हर ज़ख़्म किसी ठोकर की मेहरबानी है;
मेरी ज़िंदगी की बस यही एक कहानी है;
मिटा देते सनम के हर दर्द को सीने से;
पर ये दर्द ही तो उसकी आखिरी निशानी है~~
मेरी ज़िंदगी की बस यही एक कहानी है;
मिटा देते सनम के हर दर्द को सीने से;
पर ये दर्द ही तो उसकी आखिरी निशानी है~~