मोहब्बत से, इनायत से, वफ़ा से चोट लगती है;
बिखरता फूल हूँ, मुझको हवा से चोट लगती है;
मेरी आँखों में आँसू की तरह इक रात आ जाओ,
तकल्लुफ़ से, बनावट से, अदा से चोट लगती है↵↵↵
बिखरता फूल हूँ, मुझको हवा से चोट लगती है;
मेरी आँखों में आँसू की तरह इक रात आ जाओ,
तकल्लुफ़ से, बनावट से, अदा से चोट लगती है↵↵↵
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