क्यों मरते हो यारो, बेवफा सनम के लिए;
दो गज़ ज़मीन भी नहीं मिलेगी तेरे दफ़न के लिए;
मरना है तो मरो अपने वतन के लिए;
हसीना भी दुपट्टा उतार देगी तुम्हारे कफ़न के लिए~~
दो गज़ ज़मीन भी नहीं मिलेगी तेरे दफ़न के लिए;
मरना है तो मरो अपने वतन के लिए;
हसीना भी दुपट्टा उतार देगी तुम्हारे कफ़न के लिए~~
No comments :
Post a Comment