझे”
- =-=-=-=-=
- ला तेरे पेरों पर
- मरहम लगा दूं…
- कुछ चोट तो तुझे भी आई होगी मेरे दिल को ठोकर मार कर…!!!
- =-=-=-=-=
- उनसे कहना कि किस्मत पे इतना नाज़ ना करें,
- हमने बारिश में भी
- जलते हुए मकान देखें हैं
- =-=-=-=-=
- ये मुकरने का अंदाज़ मुझे भी सीखा दो
- वादे नीभा-नीभा के थक
- गया हूँ मैं…
- =-=-=-=-=
- “दीदार की ‘तलब’
- हो तो नज़रे जमाये रखना
- ‘ग़ालिब’
- क्युकी, ‘नकाब’ हो या ‘नसीब’…..सरकता जरुर है.”
- =-=-=-=-=
- हमे पता था की
- उसकी मोहब्बत में ज़हर हैं
- ;
- पर उसके पिलाने का
- अंदाज ही इतना प्यारा था की हम ठुकरा ना सके !
- =-=-=-=-=
- लोग कहते है हम
- मुस्कराते बहुत है…
- और हम थक गए
- दर्द छुपाते छुपाते…
- =-=-=-=-=*
- गम में भी हम
- इस तरह जीते हैं
- जैसे शादियों में लोग शराब पीते हैं
- =-=-=-=-=
- बादलों से कह दो
- अब इतना भी ना बरसे….
- अगर मुझे उनकी याद आ गई,
- तो मुकाबला बराबरी का
- होगा….
- =-=-=-=-=
- छीन लेता है हर
- चीज मुझसे
- …
- ए खुदा…
- क्या तू भी इतना गरीब है????
- =-=-=-=-=
- कितना अजीब हो गर
- पलट जाये बाजी सारी..
- वो मुझे याद करे और मै मसरूफ रहू.
- =-=-=-=-=
- अगर है दम तो
- चल डुबा दे मुजको,
- समंदर नाकाम रहा, अब तेरी आँखो की बारी…।..
- =-=-=-=-=
- कुछ तुम को भी
- अज़ीज है अपने सभी उसूल,
- कुछ हम भी इत्तेफाक से जिद्द के मरीज़ हैं ।।
- =-=-=-=-=
- सारी दुनिया की खुशी अपनी जगह
- …. ..
- उन सबके बीच तेरी कमी अपनी जगह
- .
- =-=-=-=-=
- उसने पूछा …कोई आखरी ख्वाइश ?
- ज़ुबान पे फिर ” तुम ” आ गया
- =-=-=-=-=
- सहमी-सहमी हुई रहती हैं मकाने दिल में
- आरज़ूएँ भी ग़रीबों की
- तरह होती हैं
- ..
- =-=-=-=-=
- Iss Nazar” Se !Dekha Hai Tujhe..
- Jis Nazar Se Tujhe “Nazar” Na Lage !
- =-=-=-=-=
- अजब पहेलियां हैं! हाथों की लकीरों में…
- सफर ही सफर लिखा है हमसफर कोई नहीं…
- =-=-=-=-=
- क्या नए ज़ख्म की
- यह आहट है,
- आज फिर कोई मुझे ‘अपना’ कह
- गया..|।।
- =-=-=-=-=
- दिल प्यार में बेक़रार भी होता हैं दोस्ती में थोड़ा इंतज़ार भी होता हैं
- होती नहीं प्यार में दोस्ती पर दोस्ती में शामिल प्यार भी होता हैं
- =-=-=-=-=
- वो रोज मुझको देती है जीने के मशवरे
- !!..
- और वो खुद अपनी मुठ्ठी में मेरी जान लिये बैठी है
- !!!!…
- =-=-=-=-=
- बहुत अन्दर तक तबाही मचाता है
- …
- वो आंसू जो आँखों से
- ‘बह’ न!हीं पाता है……..
- =-=-=-=-=
- अपनों की चाहतों ने
- दिया कुछ ऐसा फरेब
- ,
- कि रोते रहे लिपटकर हर एक अजनबी से हम…
- =-=-=-=-=
- अब हाल! पर हमारे~हमको छोड़ भी दो यारों~~
- लेते फिरें तुम्हारे अहसान और कितने…।।।
- =-=-=-=-=
- तन्हाइयों की आदत अब
- हो गई हमें तुम्हारा पास आना,अब
- भाता नहीं
- यूं फैले हमारी चाहतों के फासले,
- अब किसी चाहत से,कोई नाता नहीं
- =-=-=-=-=
- हक़ीकत से बहुत दूर है ख्वाहिश मेरी,
- फिर भी ख्वाहिश है
- कि…
- एक तेरा ख्वाब हक़ीकत हो जाए………!
- =-=-=-=-=
- ए दिल ,चल एक सौदा करते हैं
- ,
- मैं उसके लिए तड़पना छोड़ देता हूँ
- , तू मेरे लिए धड़कना छोड़ दे
- …!!
- =-=-=-=-=
- चलते थे इस ज!हाँ में कभी सीना तान के हम
- ये कम्बख्त इश्क़ क्या हुआ घुटनो पे आ गए..
- =-=-=-=-=
- गुमान न! कर अपनी खुश-नसीबी का..
- खुदा ने गर चाहा तो तुझे भी इश्क होगा..
- =-=-=-=-=
- तुझे कोई और भी
- चाहे,
- इस बात से दिल थोडा थोडा जलता है,
- पर फकर है मुझे इस बात पे कि,
- हर कोई मेरी पसंद पे ही मरता है…!!!
- =-=-=-=-=
- वो अपने फ़ायदे की
- खातिर फिर आ मिले थे हम से,
- हम नादान समझे के
- हमारी दुआओं में असर बहुत है..
- =-=-=-=-=
- जिसको सूरज मेरी चौखट से मिला,
- वों उजाले हमे खैरात में देतें है….
- =================================
- दम तोड़ जाती है हर शिकायत लबों पे आकर,
- जब मासूमियत से वो कहती है मैंने क्या किया है
- ?
- =-=-=-=-=
- सलीक़ा हो अगर भीगी !हुई आँखों को पढने का,
- तो फिर बहते हुए आंसू भी अक्सर बात करते हैं
- =-=-=-=-=
- डरता हूँ कहने से की मो!हब्बत है तुम से ……!!
- की मेरी जिंदगी बदल देगा तेरा इकरार भी और इनकार भी …!!
- =-=-=-=-=
- मै फिर से निकलूंगा तलाश -ए-जिन्दगी में ….
- दुआ करना दोस्तों इस बार किसी से इश्क ना हो
- …..
