तू छोड़ दे कोशिशें इंसानो को पहचानने की;
यहाँ ज़रूरत के हिसाब से सब बदलते नक़ाब हैं;
अपने गुनाहों पर सौ पर्दे डाल कर;
हर शख्स कहता है ज़माना बड़ा खराब है⤸⤸⤸
यहाँ ज़रूरत के हिसाब से सब बदलते नक़ाब हैं;
अपने गुनाहों पर सौ पर्दे डाल कर;
हर शख्स कहता है ज़माना बड़ा खराब है⤸⤸⤸