आ जाओ किसी रोज़ तुम तो तुम्हारी रूह मे उतर जाऊँ !
साथ रहूँ मैं तुम्हारे ना किसी और को नज़र आऊँ !
चाहकर भी मुझे कोई छू ना सके मुझे कोई इस तरह !
तुम कहो तो यूं तुम्हारी बाहों में बिखर जाऊँ↵↵↵
साथ रहूँ मैं तुम्हारे ना किसी और को नज़र आऊँ !
चाहकर भी मुझे कोई छू ना सके मुझे कोई इस तरह !
तुम कहो तो यूं तुम्हारी बाहों में बिखर जाऊँ↵↵↵
No comments :
Post a Comment