- =-=-=-=-=
- उसके सिवा किसी और को चाहना मेरे बस में नहीं,
- ये दिल उसका है,
- अपना होता तो बात और थी
- =-=-=-=-=
- ये भी एक तमाशा है इश्क ओ मोहब्बत में
- दिल किसी का होता है और बस किसी का चलता है
- =-=-=-=-=
- रूह तक नीलाम हो जाती है इश्क के बाज़ार में,
- इतना आसान नहीं होता किसी को अपना बना लेना
- =-=-=-=-=
- हमें कोई ग़म नहीं था, ग़म-ए-आशि़की से पहले,
- न थी दुश्मनी किसी से, तेरी दोस्ती से पहले
- =-=-=-=-=
- किरण चाहू तो दुनिया के सरे अँधेरे घेर लेते है
- |
- कोई मेरे तरह जी ले तो जीना भूल जायेगा ||
- =-=-=-=-=
- साथ भी छोडा तो कब,जब सब बुरे दिन कट गए |
- ज़िन्दगी तुने कहा आक!र दिया धोखा मुझे ||
- =-=-=-=-=
- हमें इस चिस्त से उम्मीद क्या थी और क्या निकला
- |
- कहा जाना हुआ था तय कहा से रास्ता निकला ||
- खुदा जिनको समझते थे वो शीशा थे न पत्थर थे
- |
- जिसे पत्थर समझते थे वही अपना खुदा निकला
- ||
- =-=-=-=-=
- अगर टूटे कीसी का दिल ,तो शब् भर आख रोती है |
- ये दुनिया है गुलो की जी इसमें काटे पिरोती है
- ||
- हम मिलते है अपने गाओ में दुश्मन से भी इठला कर |
- तुम्हारा शहर देखा तो बड़ी तकलीफ होती है ||
- =-=-=-=-=
- मेरी आँखों में आसूं, तुझसे हम दम क्या कहूं क्या है.
- ठहर जाये तो अंगारा है,बह जाये तो दरिया है.
- =-=-=-=-=
- कहाँ नहीं तेरी यादों के हाथ
- कहाँ तक कोई दामन बचा के चले
- =-=-=-=-=
- पूछ कर मेरा पता बदनामिया मत मोल ले
- ख़त किसी फूटपाथ पर रख दे,
- मुझे मिल जायेगा
- =-=-=-=-=
- अपने हालात का खुद पता नहीं मुझको,
- मैंने औरों से सुना है के मैं परेशां हूँ आजकल…
- =-=-=-=-=
- आज कोई नया जख्म नहीं दिया उसने मुझे,
- कोई पता करो वो ठीक तो है ना
- =-=-=-=-=
- ऐंसे नहीं न सही,
- वैसे ही सही
- बस, एक बार तुम हाँ तो कहो ?
- =-=-=-=-=
- जब वो मिले हमसे अरसे बाद तो उन्होने पूछा हाल
- -चाल कैसा है,
- तो मैने कहा तुम्हारी चली चा!ल से मेरा हाल बदल गया,
- =-=-=-=-=
- Maut Se Keh Do Ki Hum Se Naraazgi Khatam Kar le Ab…!
- Wo Bahut Badal Gaye !Hai Jinke Liye Hum Jiya Karte Hain…
- =-=-=-=-=
- Tu hosh me thi phir bhi hume pehchaan na paai
- Ek hum hai ki pee kar bhi tera naam lete rehte hai…
- =-=-=-=-=
- Un parindo ko kaid karna meri fitrat me nahi…
- jo mere dil k pinjre me reh kar bhi dusro ke sath udne ke
- shauk rakhte hai…
- =-=-=-=-=
- Tum rakh na sakoge mera tohfa
- sambhal kr…
- Warna abhi dil de deta apne sine
- se nikal kar..!!!
- =-=-=-=-=
- Hamare baad nahi aayga tumhe chahat ka maza…
- Tum sab se kehty firogy mujhe chaho uski tarah…
- =-=-=-=-=
- Tum Aaj Har Saans K Sath Yaad Aa Raahe Ho,,
- Ab Teri Yaad Ko Rok Dun…Ya Apni Saans Ko…??
- =-=-=-=-=
- Paas Rahne Se Bhi Kam Nahi Hota…!!
- Faaasla Jo Dilo’n Mein Hota Hai…!!
- =-=-=-=-=
- Bohat Rokta Hoon Khud Ko Tumhein Yaad Karne Sy . . .
- Lakein Kya Karon, Ye Nadan Dil Na-Farmaan Bohat Hai…
- =-=-=-=-=
- Har Raat Guzarti Hai Meri Taron Ke Darmiyaa’n.
- Main Chaand To Nahi Mgar Tanha Zarur hoon…
- =-=-=-=-=
- Dhoond raha hon Lekin Nakaam hoo abhi Tak….,
- Wo Lamha, jis mein tu yaad Na aayi ho….
- =-=-=-=-=
- Jinn Ke Paas Hoti Hain Umer Bhar Ki Yadain,
- Woh Log Tanhai Mein Bhi Tanha Nahi Hotay..
- =-=-=-=-=
- Pachtaya bahot uss k darwaze per dastak de kar
- dard ki inteha ho gai jab! uss ne poocha kon ho tum..
- =-=-=-=-=
- Mohbbat Main Jhukna Koi Ajeeeb Baat Nahi,
- Chamakta Suraj Bhi to Dha!l Jata Ha Chaand k Liye.! …
- =-=-=-=-=
- Maujood thi Udaasi abh!e Pichhli Raat Ki,,
- Behla tha DiL Zara Sa K Phir Raat ho Gai.!
- =-=-=-=-=
- Hum bhi maujood thy taqdeer k darwaazey par…
- Log daulat par girey, humney tujhe maang liya….
- =-=-=-=-=
- Un Ko Dekha To kisi chiz ki Gumshudgi Ka Ehsaas Huwa
- Hath Seene Pe Jo Rakha To Dil Maujood Na Tha,…
- =-=-=-=-=
- Toot sa gaya hai meri chahato ka wajood…
- Ab koi achchha b lage to ham izhaar nahi karte…
- =-=-=-=-=
- Shikway Shikayatou’n ki Nahi..Yeh Zarf Zarf Ki Baat He..
- Tere Vehm-O-Guma’n Mei’n Bhi Hum Nahi,Aur Tu Lafz Lafz
- Hamai’n Yaad Hy…….
- =-=-=-=-=
- Yun To Har Rang Ka Mousam Mujhse Waqif Hai Magar,
- Raat-E-Tanhaiyan Mujhe Kuch Alag Hi Janti Hain…
- =-=-=-=-=
- Sach He, Insaan Ki Khwahisho Ki Koi Had Nhi……
- Meri Un’ginat Khwahish!e Dekho Wo,Wo Or Bas Wo……
- =-=-=-=-=
- Nam Hai Palkain Teri Ae Moj-e Hawa Raat Ke Saath
- Kya Tuje Bi Koi Yad Aata Hai Barsat Ke Sath..
- =-=-=-=-=
- Is Baarish Ke Mausam Main Ajeeb Si Kashish Hai ….
- Na Chahte Hue Bhi Koi Sh!iddat Se Yaad Aata Hai….…
- =-=-=-=-=
- Rim Jhim Rim Jhim Baras Rahi Hai …
- Yaad Tumhaari Qatraa Qatraa…
- =-=-=-=-=
- Jo Mujh se Tooti Thi Wo chorriyan Sasti Thii…..
- Bahut mehnga Tha !woH Dil Jo Tu Ne Tod Dala…..
- =-=-=-=-=
- Nahi Milega Mujh Jaisa Tujhe Chahne Waala. . .!!
- Jaa Tujhe Ijaazat Hai Saari Duniya Aazma Le. . .!!!
