Sunday 21 May 2017

ज़रूरी नहीं कि जिसके हम हों वो भी हमारा हो

ज़रूरी नहीं कि जीने का कोई सहारा हो;
ज़रूरी नहीं कि जिसके हम हों वो भी हमारा हो;
कुछ कश्तियाँ डूब जाया करती हैं;
ज़रूरी नहीं कि हर कश्ती के नसीब में किनारा हो~~

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