⧭⧭जिंदगी देने वाले, मरता छोड़ गये,
अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये,
जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की,
वो जो साथ चलने वाले रास्ता मोड़ गये🔀🔀🔀
2)
🔝🔝दिल की किताब में गुलाब उनका था,
रात की नींद में ख्वाब उनका था,
कितना प्यार करते हो जब हमने पूछा,
मर जायंगे तुम्हारे बिना ये जबाब उनका था🔝🔝
3)
🔝🔝और कोई गम नहीं एक तेरी जुदाई के सिवा,
मेरे हिस्से में क्या आया तन्हाई के सिवा,
यूँ तो मिलन की रातें मिली बेशुमार,
प्यार में सब कुछ मिला शहनाई के सिवा🔝🔝🔝
4)
🔝🔝जीना चाहा तो जिंदगी से दूर थे हम
मरना चाहा तो जीने को मजबूर थे हम
सर झुका कर कबूल कर ली हर सजा
बस कसूर इतना था कि बेकसूर थे हम।
5)
⧪⧪उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है!
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है!
दिल टूटकर बिखरता है इस कदर!
जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है⧭⧭
6)
🔝🔝कभी कभी मेरी आँखे यूँ ही रो पडती है,
मै इनको कैसे समझाऊँ,
कि कोई शक्स सिर्फ चाहने से ही अपना नही हो जाता,
किस्मत की लकीरें भी चाहिए🔝🔝
7)
🔝🔝कब उनकी आँखों से इज़हार होगा
दिल के किसी कोने में हमारे लिए प्यार होगा
गुज़र रही हे रात उनकी याद में
कभी तो उनको भी हमारा इंतज़ार होगा..
8)
देख मेरी आँखों में ख्वाब किसके हैं
दिल में मेरे सुलगते तूफ़ान किसके हैं
नहीं गुज़रा कोई आज तक इस रास्ते से
फिर ये क़दमों के निशान किसके हैं
9)
जिन्दगी तो है पर कुछ खास नहीं,
होठो पे उनका नाम तो है पर उन्हें एहसास नहीं,
दिल में उनके लिए प्यार तो है पर उन्हें आभास नहीं,
अपना बनाना चाहते हैं पर अब उन्हें अपना बनाने की उम्मीद भी हमारे पास नहीं🔝🔝
10)
🔝🔝दिल में छुपाया राज हर खोला नहीं जाता
गर घाव दे कोई लफ्ज वो बोला नहीं जाता
कुछ तो यकीन किजिए इन चाहतों पे भी
अविश्वास पे हर रिश्ता कभी तोला नहीं जाता⧭⧭
11)
⧬⧬उल्फत का यह दस्तूर होता है,
जिसे चाहो वही हमसे दूर होता है,
दिल टूट कर बिखरता है इस क़द्र जैसे,
कांच का खिलौना गिरके चूर-चूर होता है⧭⧭
12)
⧪⧪अक्सर भूल भी जाता हूँ मैं तुझे,
शाम की चाय में.. चीनी की तरह..
फिर जिंदगी का फिकापन..
तेरी कमी का अहसास दिला देता है⧬⧬
अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये,
जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की,
वो जो साथ चलने वाले रास्ता मोड़ गये🔀🔀🔀
2)
🔝🔝दिल की किताब में गुलाब उनका था,
रात की नींद में ख्वाब उनका था,
कितना प्यार करते हो जब हमने पूछा,
मर जायंगे तुम्हारे बिना ये जबाब उनका था🔝🔝
3)
🔝🔝और कोई गम नहीं एक तेरी जुदाई के सिवा,
मेरे हिस्से में क्या आया तन्हाई के सिवा,
यूँ तो मिलन की रातें मिली बेशुमार,
प्यार में सब कुछ मिला शहनाई के सिवा🔝🔝🔝
4)
🔝🔝जीना चाहा तो जिंदगी से दूर थे हम
मरना चाहा तो जीने को मजबूर थे हम
सर झुका कर कबूल कर ली हर सजा
बस कसूर इतना था कि बेकसूर थे हम।
5)
⧪⧪उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है!
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है!
दिल टूटकर बिखरता है इस कदर!
जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है⧭⧭
6)
🔝🔝कभी कभी मेरी आँखे यूँ ही रो पडती है,
मै इनको कैसे समझाऊँ,
कि कोई शक्स सिर्फ चाहने से ही अपना नही हो जाता,
किस्मत की लकीरें भी चाहिए🔝🔝
7)
🔝🔝कब उनकी आँखों से इज़हार होगा
दिल के किसी कोने में हमारे लिए प्यार होगा
गुज़र रही हे रात उनकी याद में
कभी तो उनको भी हमारा इंतज़ार होगा..
8)
देख मेरी आँखों में ख्वाब किसके हैं
दिल में मेरे सुलगते तूफ़ान किसके हैं
नहीं गुज़रा कोई आज तक इस रास्ते से
फिर ये क़दमों के निशान किसके हैं
9)
जिन्दगी तो है पर कुछ खास नहीं,
होठो पे उनका नाम तो है पर उन्हें एहसास नहीं,
दिल में उनके लिए प्यार तो है पर उन्हें आभास नहीं,
अपना बनाना चाहते हैं पर अब उन्हें अपना बनाने की उम्मीद भी हमारे पास नहीं🔝🔝
10)
🔝🔝दिल में छुपाया राज हर खोला नहीं जाता
गर घाव दे कोई लफ्ज वो बोला नहीं जाता
कुछ तो यकीन किजिए इन चाहतों पे भी
अविश्वास पे हर रिश्ता कभी तोला नहीं जाता⧭⧭
11)
⧬⧬उल्फत का यह दस्तूर होता है,
जिसे चाहो वही हमसे दूर होता है,
दिल टूट कर बिखरता है इस क़द्र जैसे,
कांच का खिलौना गिरके चूर-चूर होता है⧭⧭
12)
⧪⧪अक्सर भूल भी जाता हूँ मैं तुझे,
शाम की चाय में.. चीनी की तरह..
फिर जिंदगी का फिकापन..
तेरी कमी का अहसास दिला देता है⧬⧬
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