- =-=-=-=-=
- Anjaam Ki Parwa Hoti To Me Ishq
- karna Chhod Deta”
- ”Ishq Me Zid Hoti He Or Zid ka Me Betaaj Badshah Hun….”
- =-=-=-=-=
- Ishq ka samandar bhi kya samandar hai,
- jo doob gaya wo aashiq jo bach gaya wo deewana…
- =-=-=-=-=
- Karo phir se koi wada, kabhi na phir bichhadne ka ….
- tumhein kya faraq padta hai chalo phir se mukkar jana …
- =-=-=-=-=
- Chal chup kar, uss ki gawahiyyan, saffaiyyan …
- Tu mera DIL he ya US bewafa ka wakeel ….!!!
- =-=-=-=-=
- Meri khamoshi tum!hen rulaigee…
- Zara yeh waqat beat jany do….!!
- =-=-=-=-=
- Auron se to umeed ka rishta bhi nahi tha….
- Tum itne badal jao gay socha bi nai tha…..
- =-=-=-=-=
- Darpok hai woh log, Jo pyaar nahi karte.
- Saala barbad hon!e ke liye bhi jigar chahiye…
- =-=-=-=-=
- Phool yuhi nahi khilte,
- beej ko dafan hona padta hai …
- =-=-=-=-=
- Chahat, Fikar, Taqdeer, Isqh-Mohabbat, Or Wafa…
- Meri In Hi Adaton Ne!Mera Tamasha Bana Diya…
- =-=-=-=-=
- Muhabbat ki haqeeqat mein ..
- Khamooshii aakhri sach hai…
- =-=-=-=-=
- Har koi Deta Hai Zakham Gin Gin ke ‘Be-Wajha’….!
- Mein Kis kis Zakham Ko Apna Naseeb Samjhoon…!
- =-=-=-=-=
- Sikha Di Bewafai Tumhe B Zalim
- Zamane Ne..!!
- Tum Jo Seekh Lete Ho, Hum Hi Pe Azmate Ho..
- =-=-=-=-=
- Taqdeer Ka Hi Khel Hai Sab….. ,
- Par ,
- Khwahishe’n Samjh’ti Hi Nahi……!!!
- =-=-=-=-=
- लम्हों की दौलत से दोनों महरूम रहे ,
- मुझे चुराना न आया,
- तुम्हें कमाना न आया
- =-=-=-=-=
- अब किसी और से मुहब्ब!त करलू तो शिकायत मत करना…।।
- ये बुरी आदत भी मुझे तुमसे ही लगी है…..।।
- =-=-=-=-=
- टूट कर भी कम्बख्त धड़कता रहता है ,
- मैने
- इस दुनिया मैं दिल! सा कोई वफादार नहीं देखा।
- ……
- =-=-=-=-=
- अगर यूँ ही कमियाँ निकालते रहे आप….
- तो एक दिन सिर्फ खूबियाँ रह जाएँगी मुझमें….
- =-=-=-=-=
- मेरी मंज़िल मेरी हद ।
- बस तुमसे तुम तक ।।
- ये फ़क्र है कि तुम मेरे हो ।
- पर फ़िक्र है कि कब तक ।।
- =-=-=-=-=
- बहुत आसान है पहचान इसकी
- अगर दुखता नहीं तो दिल नहीं है
- =-=-=-=-=
- अगर है दम तो चल डुबा दे मुजको,
- समंदर नाकाम रहा, अब तेरी आँखो की बारी.
- =-=-=-=-=
- ना इतना चाह मुझे की तेरा तलब्दार बन जाऊ,
- तेरी मोहब्बत दीवानगी का !में हकदार बन जाऊ,
- मेरे मुक़द्दर तक़दीर की तू परवाह ना किया कर,
- ऐसा ना हो की में खुद तुझ में तेरी तस्वीर बन जाऊ…
- =-=-=-=-=
- क्या फर्क है दोस्ती और !मोहोब्बत में,
- रहते तो दोनों दिल में ही है…?
- लेकिन फर्क तो है…..
- बरसो बाद मिलने पर दोस्ती सीने से लगा लेती है,
- और मोहोब्बत न!ज़र चुरा लेती है…!!
- =-=-=-=-=
- दिन तो कट जाता है शहर की रौनक में ,
- कुछ लोग याद बहुत आते है दिन ढल जाने के बाद…
- =-=-=-=-=
- ये वक़्त बेवक़्त मे!रे ख्यालों में आने की आदत छोड़ दो तुम,
- कसूर तुम्हारा होता है और लोग मुझे आवारा समझते हैं..!!
- =-=-=-=-=
- सुनकर ज़माने की बातें, तू अपनी अदा मत बदल,
- यकीं रख अपने खुदा पर, यूँ बार बार खुदा मत बदल……!!
- =-=-=-=-=
- तुमने कहा था हर शाम तेरे साथ गुजारेगे,
- तुम बदल चुके हो या फिर तेरे शहर में
- शाम ही नहीं होती?
- =-=-=-=-=
- तेरी मोहब्बत की तलब थी तो हाथ फैला दिए वरना,
- हम तो अपनी ज़िन्दगी के !लिए भी दुआ नहीं करते…
- =-=-=-=-=
- ये कफ़न,
- ये कब्र,
- ये जनाज़े,
- सब रस्म ऐ दुनिया है दोस्त,
- मर तो इन्सान तब ही जाता है,
- जब याद करने वा!ला कोई ना हो.
- =-=-=-=-=
- हम अपने पर गुरुर नहीं करते,
- याद करने के लिए किसी को मजबूर नहीं करते.
- मगर जब एक बार किसी को दोस्त बना ले,
- तो उससे अपने दिल से दूर नहीं करते.
- =-=-=-=-=
- फ़लक पर कबूतर दिखे जब कभी,
- बहुत याद आयीं तेरी चिठ्ठियाँ..
- =-=-=-=-=
- फिर से मुझे मिट्टी में खेलने दे खुदा,
- ये साफ़ सुथरी ज़िन्दगी, ज़िन्दगी नहीं लगती।
- =-=-=-=-=
- लोग कहते हैं पिये बैठा हूँ मैं,
- खुद को मदहोश किये बैठा हूँ मैं,
- जान बाकी है वो भी ले लीजिये,
- दिल तो पहले ही !दिये बैठा हूँ मैं
- =-=-=-=-=
- वो इस कमाल से खेले थे इश्क की बाजी …..!!
- मैं अपनी फतह सम!झता रहा मात होने तक…!!!
- =-=-=-=-=
- जब इश्क और क्रांति का अंजाम एक ही है
- तो राँझा बनने! से अच्छा है भगतसिंह बन जाओ
- =-=-=-=-=
- अजीब था उनका अल!विदा कहना !सुना कुछ नहीं और कहा भी कुछ नहीं!
- बर्बाद हुवे उनकी मोहब्बत में, की लुटा कुछ नहीं और बचा भी कुछ नहीँ !
- =-=-=-=-=
- बेगाना हमने नही किया किसी को अपने से,
- जिसका दिल भर गया वो छोड़ता चला गया….
- =-=-=-=-=
- बेखबर हो गए है कुछ दोस्त हमसे,
- जो हमारी ज़रूरत को! महसूस नहीं करते.
