Hindi Sad Shayari shayari2017

मेरे लहजे की मिठास तुझे बहुत रुलाएगी, जब तेरी बेरुखी पे कोई बेरुखी दिखायेगा⇙⇙

⇖⇖रुक गयी ज़िन्दगी बस एक मोड़ पर उसके बिन यु ही मौसम गुज़रते गए. दिल के आँगन में रोती रही हसरते आंखें ज़िंदा रही ख़्वाब मरते गए..!!  पलकें भिगोने लगता हैं अब भी तेरा ख़याल, यादों के शहर से तेरा मौसम नहीं गया⇖⇖

 ⇖⇖काश खुदा ने हमे अच्छा न बनाया होता, कम से कम किसी को दुःख तो नहीं होता हमसे "बिछड़ने" के बाद⇖⇖

बेताब से रहते हैं तेरी याद में अक्सर, रात भर नहीं सोते तेरी याद में अक्सर, जिस्म में दर्द का बहाना सा बना कर, हम टूट के रोतें हैं, तेरी याद में अक्सर..!! मेरे लफ़्ज़ों की पहचान अगर वो कर लेती... ⇎उसे मुझ से ज्यादा, खुद से ही मोहबत हो जाती⇖⇖

 फुर्सत मिले तो देख ज़रा दिल का आइना, उस में है क़ैद एक अक्स तेरे गुनाह का...!!

⇖जिसने अंदाज़ दिया मुझे मुस्कुराने का, उसे ही शौक है मुझे रुलाने का.. जो लहरों से छीन कर लायी थी किनारे पर, अब उसे ही इंतज़ार है मेरे डूब जाने का...!!!


⇖⇖बदला वफ़ा का देंगे बड़ी सादगी से हम, तुम हम से बेवफा हो गयी और ज़िन्दगी से हम...!!!

⇖⇖जब तेरी धुन में जिया करते थे, हम भी चुप चाप फिर करते थे, वह भी क्या दिन थे भुला कर तुझको, हम तुझे याद किया करते थे, जब तेरे दर्द में दिल दुखता था, हम तेरे हक़ में दुआ करते थे. आज तुझे देख कर याद आया है, हम कभी खुश भी ⇖⇖हुआ करते थे..!!

 न तड़पता दिल, न रोता दिल, न लबों पे नाम तेरा होता, हम तेरी ही तम्मना क्यों करते अगर तेरे जैसा कोई और होता..!!


खुशियाँ हो तो नींदों का भी रहता हैं सिलसिला, अगर चाहने वाले बिछड़ जाए तो सोया नहीं जाता..!!

⇖⇖तेरी तलब की हद ने ऐसा जूनून बक्शा है, हम नींद से उठ गए तुझे ख्वाब मैं तनहा देख कर..!!

⇖⇖बहुत अंदर तक जला देती है, वो "शिकायतें" जो कभी बयां नहीं होती⍐

⇖⇖कभी मोम बन के पिघल गया, कभी गिरते गिरते संभल गया, उसे भूलूँ भी तो किस तरह से, मेरे दिल से वो न निकल सका, कभी तड़पता था मेरी आह से, आज अश्क से बी न पिघल सका.!

⇖⇖बीच राह मिला वो अगर कभी, तो नज़र चुरा कर गुज़र गया, वो उतर गया मेरी आँखों से, मेरे दिल से क्यों न उतर सका⇖⇖

वो चला गया जहाँ छोड़ कर, मैं वहां से फिर न पलट सका...

वो तो सम्भल गया मुझे छोड़ कर, मैं बिखर के फिर न सिमट सका...!!!

टपक पड़ते हैं आंसू जब याद उसकी आती है, यह वो बरसात है, जो हर मौसम में होती है......!!!

हमारी रूह में न समाये होते तो भूल जाते, इतना करीब न आये होते तो भूल जाते, ये कहते हुए की मेरा ताल्लुक नहीं तुमसे कोई, गर आँखों में आंसू न आये होते तो भूल जाते..!!



बहुत तड़पाते हैं तेरे साथ गुज़ारे हुए लम्हे, कभी खुद रो पड़ते हैं, तो कभी तेरी यादें रुला देती हैं..!!

तेरे बाद किसी को प्यार से न देखा मेने, मुझे इश्क़ का शौक है, आवारगी का नही..!!


