आरज़ू होनी चाहिए किसी को याद करने की,
लम्हें तो अपने आप मिल जाते हैं;
कौन पूछता है पिंजरे में बंद परिंदों को,
याद वही आते हैं जो उड़ जाते हैं~~~
लम्हें तो अपने आप मिल जाते हैं;
कौन पूछता है पिंजरे में बंद परिंदों को,
याद वही आते हैं जो उड़ जाते हैं~~~
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