- कभी बहुत बातें किया करते थे हमसे,
- अब खेरियत तक नहीं पूछते…!!!
- =-=-=-=-=
- कभी ऐसी भी बे!रुखी देखी है तुमने
- “”एय दिल “”
- लोग आप से तुम
- ,
- तुम से जान ,
- और जान से अनजान हो जाते हैं…
- =-=-=-=-=
- सुनो, आज खुशी मिली थी डिबिया में बंद कर के रख ली है
- तुम मिलोगें,
- तो मिल-बाँट के खायेगें, नहीं तो शायद मीठी न लगे
- !!
- =-=-=-=-=
- बर्बाद कर के मुझे उसने पूछा,
- करोगे फिर मुहब्बत मुझसे
- ?………
- लहू लहू था दिल मगर होंठों ने कहा…”इंशा-अल्लाह”….!!
- =-=-=-=-=
- कुछ सही तो कु!छ खराब कहते हैं,
- लोग हमें बिगड़ा हुआ नवाब कहते हैं,
- हम तो बदनाम !हुए कुछ इस कदर,
- की पानी भी पियें तो लोग शराब कहते हैं…!!!
- =-=-=-=-=
- पूछा जो हमने कि!सी और के होने लगे हो क्या
- ?
- वो मुस्कुरा के बोले
- … पहले तुम्हारे थे क्या
- .?
- =-=-=-=-=
- हालात ने तोड़ !दिया हमें कच्चे धागे की तरह…
- वरना हमारे वादे भी कभी ज़ंजीर हुआ करते थे..
- =-=-=-=-=
- किसी ने ग़ालिब से कहा :
- सुना है जो शराब पीते हैं उनकी दुआ कुबूल नहीं होती !!
- ग़ालिब बोले
- :
- जिन्हें शराब मिल !ए उन्हें किसी दुआ की ज़रूरत नहीं होती ।।……….
- =-=-=-=-=
- फकीर हूँ सिर्फ तु!म्हारे दिल का,
- बाकी दुनिया का तो सिकन्दर ही हु….
- =-=-=-=-=
- हथेलिया भर !भर के दर्द न दे मुझे,
- दर्द के समंदर ले बैठा हूँ में….
- =-=-=-=-=
- कदम रुक से गए !आज फूलो को बिकता देख …
- वो अक्सर कहा करते थे की प्यार फूलो जैसा होता हें…
- =-=-=-=-=
- धोखा दिया था जब तूने मुझे.
- जिंदगी से मैं नाराज था,
- सोचा कि दिल से तुझे निकाल दूं. मगर कंबख्त दिल भी तेरे पास था…
- =-=-=-=-=
- तुम न रख सकोगे मेरा तोहफा संभालकर
- वरना मै अभी दे दूँ, जिस्म से रूह निकालकर
- =-=-=-=-=
- Nahi Milti wafa ab un pyar ke rishto mein,
- Dunya mein Logon k badal jane ki rasm Aam ho gai hai…
- =-=-=-=-=
- Zaroori To Nahi Mohabbat Lafzon Me Bayan Ho,
- Kya Sach Mein Meri Aankhen Tmhain Kuch Nahi Kehti !!!!!
- =-=-=-=-=
- Mein toh tere ehsaas se hee mehak gaya…
- agar ishq hota toh mere khuda naa jane kaya hota……
- =-=-=-=-=
- Woh mere dil par r!akh kar seer soi thi bekhabar..,
- Hum ne dhadkan hi rok li …ki kahin uski neend naa toot
- jaaye..
- =-=-=-=-=
- Khairaat Mein Mili! Khushi Humen Acchi Nahi Lagti
- Rehte Hain Hum Apne Dukhon Mein Nawaabon Ki Tarah…
- =-=-=-=-=
- Zakham Dene ki Aadat Nhi Humko,
- Hum to Aaj b W!o Ehsaas Rakhte hai,
- Badle-Badle to Aap Hai Janab,
- Hamare Alawa Sabko Yaad Rakhte Hai…
- =-=-=-=-=
- Hum To Samjhe The ke Zakham Hai Bhar Jayega..
- Kya kha!bar Thi Ke Rog Dil ME Utar jayega..
- =-=-=-=-=
- Theek Likha Tha Mere Hath Ki Lakeeron Mei…
- Tu Agar Pyar !Karega To Bikhar Jayega..
- =-=-=-=-=
- Badi mushkil se bnaya tha apny ap ko kabil us k….
- us ne ye keh kr bikhair diya…..
- k tujh se muhabbat to ha pr tujhy pany ki chaht nai……..
- =-=-=-=-=
- Unka waada hai ki woo laut ayenge,
- issi umeed par hum jiye
- jayenge,
- yeh intezaar bhi unhi ki tarah pyaara hai,
- kar rahe the, kar rahe hai
- or kiye jayenge.
- =-=-=-=-=
- Jeene ki arzoo me mare jaa rahe hai log….
- Marne ki aarzoo me jee raha hu me..
- =-=-=-=-=
- Qatal Huwa Humara Iss Tarha
- Qiston Main..!
- Kabhi Khan!jar Badal Gaye Kabhi
- Qaatil Badal Gaye…!
- =-=-=-=-=
- Sukoon milta h!ai doh lafz kaagaz par utaar kar…
- Keh bhi deta hu aur awaaz bhi nahi aati…
- =-=-=-=-=
- Teri yaadon !ki baarish jab bhi
- barasti hai mujh par…..
- Main bheeg zaroor jaata hoon
- sirf palkon ki hadd tak…..
- =-=-=-=-=
- Dil sulagta hai Tere sard ravaiyye se Qateel
- Dekh is barf ne! kya aag lga rakhi hai..
- =-=-=-=-=
- Khwab me b WO ab nahi Aaty
- Nafratain in dino Arooj pe hain..
- =-=-=-=-=
- Hum Sache Jazbon Ki Badi Qadar Kia Krte Hain…
- Ye alag bat h ki taqdeer lipat kr rone lagi,
- warna baahein toh tujhe dekh kar feli thi…
- =-=-=-=-=
- Mai Tumse kaise kahun Yar-e-Meharban Mere…
- K Tu Hi Ilaaj Hai meri har Udaasi ka…
- =-=-=-=-=
- Hadd se badh !chuka hai aapka nazar andaaz karna
- aisa salook na karo k hum bhulne pe mazbur ho jaye!!
- =-=-=-=-=
- Kitnay Majboor Hain Taqdeer Kay Haathon,
- Na usy p!anay ki Auqat, Na usy khony ka hosla….!
- =-=-=-=-=
- Ho Sakti Hy Mu!habbt Zindgi Meh Dubara B…
- Bas Hosla Ho, Ek Dafa Phir “Barbaad” Hone Ka…!!!
- =-=-=-=-=
- Pehla Sa Wo JunooN,,
- Wo Moha!bbat Nahi Rahi,,
- Kuch Kuch Sambhal Gaye Hain,
- Unki Duaa Se Hum..!!
- =-=-=-=-=
- Mayoos Ho Gaye Hain hum Zindagi ke Safar Sy,
- Maqsad Ki Mohabat , Matlab Ki
- Dostiyaa , Dikhawy K Rishty…!
