एक मुद्दत से मेरे हाल से बेगाना है;
जाने ज़ालिम ने किस बात का बुरा माना है;
मैं जो ज़िद्दी हूँ तो वो भी है अना का कैदी;
मेरे कहने पे कहाँ उसने चले आना है⤣⤣⤣
जाने ज़ालिम ने किस बात का बुरा माना है;
मैं जो ज़िद्दी हूँ तो वो भी है अना का कैदी;
मेरे कहने पे कहाँ उसने चले आना है⤣⤣⤣
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