ऐसा नहीं के तेरे बाद अहल-ए-करम नहीं मिले;
तुझ सा नहीं मिला कोई, लोग तो कम नहीं मिले;
एक तेरी जुदाई के दर्द की बात और है;
जिन को न सह सके ये दिल, ऐसे तो गम नहीं मिले~~
तुझ सा नहीं मिला कोई, लोग तो कम नहीं मिले;
एक तेरी जुदाई के दर्द की बात और है;
जिन को न सह सके ये दिल, ऐसे तो गम नहीं मिले~~