- =-=-=-=-=
- “MOHABBAT” k ilawa Kuch Nahi Tha teri Ankhon Me,
- Yeh “NAFRAT” Ab Zamane Ki Kahan Se seekh Li Tum ne…!!!
- =-=-=-=-=
- Muhabbat Hay K Nafrat Hay Koi Itna Tou Samjhaye..
- Kabhi Main Dil Say Ladta Hun, Kabhi Dil Mujh Say Ladta
- Hay…!!
- =-=-=-=-=
- Tum Jante Ho Mery Dil Ki Awaaz….???
- Khair Choro!! Jante Hote To Mere Hote…!!
- =-=-=-=-=
- Mohabbat Kisi Se Tab Hi Karna
- Jab Mohabb!at Ko Nibhana Seekh Lo…!!
- Majburiyoon Ka Sahara Lekar Chhod Dena Wafadari Nahi Hoti…!!
- =-=-=-=-=
- Ajeeb Rist!ha Raha Kuch Is Tarha Apno Se Apna,
- Na Nafrat Ki Waja Mili, Na Mohabbat Ka Sila…!!
- =-=-=-=-=
- Kabhi na kabhi wo mere bare me sochengi zaroor…
- Ki haasil hone! ki ummid bhi nahi hai phir bhi pyaar karta
- hai mujse….
- =-=-=-=-=
- इतनी शिद्दत! से वो शख्स मेरी रगो मै उतर गया है,
- कि उसे भुलाने कि लिये मुझे मरना होगा,
- =-=-=-=-=
- मोहब्बत का अजीब दस्तूर देखा,
- जो उसकी जीत हो तो हम हार जाये,
- =-=-=-=-=
- ऐंसे नहीं न सही,
- वैसे ही सही
- बस, एक बार तुम हाँ तो कहो ?
- =-=-=-=-=
- ए जिन्दगी खत्म कर अब ये यादो के सिलसिले,
- मै थक सा गया हू दिल को तसल्लिया देते देते,
- =-=-=-=-=
- हमसे मत पू!छिए जिंदगी के बारे में
- अजनबी क्या जाने अजनबी के बारे में
- =-=-=-=-=
- तुम्हे मोहब्ब!त करना नहीं आता
- मुझे मोहब्बत के सिवा कुछ नहीं आता
- ज़िन्दगी जि! के दो ही तरीके है
- एक तरीका तुम्हे नहीं आता, एक मुझे नहीं आता
- …
- =-=-=-=-=
- किसी को भुलाने के लिए ना मर जाना तुम..
- क्या जाने कौ!न तुम्हारी राह देख रहा होगा
- !!
- =-=-=-=-=
- हम तो रो भी नहीं सकते उसकी याद में
- उसने एक बार कहा था
- मेरी जान !निकल जाएगी
- तेरे आंसू गिरने से पहले..
- =-=-=-=-=
- आँसू की कीमत जो समझ ली उन्होने..
- उन्हे भूलकर भी मुस्कुराते रहे हम
- ..
- =-=-=-=-=
- चले जायेंगे तुझे तेरे हाल पर छोड़कर
- कदर क्या होती है तुझे वक़्त सिख देगा
- ======================================
- तू हज़ार बार
- भी रूठे तो
- मना लूँगा तुझे,
- मगर! देख, मुहब्बत
- में शामिल कोई
- दूसरा ना हो.
- =-=-=-=-=
- अच्छा हुआ तुम
- किसी और के
- हो गए,
- खत्म हो गई
- फिकर तुम्हेँ अपना
- बनाने की..
- =-=-=-=-=
- जब भी वो
- उदास हो उसे
- मेरी कहानी सुना
- देना ,
- मेरे हालात पर हंसना
- उसकी पुरानी आदत
- है
- =-=-=-=-=
- शौक से तोड़ो
- दिल मेरा मुझे
- क्या परवाह,
- तुम ही रहते
- हो इसमें! अपना
- ही घर उजाडोगे.
- =-=-=-=-=
- फुरसत में करेंगें
- तु!झसे हिसाब ये
- जिंदगी |
- अभी उलझे हैं
- हम खुद को
- ही सुलझाने
- =-=-=-=-=
- वो हमारा हाल भी
- ना पुछ सके
- हमें बैहाल देखकर।
- और हम कुछ
- बता भी ना
- सके उस बेवफा
- को खुशहाल देखकर।
- =-=-=-=-=
- मेरे सारे “कसूरों” पर
- भारी ., मेरा एक
- “कसूर” है …,
- मैं उसे “पसंद” करता
- हूँ , बस !इसी
- बात का उसे
- “गुरूर” है
- =-=-=-=-=
- तेरे पास भी
- कम! नहीं, मेरे
- पास भी बहुत
- हैं,
- ये परेशानियाँ आजकल फुरसत
- में बहुत हैं…
- =-=-=-=-=
- किसी को अपना
- बनाने का हुनर
- है तुममें,
- काश किसी का
- बनकर रहने का
- हुनर भी होता…
- =-=-=-=-=
- तेरी पहचान भी न
- खो जाए! कहीं,
- इतने चेहरे ना बदल
- थोड़ी !सी शोहरत
- के लिए..
- =-=-=-=-=
- ज़िन्द!गी जब मायूस
- होती है
- तभी महसूस होती है…
- =-=-=-=-=
- उससे कह दो
- कि मेरी सज़ा
- कुछ कम कर
- दे,
- हम पेशे से
- मुज़रिम नहीं हैं
- बस गलती से
- इश्क हुआ था…
- =-=-=-=-=
- मेरी दास्ताँ!-ए-वफ़ा
- बस इतनी सी
- है,
- उसकी खातिर उसी को
- छोड़ !दिया…
- =-=-=-=-=
- रूठा रहे वो
- मुझसे ये मंज़ूर
- है हमें लेकिन,
- यारो उसे समझाओ
- के मेरा शहर
- न छोड़े…
- =-=-=-=-=
- सिखा दी बेवफ़ाई
- करना ज़ालिम ज़माने
- ने तुम्हे,
- कि तुम जो
- भी सीख जाते
- हो हम पर
- ही आ!जमाते हो…
- =-=-=-=-=
- तेरी-मेरी राहें
- तो कभी एक
- थी ही न!हीं,
- फिर शिकवा कैसा और
- शिकायत कैसी…
- =-=-=-=-=
- मिर्ज़ा ग़ालिब :
- उड़ने दे इन्
- परिंदो को आज़ाद
- फ़िज़ा में ग़ालिब,
- जो तेरे अपने
- होंगे वो लौट
- आयेंगे किसी रोज़…
- =-=-=-=-=
- इक़बाल :
- न रख उम्मीद-ऐ-वफ़ा
- किसी परिंदे से
- इक़बाल,
- जब पर निकल
- आते हैं तो
- अपने! भी आशियाना
- भूल जाते है…
- =-=-=-=-=
- वो सितारा है चमकने
- दो यूँ ही
- आँ!खों में,
- क्या ज़रूरी है उसे
- हाथ लगाकर देखो..
