ज़रा साहिल पे आकर वो थोड़ा मुस्कुरा देती;
भंवर घबरा के खुद मुझ को किनारे पर लगा देता;
वो ना आती मगर इतना तो कह देती मैं आँऊगी;
सितारे, चाँद सारा आसमान राह में बिछा देता⇱⇱
भंवर घबरा के खुद मुझ को किनारे पर लगा देता;
वो ना आती मगर इतना तो कह देती मैं आँऊगी;
सितारे, चाँद सारा आसमान राह में बिछा देता⇱⇱