ज़िन्दगी है बेवफा इसलिए चुप हूँ, दर्द ही दर्द है सुबह शाम इसलिए चुप हूँ, कह दू ज़माने से कैसे दास्तान अपनी, उसमे आएगा तेरा नाम इसलिए चुप हूँ..!!

मुझे पाकर शायद तुम्हे कुछ एहसास न हो, मुझे खोने का ग़म तुम्हे बहुत तड़पायेगा..!!

होती नहीं थी इतनी ख़ुशी उनके आने के बाद, दर्द होता है जितना उनके चले जाने के बाद, मिटा दिया उन्होंने साथ बिताये सारे लम्हों को⇖⇖आंसू भी तो अब निकलते नहीं सूख जाने के बाद...

⇖⇖बिना उस के ज़िन्दगी दर्द-अ-तन्हाई है, मेरी आँखों में क्यों मौत सिमट आई है. कहते हैं लोग इश्क़ को इबादत फिर इबादत में क्यों इतनी रुस्वाई है.. महफ़िल मे रह कर भी तनहा रहना, ये अदा उसकी मोहब्बत ने सिखाई है... उससे तालुक है कुछ ऐसा दिल का, जब बी सोचा उसको आँख भर आई है....!!!!

⇶रिश्तों का धागा इतना कच्चा नहीं होता, किसी का दिल तोडना अच्छा नही होता, प्यार तो दिल की आवाज़ है, कौन कहता ह एक ⇶⇶तरफ़ा प्यार सच्चा नहीं होता..!!

⇶⇶मेरे दिल में झाँक कर देखे कोई, कितनी मासूम तमन्नाओं ने दम तोड़ दिया...!!!!

⇶⇶इंतजार की आरज़ू अब खो गयी है खामोशियों की आदत हो गयी है, न शिकवा रहा न शिकायत किसी से अगर है तो एक मोहब्बत जो इन तन्हाईओं से हो गयी है..!!

⇶⇶आये न अगर तुम्हे याद हमारी, हम नहीं करेंगे दुनिया से शिकायत तुम्हारी, बेवफा हो तुम ये न कहेंगे किसी से कहेंगे की कमी थी वफ़ा में हमारी..!!

⇶⇶तेरे न होने से ज़िन्दगी में बस इतनी सी कमी रहती है, में चाहे लाख मुस्कुराऊँ इन आँखों में नमी सी रहती है⇶⇶

⇶⇶वो याद करेगी मेरी मोहब्बत को जब जब, रोएगी फिर से मेरा होने के लिए..!!

⇶⇶उसकी मोहब्बत में खता कर रहा हूँ, एक बेवफा से वफ़ा कर रहा हूँ, वो ठुकराये तो क्या हुआ ऐ मेरे खुदा, उसे ख़ुशी दे ⇶⇶तुझसे यही दुआ कर रहा हूँ..!!

⇶⇶मेरा क्या हाल ह तेरे बिना कभी देख तो ले आकर, जी रहा हूँ तेरा भुला हुआ वादा बन कर..!!

⇶⇶तेरी जुदाई के शिकवे में किस से करूँ...??? यहाँ हर कोई अब भी तुझे मेरा ही समझता है..!!!

⇶⇶सोचा तुझे" देखा तुझे" चाहा तुझे..!! मेरी खता तो मेरी वफ़ा है... क्या तेरी खता कुछ भी नहीं ??

⇶⇶उसने समझा ही नहीं, और न समझना चाहा, की में चाहता भी क्या था उस से , सिर्फ उस के सिवा..!!

⇶⇶कोन खरीदेगा अब मोतियों के दाम में तेरे आंसू, वो जो तेरे दर्द का तलबगार था, मोहब्बत छोड़ दी उस ने⇶⇶

⇶⇶हम नादान थे जो उसको अपना हमसफ़र समझ बैठे... वो चलती तो मेरे साथ थी मगर किसी और की तलाश में⇶⇶

⇶⇶डर नहीं लगता मुझे हार जाने से, हारोगे तुम मेरे दूर जाने से, आज पास हूँ तोह क़दर नहीं करती, यकीं करो टूट जाओगी तुम भी मेरे चले जाने से..!!

⇶पढ़ने वालों की कमी हो गयी है इस ज़माने में, नहीं तो गिरता हुआ एक एक आंसू पूरी किताब है..!!

⇶इस दुनिया मैं वफ़ा करने वालो की कमी नहीं है, बस प्यार ही उससे हो जाता ह जिसे क़दर न हो... 

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