- =-=-=-=-=
- यूँ ना खींच
- मुझे अपनी तरफ
- बेबस कर के,
- ऐसा ना हो
- के खुद से
- भी बिछड़ जाऊं
- और तू भी
- ना मिले..
- =-=-=-=-=
- वफादार और तुम…??
- ख्याल अच्छा है,
- बेवफा और हम…??
- इल्जाम भी अच्छा
- है…
- =-=-=-=-=
- Isse acha hum ch!and se mohbbat kar lete …!
- Lakh dur sahi par dikhai to deta hai…!
- =-=-=-=-=
- Is Baarish Kay !Mausam Main Ajeeb Si Kashish Hai
- Na Chahte Howay Bhi Koi Shidat Say Yaad Aata Hai….…
- =-=-=-=-=
- Ahistaa Ahistaa Z!indagi Se Nafrat Ho Rahi Hai…
- Lagta He Dubara Is Dil Ko Muhabat Ho Rahi Hai…
- =-=-=-=-=
- ये दुनिया वाले भी बड़े अजीब होते है
- कभी दूर तो कभी! क़रीब होते है
- दर्द ना बताओ तो हमे कायर कहते है
- और दर्द बताओ तो हमे शायर कहते है ….
- =-=-=-=-=
- Dushman Ho, To Ishq Jesa
- Seedha Dil Per, Waar Kare..
- =-=-=-=-=
- क़ब्रों में नहीं हमको किताबों में उतारो,,
- हम लोग मुहब्बत की कहानी में मरे हैं..!!
- =-=-=-=-=
- कितना भी चाहो ना भूला पाओगे
- हमसे जितना दूर जाओ नज़दीक पाओगे
- हमे मिटा सकते हो तो मिटा दो
- यादें मेरी, मगर….
- क्या सपनो से जुदा कर पाओगे हमे!!
- =-=-=-=-=
- अब तुझे रोज़ ना सोचें तो तड़प उठते हैं हम…..!
- एक उम्र हो गयी है !तेरी याद का नशा करते करते….!!
- =-=-=-=-=
- जिंदगी में दोस्त बहुत कम मिलेंगे,
- हर मोड़ पे गम !ही गम मिलेंगे.
- जिस मोड़ पे आपको छोड़ देगी ये दुनियाँ,
- उस मोड़ पे आपको सिर्फ़ हम मिलेंगे.
- =-=-=-=-=
- कसूर मेरा था तो कसूर उनका भी था,
- नज़र हमने जो उठाई थी तो वो झुका भी सकते थे…”
- =-=-=-=-=
- अजीब शख्स है..
- इश्क मे खुशियां तलाशता है….
- =-=-=-=-=
- तनहा रहेने का भी अपना मज़ा है दोस्तों…….
- यकीन होता है की कोई छोड़कर नहीं जायेगा,
- और
- उम्मीद नहीं होती किसी के लौट आने की…!!
- =-=-=-=-=
- वो सो जाते हे अक्सर हमें याद् किये बगैर,
- हमें नींद भी नहीं !आती उनसे बात किये बगैर.
- कसूर उनका नहीं हमारा है….
- उन्हें चाहा भी तो उनकी इजाज़त के बगैर……!!
- =-=-=-=-=
- हर कोई मुझे जिंदगी जीने का तरिका बताता है।
- उन्हे कैसे सम!झाऊ की एक ख्वाब अधुरा है मेरा…
- वरना जीना तो मुझे भी आता है.
- =-=-=-=-=
- शौक था अपना-अपना..
- किसी ने इश्क किया,
- तो कोई जिंदा रहा…
- =-=-=-=-=
- ” तू होश में थी फिर भी हमें पहचान न पायी..,
- एक हम है कि पी कर भी तेरा नाम लेते रहे….”
- =-=-=-=-=
- हम तो मशहुर थे अपनी तनहाइयों के लिए ,
- मुद्तों बाद किसीने पुकारा है,
- एक पल तो हम रुक कर सोचने लगे,
- कया यही नाम हमारा है ?
- =-=-=-=-=
- बिकने वाले !और भी हैं, जाओ जा कर ख़रीद लो
- हम ‘कीमत’
- से नहीं ‘क़िस्मत’ से मिला करते हैं.
- =-=-=-=-=
- अगर प्यार में पैसे की अहमियत
- नहीं होती तो हर कहानी में
- लड़की के ख्वा!बों में कोई राजकुमार
- ही क्यों होता है?
- कभी सुना है कि “मेरे सपनों का मोची,
- बारात ले कर आएगा” ???….
- =-=-=-=-=
- ये वक़्त बेवक़्त मेरे ख्यालों में आने की आदत छोड़ दो तुम,
- कसूर तुम्हारा होता है और लोग मुझे आवारा समझते हैं..!!
- =-=-=-=-=
- ख्वाइश बस इतनी सी है की तुम मेरे लफ़्ज़ों को समझो….
- आरज़ू ये नही की लोग वाह वाह करें.
- =-=-=-=-=
- गिरा दे जितना पानी है तेरे पास ऐ बादल.
- ये प्यास किसी के मिलने से बुझेगी तेरे बरसने से नही।
- =-=-=-=-=
- किसी को मिल गया मौका, बुलन्दियों को छूने का,
- मेरा नाकाम होना भी किसी के काम तो आया।
- =-=-=-=-=
- ना जाने इस ज़ि!द का नतीजा क्या हो…..
- समझता दिल भी नहीं, वो भी नहीं,मैं भी नहीं….!!
- =-=-=-=-=
- आदत मुझे अँ!धेरों से डरने की डाल कर……..
- कोई मेरी जिंदगी को रात कर गया…..!!
- =-=-=-=-=
- मुझे देख कर तेरी हैरानी लाज़मी है…..
- इस दौर में इंसान कम ही मिला करते हैं…!!
- =-=-=-=-=
- है तमन्ना फिर, मुझे वो प्यार पाने की…….
- दिल है पाक मेरा , ना कोशिश कर आज़माने की …!!
- =-=-=-=-=
- तेरी इस बेवफ़ाई पे फिदा होती है जान मेरी….
- खुदा ही जाने… अगर तुझमें
- वफ़ा होती तो क्या होता…!!
- =-=-=-=-=
- वो कतरा बनके हुए आपे से बाहर …
- मैँ दरिया होक!र भी अपनी औकात मेँ हूँ”
- …
- =-=-=-=-=
- हुनर-ओ-इश्क अब सीख कर आया हूँ………
- चलो फिर से खेल! दिल का खेलते है…..!!
- =-=-=-=-=
- खुदा भी अब मुझसे बहुत परेशान है……
- रोज़ रोज़ जब से दुआ में तुझे मांगने लगा हूँ….!!
- =-=-=-=-=
- तुम बहुत दिल-नशीन थे मगर…….
- जब से किसी और के हो गए हो….ज़हर लगते हो…..!!
- =-=-=-=-=
- इस कदर शिद्दत से चाहा था मैने उसको यारो…….
- अगर दुश्मन भी होता तो निभाता उम्रभर……!!
- =-=-=-=-=
- न जाने क्यूं हमें इस दम तुम्हारी याद आती है……
- जब आंखों में चमकते हैं सितारे शाम से पहले…!!
- =-=-=-=-=
- खेल रहा हूँ इसी उम्मीद पे मुहब्बत की बाजी…….
