➤शायद अब दुश्मन भी मुरीद हैं हमारे,
➤जो वक़्त-बेवक़्त हमारी ही चर्चा किया करते हैं,
➤छुपा के खंजर बगल में हमारी गली से गुज़रते हैं,
➤और मिलने पर सलाम-नमस्ते किया करते हैं।
➤जो वक़्त-बेवक़्त हमारी ही चर्चा किया करते हैं,
➤छुपा के खंजर बगल में हमारी गली से गुज़रते हैं,
➤और मिलने पर सलाम-नमस्ते किया करते हैं।
No comments :
Post a Comment