- कि एक दिन जीत! लेंगे उन्हें, सब कुछ हार के अपना….!!
- =-=-=-=-=
- लगता है इस बार मुझे मोहब्बत होकर ही रहेगी,
- आज रात ख्वाब में मैंने खुद को बरबाद होते देखा है….
- =-=-=-=-=
- हम भी !अक़्सर इन फूलो कि तरह तन्हा रहते हैँ..
- कभी ख़ुद टूट जाते है, कभी लोग हमे तोड़ जाते है..
- =-=-=-=-=
- ऊँची इमारतों में छुप गया मकान मेरा……..
- कुछ लोग मेरे नसीब का…
- सूरज भी ले गए….
- =-=-=-=-=
- ख्वाइश बस इतनी सी है की तुम मेरे लफ़्ज़ों को समझो….
- आरज़ू ये नही की लोग वाह वाह करें..
- =-=-=-=-=
- वोह भी
- बेवफ़ा निकले,
- औरों की तरहा..
- सोचा था की उनसे
- ज़माने की बेवफ़ाई का गीला करेंगे..!!
- =-=-=-=-=
- ईस राह-ऐ-मुहब्ब!त की बस बात ना पूछिये..
- अनमोल जो ईंनसान थे, बे-मोल बीक गये.!
- =-=-=-=-=
- तेरी तलाश में निकलू भी तो क्या फायदा…
- तुम बदल ग!ए हो…
- खो गए होते तो और बात थी….
- =-=-=-=-=
- tasavur main zaroor aoo,magar tairna to seekho …
- tum aksar doob jatay ho mere ashkoon k pani main …
- =-=-=-=-=
- karo phir se koi wadda ,kabhi na phir bichhadne ka ….
- tumhein kaya faraq padta hai chalo phir se mukkar jana …
- =-=-=-=-=
- Mere Liye Na Sahi In K Liye aa Jao,,,,,,,
- “Tum Se Bepanah Mohabat Karti Hain Ye AAnkhen……….!!
- =-=-=-=-=
- Tumhare jane k baad kaun rokta humein……….!!
- So jee bhar k khud ko barbaad kya..!!
- =-=-=-=-=
- Tumhare sath dekhi! thi warna zindagi mujhko
- na tab mehsoos hoti thi na ab mehsoos hoti hai…
- =-=-=-=-=
- Na karo takraar, mujhe tumhara hi khayaal hai,
- Phir baat se baat nikle gi, aur tum rooth jaoge..!!
- =-=-=-=-=
- Auron se to umeed ka rishta bhi nahi tha….
- Tum itne badal jao gay socha bi nai tha…..
- =-=-=-=-=
- Nazar bacha ke guzarna hai to guzar jao,
- Main aaina hoon !meri apni zimmedari hai. . !!
- =-=-=-=-=
- Zuban khamosh hai !ekin meri aankhon mein likkha hai !
- Ki haal-e-dil padha jaata hai, batlaaya nahi jaata !!
- =-=-=-=-=
- Ek Hum Hain Jo! Tere Baad Naa Jee Paaye’n Ge
- Aik Tum Ho Ke Naya Ishq Karo Ge, Kal Se….!!!
- =-=-=-=-=
- Muskurana Toh Meri Shaksiyat Ka Ek Hissa Hai E Dost…
- Tum Mujhe Khush Samajhkar Duaon Mein Bhool Mat Jaana…
- =-=-=-=-=
- Tere ehsas ne hume aisa nasha diya…
- ab sharab se narfat see hogayee…
- =-=-=-=-=
- Juda Ho Kr Bhi Dono Jee Rahe Hein ek Muddat Se
- Kabhi Dono Hi Kehte The Judai Maar DaLe Gi..
- =-=-=-=-=
- Bohat Mushkil Ho G!aya Hai Khud Ko Sambhal Rakhna,
- Magar Woh Keh Gayaa Hai “Apna” Khaiyal Rakhna
- =-=-=-=-=
- इश्क़ और तबियत !का कोई भरोसा नहीं,
- मिजाज़ से दोनों ही दगाबाज़ है, जनाब।
- =-=-=-=-=
- “हमें तो प्यार के दो! लफ्ज ही नसीब नहीं,,
- और बदनाम ऐसे जैसे इश्क के बादशाह थे हम”!!
- =-=-=-=-=
- मोहब्बत कब हो जाए किसे पता..
- हादसे पूछ! के नही हुआ करते …
- =-=-=-=-=
- सब कुछ किया पर नाम ना हुआ,
- महोबत क्यां करली बदनाम हो गए।
- =-=-=-=-=
- उसकी आँखों में नज़र आता है सारा जहां मुझ को;
- अफ़सोस कि उन आँखों में कभी खुद को नहीं देखा।
- =-=-=-=-=
- उसने मुज से पुछा..मेरे बिना रह लोगे..??
- सांस रुक गई..और उन्हें लगा..हम सोच रहे है..
- =-=-=-=-=
- दावे मोहब्बत! के मुझे नहीं आते यारो ..
- एक जान है जब दिल चाहे मांग लेना ..
- =-=-=-=-=
- Tum Mohabbat bhi Maosam Ki Tarha Nibhate Ho,
- Kabhi baraste !Ho Kabhi ek boond Ko Tarsate Ho,
- =-=-=-=-=
- Mayoos Ho Gaya Hun Mai Zindagi Ke Is Safar Se,
- Maqsad Ki Muhabat Aur Matlab Ki Dosti Se….!
- =-=-=-=-=
- Ajeeb hala!t hote hain is Muhabbat mein Dil ke ,
- Udaas jab bhi Yaar ho Qasoor apna lagta hai…
- =-=-=-=-=
- Hum Ko Maloom Nahin Chahat Ke Taqaze Lekin ,
- Hum Ne Teri Baaton Ke Siwa Har Baat Bhula Rakhi Hai
- =-=-=-=-=
- Dal de apni duaon ke kuchh alfaz meri jholi me,
- Kya pata tere lab hile aur meri zindagi sawar jaye..
- =-=-=-=-=
- Anjaam-e-wafaa ye hai, jisne bhi muhabbat mein..
- Marne ki duaa maangi, jeene ki sazaa paai!!!!!
- =-=-=-=-=
- Woh Rasta Jo Hamain Uske Dil Tak Le Jata
- Umar Saari Usi Rastay Ki Talaash Mai Guzri…..
- =-=-=-=-=
- Koi to hai mere andar mujhe sambhale hue ‘Rakshat’..
- Ke be-qaraar sa reh kar bhi bar-qaraar hun main…
- =-=-=-=-=
- Jo guzaari na ja saki hum se,
- Hum ne woh zindagi guzaari hai..
- =-=-=-=-=
- Jise khud se hi nahin furstain,
- Jise khayal apne kamaal ka,
- Usey kya khabar mere shoq ki,
- Usey kya pata mere haal ka..
- =-=-=-=-=
- Bohat Khush Qismat Hain wo Log Yaqeen Jano…!!!
- Jo Mangty B Nahi, Rotay B Nahi,Or Muhabbat Paa letay
- Hain….!!
- =-=-=-=-=
- Ulfatein, Ulj!hanein, Ranjishein aur Thakawat,
- Bas Yu’n hi ek Din aur Beet Gaya Zindagi Ka . . .
- =-=-=-=-=
- Baat to hai aam si, per itni aam bhi nahi…………………,
- Sub ko khushiyan mil jati hain , mera hissa kho jata hai…
- =-=-=-=-=
- Sach Kaha Tha Kisine Tanhai Me Jina Sikh . . . . .
- Mohabbat Jita!ni Bhi Sachi Ho Sath Chhod Hi Jati Hai…
- =-=-=-=-=
- Kamaal ka Tana Diya Kisi Ne Mujhe Aaj,
- Agar Woh Tera Hai Toh Tere Paas Kyon Nahin …
- =-=-=-=-=
- Wajah poochhne ka to mauqa hi na mila bus !!
- Woh lehj!ah badalty gaye aur hum ajnabi hoty gaye…
- =-=-=-=-=
- Kis k Ho…?
- Bus Tumhari Hun,
- Tere Ye alfaaz..
- Kitny Pyare hain..
- =-=-=-=-=
- Mere Jism Se Uski Khushbu Aaj Bhi Aati He…
- Main Ne Fursat Mein Kabhi Seeny Se Lagaya Tha Usay..
- =-=-=-=-=
- Aakhir Kaise Bhula De Hum Unhein…!!
- Maut Insano Ko Aati Hai’ Yaadon ko Nahi…!!
- =-=-=-=-=
- Muhabbat Or Wafa Ki Sada Se Dushmani Hai…………..,
- Na Wafa Se Mohabbat Milte Hai Na Mohabbat Se Wafa…
- =-=-=-=-=
- Koi Nahi Yaad Karta Wafa Karne Waley Ko….!!
- Meri Maano Bewafa Ho Jaao’ Zamana Yaad Rakhega…!!
- =-=-=-=-=
- Saari dunyia badal gayee janaa
- Tere taiwar m!agar nahi badley..
- =-=-=-=-=
- Haan main tumhe bhula na saka..
- kabhi dil ne ija!zat he na di….
- =-=-=-=-=
- Log Shameel The Aur Bhi Laikin..
- Dil Teri Kosis!hoon Se Toota Hai…
- =-=-=-=-=
- Koshish o Ke B!awajood b Jo Mukammal Na Ho Saken,
- Tera Naam Bhi Unhin Khwahishon Mein Hai…..
- =-=-=-=-=
- Hum Ne Khud Me Tumko Peroya Hai Ek Tasbeeh Ki Tarha..
- Agar Hum Toot gaye To Bikhar Tum Bhi Jao Ge…
- =-=-=-=-=
- Tere Bin Kuch Be-Chain Sa Rehne Laga Hun,
- Kambakht !Ashk Bhi Tujhse Milne Nikal Parte Hain..
- =-=-=-=-=
- Bataaon tumhe ka!haani udaas logon ki,?
- Kabhi ghaur karna yeh hanstey bohat hain..
- =-=-=-=-=
- Muhabat Jeet Jayegi……….. Agar Tum Maan Jao To,
- Mere Dil Main! Tumhi Tum Ho Yeh Akhir Jan Jao To…
- =-=-=-=-=
- KHushk tinkon se ghar bana rahe ho”…
- Ye jante bhi ho mizaaj-e-Yaar AAG jesa hai…
- =-=-=-=-=
- Woh Jo Bichra Tu Main Ne Jana
- Lo! Mar Kar Bi Jiya Kartey Hai’n..!!
- =-=-=-=-=
- Youn Bh!i To Raaz Khul Hi JaayeGa Ek Din Humari Mohabbat
- Ka…!!
- Mehfil Mein Jo Hum Ko Chorr Kar Sab Ko Salaam Karte Ho…!!
- =-=-=-=-=
- Tere Ishq Se Mili Hai Mere Wajood Ko Ye Shohrat…!
- Mera Jikr Hi !Kaha Tha Teri Daastan Se Pehle…
- =-=-=-=-=
- naraaz kyu hote ho chale jayenge teri mehfil se
- muje mere dil ke tukde to uthane to do…
- =-=-=-=-=
- Be wafaa wakt thaa..
- Tum thy…
- ya Muqaddar meraa
- baat itni hy k anjaam Judaai niklaaa.
- =-=-=-=-=
- वादा निभाया ना जाए
- तो वादा किया
- ना कर,
- इस!खेल में
- वादे नही दिल
- टूटा करते हैं…
- =-=-=-=-=
- दिल वो नगर
- नहीं है कि
- फिर आबाद हो
- सके,
- पछताओगे सुन लो
- सजन ये बस्ती
- उजाड़ के…
- =-=-=-=-=
- मिलना था इत्तफाक,
- बिछड़ना नसीब था,
- वो इतनी दूर
- हो गया जितना
- करीब था…
- =-=-=-=-=
- कितने सुलझे हुए तरीके
- से,
- मुझको उलझन में
- डाल जाते हो
- तुम…
- =-=-=-=-=
- किन लम्हों को भूलूं
- किन्हे याद रखूं
- ये सोचता हूं
- अक्सर,
- गर कुछ लम्हों
- ने सब कुछ
- दिया तो कुछ
- ने सब ले
- भी लिया…
- =-=-=-=-=
- तुम किसी और
- से इश्क कर
- लो,
- हमें अमीर होने
- में ज़रा वक़्त
- लगेगा…
- =-=-=-=-=
- आजकल सब कहते
- हैं मैं बुझा-बुझा सा
- रहता हूँ,
- अगर जलता रहता
- तो कब का
- खाक हो जाता..
- =-=-=-=-=
- हर ज़ुल्म तेरा याद
- है भूला तो
- नहीं हूँ,
- ऐ वादा फरामोश
- मैं तुझ सा
- तो नहीं हूँ..
- =-=-=-=-=
- मुझे ना ढूंढ
- ज़मीन-ओ-आसमां
- की गर्दिशों में,
- मैं अगर तेरे
- दिल में नहीं
- तो कहीं भी
- नहीं…
- =-=-=-=-=
- किसे मालूम था इश्क
- इस क़दर लाचार
- करता है,
- दिल उसे जानता
- है बेवफा मगर
- प्यार करता है…
- =-=-=-=-=
- उस शक्स में
- बात ही कुछ
- ऐसी थी..
- हम अगर दिल
- न देते तो
- जान चली जाती
- =-=-=-=-=
- वो जान गयी
- थी ,हमे दर्द
- में मुस्कराने की
- आदत हैं
- वो रोज नया
- जख्म !देती थी
- मेरी ख़ुशी के
- लिए
- =-=-=-=-=
- ये जो मेरे
- दामन पर कजरारे
- छींटें! हैं थोड़े-बहुत
- झाँक के देखो,तेरे गिरेबाँ
- से धूल कुछ
- उडी लगती है
- =-=-=-=-=
- जुर्म में हम
- कमी! करें भी
- तो क्यों …?
- तुम सजा भी
- तो कम नहीं
- करते ….!
- =-=-=-=-=
- दिल गया तो
- कोई आँखे भी
- ले जाता
- फकत ए!क ही
- तस्वीर कहाँ तक
- देंखू
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